Sakat Chauth 2025 Puja Vidhi, Muhurat, Katha Live: सकट चौथ व्रत की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र, कथा, आरती समेत सारी जानकारी यहां
Sakat Chauth Vrat Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Time, Samagri, Katha, Mantra, Aarti, Sakat Chauth Moon Rise Time, Chand Nikalne Ka Samay: माघ कृष्ण पक्ष की चतु्र्थी तिथि को रखा जाने वाला सकट चौथ व्रत महिलाओं के लिए बेहद खास होता है। क्योंकि ये व्रत माताएं अपनी संतान की लंबी आयु और सुखी जीवन की कामना से रखती हैं। चलिए जानते हैं इस साल सकट चौथ व्रत कब रखा जाएगा। इसकी पूजा विधि और शुभ मुहूर्त क्या है।
Sakat Chauth 2025 Puja Vidhi, Muhurat, Katha Live: सकट चौथ व्रत की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र, कथा, आरती समेत सारी जानकारी यहां
Sakat Chauth Vrat 2025 Date, Time, Puja Vidhi (सकट चौथ व्रत 2025 पूजा विधि), Shubh Muhurat, Chand Nikalne Ka Samay, Sakat Chauth Vrat Do and Donts Updates: सनातन धर्म में माघ महीने में आने वाली संकष्टी चतुर्थी का विशेष महत्व माना गया है। जिसे सकट चौथ के नाम से जाना जाता है। इस दिन माताएं अपनी संतान की लंबी आयु और सुखी जीवन की कामना से निर्जला व्रत रखती हैं और विधि विधान भगवान गणेश की पूजा करती हैं। साथ ही सकट चौथ की कथा भी सुनती हैं। इसके बाद रात में चांद को अर्घ्य देकर व्रत का पारण किया जाता है। तो वहीं कई महिलाएं अपना व्रत अगले दिन खोलती हैं। यहां आप जानेंगे सकट चौथ व्रत के बारे में संपूर्ण जानकारी।
Sakat Chauth 2025 Ganesh Ji Ki Katha
सकट चौथ 2025 तिथि व मुहूर्त (Sakat Chauth 2025 Date And Time)
सकट चौथ पूजन के लिए पहला मुहूर्त सुबह 5 बजकर 27 मिनट से 6 बजकर 21 मिनट तक रहेगा और दूसरा मुहूर्त सुबह 8 बजकर 34 मिनट से 9 बजकर 53 मिनट तक रहेगा। तीसरा मुहूर्त सुबह 09:53 से 11:12 तक रहेगा। चौथा मुहूर्त शाम 6 से 7 के बीच रहेगा।
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सकट चौथ पूजा विधि (Sakat Chauth Puja Vidhi In Hindi)
- सकट चौथ व्रत के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठ जाएं।
- फिर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद व्रत का संकल्प लें।
- इसके बाद गणेश जी की पूजा करें।
- ध्यान रहे कि पूजा के समय आपका मुख पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ होना चाहिए।
- पूजा में तिल, तांबे के लोटे में पानी, गुड़, फूल, चंदन, भोग, प्रसाद, केला, नारियल इत्यादि चीजें जरूर शामिल करें।
- इस बात का ध्यान रखें कि आपको तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल इस पूजा में नहीं करना है।
- सकट चौथ पूजा में दुर्गा माता की प्रतिमा भी जरूर रखें।
- उन्हें फूल और भोग अर्पित करें।
- मंदिर में घी का दीपक जलाएं और इसके बाद इस मंत्र का सच्चे मन से जाप करें-
- गजाननं भूत गणादि सेवितं, कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम्।
- उमासुतं शोक विनाशकारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम्।।
- फिर शाम में चांद के निकलने से पहले फिर से गणेश जी की पूजा करें। साथ ही इस दौरान सकट चौथ की कथा भी जरूर सुनें। इसके बाद गणेश जी की आरती करें।
- आरती के बाद भगवान को तिल के लड्डू, बूंदी के लड्डू, गन्ना, शकरकंद और घी प्रसाद रूप में जरूर अर्पित करें।
- गणेश मंत्र का जाप करते हुए उन्हें 21 दुर्वा भी जरूर अर्पित करें।
- रात में चंद्र देव की विधि विधान पूजा करें।
- चांद को अर्घ्य देकर धूप-दीप दिखाएं। फिर उन्हें प्रसाद अर्पित करें।
- इस दिन गणपति बप्पा और चंद्र देव से संतान की लंबी आयु की कामना जरूर करें।
- चांद की पूजा के बाद नियम के अनुसार दूध और शकरकंदी खाकर अपना व्रत खोल लें।
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सकट चौथ व्रत कथा इन हिंदी (Sakat Chauth Vrat Katha In Hindi)
सकट चौथ की व्रत कथा अनुसार एक समय की बात है, एक नगर में एक कुम्हार रहता था। एक दिन जब कुम्हार न बर्तन बनाने के बाद आवा लगाया तो वह नहीं पका। तब कुम्हार परेशान होकर राजा के पास पहुंचा और उसने पूरी बात बताई। तब राजा ने राज पंडित को बुलाकर इसका उपाय पूछा, तब पंडित ने कहा कि कि अगर हर दिन गांव के एक-एक घर से एक-एक बच्चे की बलि दी जाए तो रोज ही आवा पकेगा। राजा ने ऐसा करने के लिए पूरे नगर को आदेश दिया। कई दिनों तक एक-एक घर से एक-एक बच्चे की बली दिए जाती रही और फिर जब एक बुढ़िया के घर की बारी आई तो वो ये सोचकर परेशान होने लगी कि उसके पास तो बुढ़ापे का एकमात्र सहारा उसका एकलौता बेटा ही है। अगर ये बलि चढ़ जाएगा तो उसका क्या होगा। तब उसने सकट की सुपारी और दूब देकर बेटे से बोला, ‘जा बेटा, सकट माता तुम्हारी रक्षा करेगी, और खुद सकट माता का ध्यान करने लगी थी। अगली सुबह कुम्हार ने देखा की आवा भी पक गया और बालक को भी कुछ नहीं हुआ और फिर सकट माता की कृपा से नगर के वो बालक भी जीवित हो गए जिनकी बलि पहले दी जा चुकी थी। कहते हैं उसी दिन से सकट चौथ के व्रत का महत्व कई गुना बढ़ गया और इस दिन माताएं अपनी संतान की रक्षा के लिए व्रत-पूजन करने लगीं।
Sakat Chuath Puja Vidhi, Vrat Katha LIVE: सकट चौथ व्रत कथा 2025 सकट चौथ की कहानी
Sakat Chuath Puja Vidhi, Vrat Katha LIVE: सकट चौथ व्रत किसे रखना चाहिए?
सकट व्रत उन महिलाओं के द्वारा रखा जाता है जिन्हें पुत्र सुख की प्राप्ति हो गई है। क्योंकि ये व्रत पुत्रों की लंबी आयु के लिए रखा जाता है।(नोट- Sakat Chuath Puja Vidhi, Vrat Katha LIVE: सकट चौथ व्रत पूजा की सम्पूर्ण सामग्री लिस्ट, पूजा विधि, व्रत कथा, चौथ माता की पूजा कैसे करें, चांद कब दिखेगा, व्रत पारण विधि समेत सभी जानकारी के लिए हमारे लाइव ब्लॉग को फॉलो करें)
Sakat Chuath Puja Vidhi, Vrat Katha LIVE: सुख-शांति के लिए गणेश पूजा मंत्र
प्रातर्नमामि चतुराननवन्द्यमानमिच्छानुकूलमखिलं च वरं ददानम् |तं तुन्दिलं द्विरसनाधिपयज्ञसूत्रं पुत्रं विलासचतुरं शिवयोः शिवाय ||
लाभ: प्रतिदिन सूर्योदय से पूर्व गणेश जी के इस मन्त्र का जाप करने से उनका ख़ास आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन के सभी विघ्न दूर होते हैं।
(नोट- Sakat Chuath Puja Vidhi, Vrat Katha LIVE: सकट चौथ व्रत पूजा की सम्पूर्ण सामग्री लिस्ट, पूजा विधि, व्रत कथा, चौथ माता की पूजा कैसे करें, चांद कब दिखेगा, व्रत पारण विधि समेत सभी जानकारी के लिए हमारे लाइव ब्लॉग को फॉलो करें)
Sakat Chauth Vrat 2025 Moonrise Time: सकट चौथ पर चांद कब निकलेगा?
सकट चौथ व्रत को रात में 9 बजकर 9 मिनट पर चंद्रोदय होगा। इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देकर उनकी पूजा करना काफी शुभ माना जाता है। इस समय पूजा करने से भक्तों पर चंद्रमा की कृपा बरसती है और संतान की आयु लंबी होती है।(नोट- Sakat Chuath Puja Vidhi, Vrat Katha LIVE: सकट चौथ व्रत पूजा की सम्पूर्ण सामग्री लिस्ट, पूजा विधि, व्रत कथा, चौथ माता की पूजा कैसे करें, चांद कब दिखेगा, व्रत पारण विधि समेत सभी जानकारी के लिए हमारे लाइव ब्लॉग को फॉलो करें)
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Sakat Chauth 2025 Date, Timing: सकट चौथ की तिथि कब से कब तक है?
सकट चौथ 2025 की तिथि 17 जनवरी को सुबह 4 बजकर 6 मिनट पर शुरू होगी। और अगले दिन 18 जनवरी की सुबह 8 बजकर 30 मिनट पर समाप्त होगी।(नोट- Sakat Chuath Puja Vidhi, Vrat Katha LIVE: सकट चौथ व्रत पूजा की सम्पूर्ण सामग्री लिस्ट, पूजा विधि, व्रत कथा, चौथ माता की पूजा कैसे करें, चांद कब दिखेगा, व्रत पारण विधि समेत सभी जानकारी के लिए हमारे लाइव ब्लॉग को फॉलो करें)
सकट चौथ व्रत कथा: एक साहूकार और साहूकारनी
एक साहूकार और एक साहूकारनी थे। वह धर्म पुण्य को नहीं मानते थे। इसके कारण उनके कोई बच्चा नहीं था। एक दिन साहूकारनी पडोसी के घर गयी। उस दिन सकट चौथ था, वहाँ पड़ोसन सकट चौथ की पूजा करके कहानी सुना रही थी। साहूकारनी ने पड़ोसन से पूछा: तुम क्या कर रही हो?तब पड़ोसन बोली कि आज चौथ का व्रत है, इसलिए कहानी सुना रही हूँ।
तब साहूकारनी बोली: चौथ के व्रत करने से क्या होता है?
तब पड़ोसन बोली: इसे करने से अन्न, धन, सुहाग, पुत्र सब मिलता है।
तब साहूकारनी ने कहा: यदि मेरा गर्भ रह जाये तो में सवा सेर तिलकुट करुँगी और चौथ का व्रत करुँगी। श्री गणेश भगवान की कृपया से साहूकारनी के गर्भ रह गया। तो वह बोली कि मेरे लड़का हो जाये, तो में ढाई सेर तिलकुट करुँगी। कुछ दिन बाद उसके लड़का हो गया, तो वह बोली कि हे चौथ भगवान! मेरे बेटे का विवाह हो जायेगा, तो सवा पांच सेर का तिलकुट करुँगी। कुछ वर्षो बाद उसके बेटे का विवाह तय हो गया और उसका बेटा विवाह करने चला गया। लेकिन उस साहूकारनी ने तिलकुट नहीं किया। इस कारण से चौथ देव क्रोधित हो गये और उन्होंने फेरो से उसके बेटे को उठाकर पीपल के पेड़ पर बिठा दिया। सभी वर को खोजने लगे पर वो नहीं मिला, हतास होकर सारे लोग अपने-अपने घर को लौट गए। इधर जिस लड़की से साहूकारनी के लड़के का विवाह होने वाला था, वह अपनी सहेलियों के साथ गणगौर पूजने के लिए जंगल में दूब लेने गयी। तभी रास्ते में पीपल के पेड़ से आवाज आई: ओ मेरी अर्धब्यहि!
यह बात सुनकर जब लड़की घर आयी, उसके बाद वह धीरे-धीरे सूख कर काँटा होने लगी।
एक दिन लड़की की माँ ने कहा: मैं तुम्हें अच्छा खिलाती हूँ, अच्छा पहनाती हूँ, फिर भी तू सूखती जा रही है? ऐसा क्यों?
तब लड़की अपनी माँ से बोली कि वह जब भी दूब लेने जंगल जाती है, तो पीपल के पेड़ से एक आदमी बोलता है कि ओ मेरी अर्धब्यहि। उसने मेहँदी लगा रखी है और सेहरा भी बांध रखा है। तब उसकी माँ ने पीपल के पेड़ के पास जा कर देखा, यह तो उसका जमाई ही है।
तब उसकी माँ ने जमाई से कहा: यहाँ क्यों बैठे हैं? मेरी बेटी तो अर्धब्यहि कर दी और अब क्या लोगे?
साहूकारनी का बेटा बोला: मेरी माँ ने चौथ का तिलकुट बोला था लेकिन नहीं किया, इस लिए चौथ माता ने नाराज हो कर यहाँ बैठा दिया। यह सुनकर उस लड़की की माँ साहूकारनी के घर गई और उससे पूछा कि तुमने सकट चौथ का कुछ बोला है क्या?
तब साहूकारनी बोली: तिलकुट बोला था। उसके बाद साहूकारनी बोली मेरा बेटा घर आजाये, तो ढाई मन का तिलकुट करुँगी।
इससे श्री गणेश भगवन प्रसंन हो गए और उसके बेटे को फेरों में लाकर बैठा दिया। बेटे का विवाह धूम-धाम से हो गया। जब साहूकारनी के बेटा एवं बहू घर आगए तब साहूकारनी ने ढाई मन तिलकुट किया और बोली हे चौथ देव! आप के आशीर्वाद से मेरे बेटा-बहू घर आये हैं, जिससे में हमेसा तिलकुट करके व्रत करुँगी। इसके बाद सारे नगर वासियों ने तिलकुट के साथ सकट व्रत करना प्रारम्भ कर दिया। हे सकट चौथ! जिस तरह साहूकारनी को बेटे-बहू से मिलवाया, वैसे ही हम सब को मिलवाना। इस कथा को कहने सुनने वालों का भला करना।
बोलो सकट चौथ की जय। श्री गणेश देव की जय।
Sakat Chauth Ke Din Kya Na Kare: सकट चौथ के दिन क्या ना करें
इस शुभ दिन पर तामसिक भोजन न करें।किसी को अपशब्द न कहें।
इस दिन नशीली चीजों का सेवन न करें।
चांद के दर्शन के बिना व्रत न खोलें।
अपनी संतान को न डाटें।
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Ganesh Ji Mantra: सकट चौथ पर गणेश जी को सिंदूर चढ़ाते हुए ये मंत्र पढ़ें
सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम् |शुभदं कामदं चैव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम् ||
लाभ: गणेश पूजन के समय इन मंत्रों का जाप करते हुए गणेश जी को सिंदूर चढ़ाना चाहिए।
Ganesh Mantra In Hindi: जीवन की बाधा दूर करने के लिए गणेश जी का मंत्र
गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः।द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः॥
विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः।
द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत्॥
विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत् क्वचित्।
लाभ: मांगलिक कार्यों को करने और जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए गणेश जी के इस मंत्र का जाप लाभकारी साबित हो सकता है।
Sakat Chauth 2025 Puja Samagri List: सकट चौथ व्रत की पूजा सामग्री लिस्ट
सकट चौथ पूजा सामग्री यहां है- पीला कपड़ा, लौंग, रोली, 11 या 21 तिल के लड्डू, मोदक, फल, कलश, अबीर, गुलाल, गाय का घी, दीप, धूप, गंगाजल, मेहंदी, सिंदूर, इलायची, अक्षत, हल्दी, मौली, गंगाजल, चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए दूध, चीनी आदि, इत्र, सकट चौथ व्रत कथा बुक।
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Sakat Chauth 2025: सकट चौथ व्रत रखने के लाभ
सकट चौथ के दिन व्रत रखने से बुध ग्रह मजबूत होता है। यह व्रत जीवन में सुख-शांति और समृद्धि प्रदान करता है। संतान की लंबी आयु और उत्तम स्वास्थ्य के लिए भी यह व्रत विशेष महत्व रखता है। इस दिन गणेश जी की पूजा करने से जीवन में आ रही रुकावटें और अड़चनें दूर होती हैं।Sakat Chauth 2025: सकट चौथ की सरल पूजा विधि
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लाल रंग के वस्त्र धारण करें।इसके बाद भगवान गणेश की पूजा करें।
दिनभर निर्जला उपवास करें और मन ही मन गणेश जी की अराधना करते रहें।
शाम के समय शुभ मुहूर्त में गणेश जी की विधि विधान पूजा करें और इस दौरान सकट की कथा भी पढ़ें।
फिर रात में चांद को अर्घ्य देकर व्रत का पारण कर लें।
जो माताएं इस व्रत का पारण राम में करती हैं वो चांद की पूजा के बाद अन्न ग्रहण नहीं करती हैं। बस फलहार ही करती हैं।
संभव हो तो फलहार में केवल मीठा व्यजंन ही खाए।
इस दिन भगवान गणेश को तिल के लड्डू, गन्ना, शकरकंद, गुड़ और घी अर्पित करना बेहद ही शुभ माना जाता है।
सकट चौथ पूजा मंत्र
गजाननं भूत गणादि सेवितं, कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम्।उमासुतं शोक विनाशकारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम्।।
Sakat Vrat Mein Pani Pi Sakte Hain: सकट चौथ व्रत में पानी पी सकते हैं?
सकट व्रत में पानी नहीं पिया जाता है हालांकि गर्भवती महिलाएं स्वास्थ्य का ध्यान में रखते हुए पानी पी सकती हैं। आम महिलाओं को इस दिन चांद की पूजा के बाद ही पानी पीना चाहिए।(नोट- Sakat Chuath Puja Vidhi, Vrat Katha LIVE: सकट चौथ व्रत पूजा की सम्पूर्ण सामग्री लिस्ट, पूजा विधि, व्रत कथा, चौथ माता की पूजा कैसे करें, चांद कब दिखेगा, व्रत पारण विधि समेत सभी जानकारी के लिए हमारे लाइव ब्लॉग को फॉलो करें)
17 जनवरी 2025 पंचांग (17 January 2025 Panchang In Hindi)
संवत---पिङ्गलाविक्रम संवत 2081
माह-माघ, कृष्ण पक्ष, चतुर्थी
तिथि- चतुर्थी
दिवस -शुक्रवार
सूर्योदय-07:18am
सूर्यास्त-05:35pm
नक्षत्र- मघा 12:46 pm तक फिर पूर्वाफाल्गुनी
चन्द्र राशि - सिंह,स्वामी ग्रह -सूर्य
सूर्य राशि- मकर,स्वामी ग्रह-शनि
करण-बव 04:45pm तक फिर बालव
योग-सौभाग्य
Sakat Chauth Kyu Manaya Jata Hai: सकट चौथ व्रत क्यों मनाया जाता है
सकट चौथ व्रत संतान की लंबी आयु के लिए रखा जाता है। खास तौर से ये व्रत महिलाएं अपने पुत्र के लिए रखती हैं।सकट चौथ व्रत नियम (Sakat Chaut Vrat Niyam)
सकट चौथ का व्रत निर्जला रखना चाहिए। ये व्रत सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक रखा जाता है। इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही ये व्रत पूरा माना जाता है। सकट चौथ के दिन काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि चंद्रमा को अर्घ्य देते समय जल की छींटे आपके पैरों पर न पड़ें।(नोट- Sakat Chuath Puja Vidhi, Vrat Katha LIVE: सकट चौथ व्रत पूजा की सम्पूर्ण सामग्री लिस्ट, पूजा विधि, व्रत कथा, चौथ माता की पूजा कैसे करें, चांद कब दिखेगा, व्रत पारण विधि समेत सभी जानकारी के लिए हमारे लाइव ब्लॉग को फॉलो करें)
Sakat Chauth Bhajan: सकट चौथ भजन
इन मंत्रों के बिन अधूरी है सकट चौथ पूजा
- महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
- ॐ ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरु गणेश।
ग्लौम गणपति, ऋद्धि पति, सिद्धि पति. करो दूर क्लेश ।।
- ॐ वक्रतुण्डैक दंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।
- ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।
- गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा॥
गर्भवती महिलाएं सकट चौथ का व्रत कैसे रखें (Sakat Chauth Vrat For Pregnant Lady)
अगर आप गर्भवती हैं और पहले से सकट का व्रत रख रही हैं और इस व्रत को रखना चाह रही हैं तो आपके लिए सुझाव है कि आप निर्जला व्रत न रहें। पूरे दिन कुछ न कुछ फलाहारी भोजन करती रहें। जिससे शरीर में कमजोरी न आए। इसके अलावा व्रत रखने से पहले अपने डॉकर से सलाह भी जरूर लें।सकट चौथ के दिन चांद की पूजा कैसे करें (Sakat Chauth Par Chand Ki Puja Kaise kare)
सकट चौथ के दिन चांद को दूध से अर्घ्य अर्पित किया जाता है। इसके बाद चांद देवता को धूप दिखाई जाती है। फिर उन्हं भोग लगाया जाता है। यदि सकट चौथ पर बादल लगने की वजह से चंद्रमा न दिखाई दे तो आप चंद्रोदय के समय पर घर में ही चांद की पूजा कर सकते हैं। इसके लिए एक चौकी पर लाल कपड़े पर चंद्र देव की तस्वीर स्थापित करें। तस्वीर पर आप अक्षत, कुमकुम, चंदन आदि चीजें अर्पित करें। सकट पर बनाए गए प्रसाद का भोग लगाएं। फिर अपना व्रत खोल लें। आप चाहें तो भगवान शिव के मस्तक पर लगे चंद्रमा का दर्शन करते हुए भी व्रत को खोल सकते हैं।गणेश जी की कथा (Ganesh Ji Ki Katha)
एक बार भगवान गणेशजी बाल रूप में चुटकी भर चावल और एक चम्मच दूध लेकर पृथ्वी लोक के भ्रमण के लिए निकले। वे सबसे ये कहते घूम रहे थे, कोई इस चावल और दूध से मेरे लिए खीर बना दे। लेकिन सबने उनकी बात को अनदेखा कर दिया। तभी एक निर्धन बुढ़िया उनके लिए खीर बनाने को तैयार हो गई। इस पर गणेश जी ने घर क सबसे बड़े बर्तन को चूल्हे पर चढ़ाने को कहा। बुढ़िया ने बाल लीला समझते हुए घर का सबसे बड़ा भगौना चूल्हे पर चढ़ा दिया। गणेश जी के दिए चावल और दूध भगौने में डालते ही भगौना भर गया। इस बीच गणेशजी वहां से चले गए और बोले अम्मा जब खीर बन जाए तो बुला लेना। पीछे से बुढ़िया के बेटे की बहू ने एक कटोरी खीर चुराकर खा ली और एक कटोरी खीर छिपाकर अपने पास रख ली। अब जब खीर तैयार हो गई तो बुढ़िया ने आवाज लगाई- आजा रे गणेशा खीर खा ले। गणेश जी वहां पहुंचकर बोले कि मैंने तो खीर पहले ही खा ली। तब बुढ़िया ने पूछा कि उन्होनें खीर कब खाई ? तब गणेश जी बोले कि जब आपकी बहू ने खीर खाई तभी मेरा पेट भर गया। बुढ़िया ने इस घटना को सुनने के बाद उनसे माफी मांगी। इसके बाद जब बुढ़िया ने बाकी बची खीर के बारे में पूछा तो गणेश जी ने उसे नगर में बांटने को कहा और जो बचें उसे अपने घर की जमीन में गड्ढा करके दबा दें। अगले दिन जब बुढ़िया उठी तो उसकी झोपड़ी महल में बदल गई थी और खीर के बर्तन सोने के आभूषणों से भरे थें। गणेश जी की कृपा से बुढ़िया का घर धन-दौलत से भर गया।सकट चौथ व्रत का समय 2025 (Sakat Chauth Vrat Time 2025)
सकट चौथ व्रत 17 जनवरी की सुबह 4 बजकर 6 मिनट से शुरू होकर 18 जनवरी की सुबह 5 बजकर 30 मिनट तक रखा जाएगा। उदया तिथि के अनुसार महिलाएं 17 जनवरी को ये व्रत रहेंगी।Sakat Chauth Mantra: सकट चौथ मंत्र
ॐ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ, निर्विघ्नं कुरू मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदासकट चौथ पूजा मुहूर्त 2025 (Sakat Chauth 2025 Puja Muhurat)
पंचांग अनुसार सकट चौथ पूजन के लिए पहला मुहूर्त सुबह 5 बजकर 27 मिनट से 6 बजकर 21 मिनट तक रहेगा और दूसरा मुहूर्त सुबह 8 बजकर 34 मिनट से 9 बजकर 53 मिनट तक रहेगा। तीसरा मुहूर्त सुबह 09:53 से 11:12 तक रहेगा।Sakat Chauth 2025: सकट चौथ व्रत रखने के लाभ
सकट चौथ के दिन व्रत रखने से बुध ग्रह मजबूत होता है। यह व्रत जीवन में सुख-शांति और समृद्धि प्रदान करता है। संतान की लंबी आयु और उत्तम स्वास्थ्य के लिए भी यह व्रत विशेष महत्व रखता है। इस दिन गणेश जी की पूजा करने से जीवन में आ रही रुकावटें और अड़चनें दूर होती हैं।सकट चौथ व्रत क्यों रखा जाता है?
यह व्रत मुख्य रूप से महिलाओं के लिए पर संतान सुख की प्राप्ति, संतान की सुख-शांति और परिवार की समृद्धि के लिए किया जाता है।Tilkut Chauth 2025 Date: तिलकुट चौथ 2025 डेट
दृक पंचांग के अनुसार, माघ महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का आरंभ 17 जनवरी 2025 को सुबह 04 बजकर 06 मिनट पर होगा और अगले दिन 18 जनवरी 2025 को सुबह 05 बजकर 30 मिनट पर समाप्त होगा। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, 17 जनवरी 2025 को दिन शुक्रवार को सकट चौथ मनाया जाएगा।Sakat Chauath Vrat Shubh Muhurat 2025:सकट चौथ 2025 शुभ मुहूर्त
लाभ मुहूर्त: सुबह 8:34 से 9:53 तकअमृत मुहूर्त: सुबह 9:53 से 11:12 तक
इन मुहूर्तों के दौरान भगवान गणेश की पूजा करना विशेष फलदायी माना जाता है।
Sakat Chauath Vrat Moon Rise Time 2025: चंद्रोदय का समय
सकट चौथ के दिन चंद्रमा का उदय सायंकाल 7:32 बजे होगा। इस समय पर चंद्रदेव की पूजा कर उन्हें अर्घ्य अर्पित किया जाएगा। यह समय व्रत का समापन करने के लिए शुभ होता है। इस दिन पूरे श्रद्धा और विधि-विधान से व्रत रखने से परिवार को भगवान गणेश और चंद्रदेव की कृपा प्राप्त होती है।Sakat Chauth Vrat Ka Mahatav: सकट चौथ व्रत महत्व
धार्मिक ग्रंथों में सकट चौथ व्रत का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन भगवान गणेश के साथ सकट माता की भी पूजा की जाती है। माना जाता है कि यह व्रत माता और संतान के संबंधों को मजबूत करता है और संतान को दीर्घायु का आशीर्वाद प्रदान करता है। इस व्रत को रखने से परिवार में समृद्धि आती है और जीवन के कठिन समय में भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही, चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित करने से चंद्रदेव की कृपा प्राप्त होती है, जो मानसिक शांति और समृद्धि का प्रतीक है।Sakat Chauth Vrat ke Din Kya Karen: सकट चौथ व्रत के दिन क्या करें
सकट चौथ के दिन भगवान गणेश को उनके हरे रंग के ही कपड़े पहनाना चाहिए। सकट चौथ के दिन भगवान गणेश को तिलकुट का भोग लगाना न भूलें। इस दिन तिल से बनी चीजों, तिल के लड्डू या तिल से बनी मिठाई का भोग लगाया जा सकता है। सकट चौथ के दिन चंद्रमा को जल अर्घ्य देने के बाद ही व्रत का पारण किया जाता है।Sakat Chauth Vrat Katha: सकट चौथ व्रत कथा
सकट का व्रत भगवान गणेश की पूजा को समर्पित होता है। कहा जाता है कि यदि सच्चे भाव से सकट का उपवास रखा जाए तो संतान सुख की प्राप्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है, लेकिन इस दिन सकट व्रत कथा का पाठ करना बेहद जरूरी होता है, इससे उपवास का संपूर्ण फल प्राप्त होता है, सकट के व्रत की कथा को लेकर कहा जाता है कि एक बार भगवान शिव जी ने कार्तिकेय और गणेश जी से पूछा कि तुम दोनों में से कौन देवताओं के कष्टों का निवारण कर सकता है ? शिव जी की यह बात सुनकर दोनों ने ही स्वयं को इस कार्य के लिए सक्षम समझा। गणेश जी और कार्तिकेय के जवाब सुनकर महादेव ने कहा कि तुम दोनों में से जो भी पहले इस पृथ्वी की परिक्रमा करके वापिस लोटेगा वहीं देवताओं की मदद करने जाएगा।शिव जी के इस वचन को सुनकर कार्तिकेय अपने वाहन मोर पर सवार होकर पृथ्वी की परिक्रमा के लिए निकल गए...लेकिन इस दौरान भगवान गणेश विचारमग्न हो गए कि वे चूहे के ऊपर चढ़कर सारी पृथ्वी की परिक्रमा करेंगे तो इसमें बहुत समय लग जाएगा।
इस समय गणेश जी को फिर एक उपाय सूझा वह अपने स्थान से उठकर अपने माता-पिता की सात परिक्रमा करके वापस बैठ गए। वहीं पृथ्वी की पूरी परिक्रमा करके कार्तिकेय भी लौट आए और स्वयं को विजय बताने लगे, फिर जब भोलेनाथ ने गणेश जी से पृथ्वी की परिक्रमा न करने का कारण पूछा, तो गणेश जी ने अपने उत्तर मे कहा कि-'माता-पिता के चरणों में ही समस्त लोक हैं।
गणेश जी के जवाब सुनकर शिव जी ने गणेशजी को देवताओं के संकट दूर करने की आज्ञा दी। इतना ही नहीं शंकर जी ने कहा कि जो भी साधक चतुर्थी के दिन तुम्हारा श्रद्धा पूर्वक पूजन करेगा और रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य देगा उसके सभी कष्ट दूर हो जाएंगे।
Sakat Chauth Vrat Mantra: सकट चौथ व्रत मंत्र
ॐ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात् ॥महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।
ॐ ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरु गणेश।
ग्लौम गणपति, ऋद्धि पति, सिद्धि पति. करो दूर क्लेश ।।
ॐ वक्रतुण्डैक दंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।
ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।
गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा॥
Sakat Chauth Vrat Bhog: सकट चौथ व्रत भोग
इस दिन तिल से बनी चीजों, तिल के लड्डू या तिल से बनी मिठाई का भोग लगाया जा सकता है। सकट चौथ के दिन चंद्रमा को जल अर्घ्य देने के बाद ही व्रत का पारण किया जाता है।Sakat Chauth Vrat ke Din Kya Karen: सकट चौथ व्रत के दिन क्या करें
सकट चौथ के दिन भगवान गणेश को उनके हरे रंग के ही कपड़े पहनाना चाहिए। सकट चौथ के दिन भगवान गणेश को तिलकुट का भोग लगाना न भूलें। इस दिन तिल से बनी चीजों, तिल के लड्डू या तिल से बनी मिठाई का भोग लगाया जा सकता है। सकट चौथ के दिन चंद्रमा को जल अर्घ्य देने के बाद ही व्रत का पारण किया जाता है।Sakat Chauath Vrat Moon Rise Time 2025: चंद्रोदय का समय
सकट चौथ के दिन चंद्रमा का उदय सायंकाल 7:32 बजे होगा। इस समय पर चंद्रदेव की पूजा कर उन्हें अर्घ्य अर्पित किया जाएगा। यह समय व्रत का समापन करने के लिए शुभ होता है। इस दिन पूरे श्रद्धा और विधि-विधान से व्रत रखने से परिवार को भगवान गणेश और चंद्रदेव की कृपा प्राप्त होती है।Sakat Chauth Bhog: सकट चौथ भोग
इस दिन तिल से बनी चीजों, तिल के लड्डू या तिल से बनी मिठाई का भोग लगाया जा सकता है।Sakat Chauath Vrat Shubh Muhurat 2025:सकट चौथ 2025 शुभ मुहूर्त
लाभ मुहूर्त: सुबह 8:34 से 9:53 तकअमृत मुहूर्त: सुबह 9:53 से 11:12 तक
इन मुहूर्तों के दौरान भगवान गणेश की पूजा करना विशेष फलदायी माना जाता है।
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