Sakat Chauth 2024 Chand Puja Vidhi : आज सकट चौथ का व्रत, जानें किस विधि से करें चांद की पूजा
Sakat Chauth 2024 Chand Puja Vidhi: मन के स्वामी चंद्रमा और बुद्धि के स्वामी गणेश की युति के कारण मन की शांति, कार्य में सफलता, प्रतिष्ठा में बुद्धि और घर से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए इस चतुर्थी का व्रत करना लाभकारी साबित होता है। आइए जानते हैं इस दिन चांद की पूजा कैसे की जाती है।



Sakat Chauth 2024 Chand Puja Vidhi: सकट चौथ का व्रत इस बार कल यानि 29 जनवरी को रखा जाएगा। यह व्रत संतान को किसी भी प्रकार की हानि से बचाने के लिए किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस व्रत को पूरा करने का एक ही नियम है। इसका कारण यह है कि चंद्रोदय और चतुर्थी का संयोग एक ही दिन होता है। दूसरे शब्दों में, चंद्रमा को अर्घ्य तभी दिया जा सकता है जब चतुर्थी के दिन चंद्रमा उदय हो। चतुर्थी तिथि होने पर ही चंद्रदेव अर्घ्य स्वीकार किया जाता है, लेकिन दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। आइए जानते हैं इस दिन चांद की पूजा विधि के बारे में।
सकट चौथ शुभ मुहूर्त ( Sakat Chauth Shubh Muhurat)अमृत (सर्वोच्च)- सुबह 7:11 से 8:32 बजे तक
शुभ (सर्वोत्तम) - सुबह 9:43 से 11:14 बजे तक
शाम - 4:37 बजे से शाम 7:37 बजे तक
दिल्ली में चांद निकलना का समय- 9 बजकर 10 मिनट पर
Sakat Chauth 2024 Chand Puja Vidhi (सकट चौथ चांद की पूजा विधि- सकट चौथ के दिन रात्रि में चंद्रमा निकलने के बाद चांदी या पीतल के लोटे में जल भरें।
- फिर गाय का कच्चा दूध, साबूत और सफेद फूल डालें। फिर चंद्र देव का स्मरण करें और उन्हें अर्घ्य दें।
- अपनी समस्याओं के निवारण और अपने बच्चों के सुखी जीवन के लिए प्रार्थना करें।
- याद रखें कि चंद्रमा को अर्घ्य देते समय पानी के छींटे आपके पैरों पर नहीं लगने चाहिए।
- अर्घ्य के प्रस्ताव के बाद अपना व्रत तोड़ें। ज्योतिष में चंद्रमा को मन का कारक कहा गया है।
- ऐसे में चंद्रमा को अर्घ्य देने से मन में चल रहे नकारात्मक विचार दूर हो जाएंगे और कुंडली में चंद्र दोष भी खत्म हो जाएगा।
सकट चौथ पर क्यों की जाती है चांद की पूजा?हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार चंद्रमा को औषधि का संरक्षक और शीतलता का कारक माना जाता है। ऐसे में सकट चौथ पर महिलाएं चंद्रदेव की पूजा करके अपने बच्चों की लंबी उम्र और स्वास्थ्य की कामना करती हैं। सकट चौथ पर चंद्रदेव को अर्घ्य देने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। कहते हैं इस दिन शाम के समय चंद्रमा को अर्घ्य देने से मन के नकारात्मक विचारों से मुक्ति मिल जाती है। ऐसा माना जाता है कि इससे स्वास्थ्य लाभ भी होता है। इसी वजह से सकट चौथ के दिन भगवान गणेश की पूजा के बाद चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है।
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