Sakat Chauth Vrat Katha 2025 Live: सकट चौथ व्रत कथा, पूजा विधि, मंत्र, सामग्री लिस्ट, चांद निकलने का समय...समेत सबकुछ यहां जानें
Sakat Chauth Vrat 2025 Vrat Katha, Puja Vidhi, Shubh Muhurat Time, Aarti LIVE: माघ कृष्ण पक्ष की चतु्र्थी तिथि को रखा जाने वाला सकट चौथ व्रत महिलाओं के लिए बेहद खास होता है। क्योंकि ये व्रत माताएं अपनी संतान की लंबी आयु और सुखी जीवन की कामना से रखती हैं। यहां आप जानेंगे सकट चौथ की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, कथा, मंत्र, आरती, चंद्रोदय समय..समेत सारी जानकारी।
Sakat Chauth Vrat Katha 2025 Live: सकट चौथ व्रत कथा, पूजा विधि, मंत्र, सामग्री लिस्ट, चांद निकलने का समय...समेत सबकुछ यहां जानें
Sakat Chauth Vrat Katha, Puja Vidhi (सकट चौथ व्रत 2025 पूजा विधि), Shubh Muhurat LIVE: सनातन धर्म में माघ महीने में आने वाली संकष्टी चतुर्थी का विशेष महत्व माना गया है। जिसे सकट चौथ के नाम से जाना जाता है। इस दिन माताएं अपनी संतान की लंबी आयु और सुखी जीवन की कामना से निर्जला व्रत रखती हैं और विधि विधान भगवान गणेश की पूजा करती हैं। साथ ही सकट चौथ की कथा भी सुनती हैं। इसके बाद रात में चांद को अर्घ्य देकर व्रत का पारण किया जाता है। तो वहीं कई महिलाएं अपना व्रत अगले दिन खोलती हैं। यहां आप जानेंगे सकट चौथ व्रत के बारे में संपूर्ण जानकारी।
Sakat Chauth Vrat Katha In Hindi
सकट चौथ 2025 तिथि व मुहूर्त (Sakat Chauth 2025 Date And Time)
सकट चौथ पूजन के लिए पहला मुहूर्त सुबह 5 बजकर 27 मिनट से 6 बजकर 21 मिनट तक रहेगा और दूसरा मुहूर्त सुबह 8 बजकर 34 मिनट से 9 बजकर 53 मिनट तक रहेगा। तीसरा मुहूर्त सुबह 09:53 से 11:12 तक रहेगा। चौथा मुहूर्त शाम 6 से 7 के बीच रहेगा।
सकट चौथ व्रत कथा इन हिंदी (Sakat Chauth Vrat Katha In Hindi)
सकट चौथ की व्रत कथा अनुसार एक समय की बात है, एक नगर में एक कुम्हार रहता था। एक दिन जब कुम्हार न बर्तन बनाने के बाद आवा लगाया तो वह नहीं पका। तब कुम्हार परेशान होकर राजा के पास पहुंचा और उसने पूरी बात बताई। तब राजा ने राज पंडित को बुलाकर इसका उपाय पूछा, तब पंडित ने कहा कि कि अगर हर दिन गांव के एक-एक घर से एक-एक बच्चे की बलि दी जाए तो रोज ही आवा पकेगा। राजा ने ऐसा करने के लिए पूरे नगर को आदेश दिया। कई दिनों तक एक-एक घर से एक-एक बच्चे की बली दिए जाती रही और फिर जब एक बुढ़िया के घर की बारी आई तो वो ये सोचकर परेशान होने लगी कि उसके पास तो बुढ़ापे का एकमात्र सहारा उसका एकलौता बेटा ही है। अगर ये बलि चढ़ जाएगा तो उसका क्या होगा। तब उसने सकट की सुपारी और दूब देकर बेटे से बोला, ‘जा बेटा, सकट माता तुम्हारी रक्षा करेगी, और खुद सकट माता का ध्यान करने लगी थी। अगली सुबह कुम्हार ने देखा की आवा भी पक गया और बालक को भी कुछ नहीं हुआ और फिर सकट माता की कृपा से नगर के वो बालक भी जीवित हो गए जिनकी बलि पहले दी जा चुकी थी। कहते हैं उसी दिन से सकट चौथ के व्रत का महत्व कई गुना बढ़ गया और इस दिन माताएं अपनी संतान की रक्षा के लिए व्रत-पूजन करने लगीं।
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सकट चौथ पूजा विधि (Sakat Chauth Puja Vidhi In Hindi)
- इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लाल रंग के वस्त्र धारण करें।
- इसके बाद भगवान गणेश की पूजा करें।
- दिनभर निर्जला उपवास करें और मन ही मन गणेश जी की अराधना करते रहें।
- शाम के समय शुभ मुहूर्त में गणेश जी की विधि विधान पूजा करें और इस दौरान सकट की कथा भी पढ़ें।
- फिर रात में चांद को अर्घ्य देकर व्रत का पारण कर लें।
- जो माताएं इस व्रत का पारण रात में करती हैं वो चांद की पूजा के बाद अन्न ग्रहण नहीं करती हैं। बस फलहार ही करती हैं।
- संभव हो तो फलहार में केवल मीठा व्यजंन ही खाएं।
- इस दिन भगवान गणेश को तिल के लड्डू, गन्ना, शकरकंद, गुड़ और घी अर्पित करना बेहद ही शुभ माना जाता है।
- इस बात का ध्यान रखें कि चांद को अर्घ्य तांबे के लोटे से नहीं देना है।
Sakat Chauth 2025 Moon Rise Time Live (सकट चौथ के चांद का समय)
Sakat Chuath Puja Vidhi, Samagri, Vrat Katha LIVE: श्री गणेश बीज मंत्र
ॐ गं गणपतये नमः।।लाभ: गणेश जी के इस मंत्र का जाप करने से बुद्धि विकसित होती है और ज्ञान की प्राप्ति होती है।
(नोट- Sakat Chuath Puja Vidhi, Vrat Katha LIVE: सकट चौथ व्रत पूजा की सम्पूर्ण सामग्री लिस्ट, पूजा विधि, व्रत कथा, चौथ माता की पूजा कैसे करें, चांद कब दिखेगा, व्रत पारण विधि समेत सभी जानकारी के लिए हमारे लाइव ब्लॉग को फॉलो करें)
Sakat Chuath Puja Vidhi, Samagri, Vrat Katha LIVE: सकट चौथ के दिन क्या करें?
1. पूजा-पाठ करने वाले स्थान को अच्छी तरह से साफ-सुथरा करें।2. भगवान गणेश के सिद्ध मंत्रों का जाप करें।
3.सात्विक भोग प्रसाद और भोजन बनाएं।
4.घर पर तिल के लड्डू बनाएं और खाएं।
5.भगवान गणेश की मूर्ति और सकट माता के चित्र पर गंगाजल छिड़कें।
6. जरूरतमंदों को दान-पुण्य करें।
Sakat Chuath Puja Vidhi, Samagri, Vrat Katha LIVE: सकट चौथ की सरल पूजा विधि
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लाल रंग के वस्त्र धारण करें।इसके बाद भगवान गणेश की पूजा करें।
दिनभर निर्जला उपवास करें और मन ही मन गणेश जी की अराधना करते रहें।
शाम के समय शुभ मुहूर्त में गणेश जी की विधि विधान पूजा करें और इस दौरान सकट की कथा भी पढ़ें।
फिर रात में चांद को अर्घ्य देकर व्रत का पारण कर लें।
जो माताएं इस व्रत का पारण राम में करती हैं वो चांद की पूजा के बाद अन्न ग्रहण नहीं करती हैं। बस फलहार ही करती हैं।
संभव हो तो फलहार में केवल मीठा व्यजंन ही खाए।
इस दिन भगवान गणेश को तिल के लड्डू, गन्ना, शकरकंद, गुड़ और घी अर्पित करना बेहद ही शुभ माना जाता है।
Sakat Chuath Puja Vidhi, Samagri, Vrat Katha LIVE: सकट चौथ पूजा भोग
सकट चौथ पूजा के समय गणेश भगवान को तिल के लड्डू का भोग जरूर लगाया जाता है। इस भोग के बिना पूजा का संपूर्ण फल प्राप्त नहीं हो सकता है।(नोट- Sakat Chuath Puja Vidhi, Vrat Katha LIVE: सकट चौथ व्रत पूजा की सम्पूर्ण सामग्री लिस्ट, पूजा विधि, व्रत कथा, चौथ माता की पूजा कैसे करें, चांद कब दिखेगा, व्रत पारण विधि समेत सभी जानकारी के लिए हमारे लाइव ब्लॉग को फॉलो करें)
Sakat Chuath Puja Vidhi, Samagri, Vrat Katha LIVE: सकट चौथ पूजा मुहूर्त
सकट चौथ पूजन के लिए शुभ मुहूर्त शाम 6 से 7 के बीच रहेगा।
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Sakat Chuath Puja Vidhi, Samagri, Vrat Katha LIVE: सकट चौथ पर बना शुभ योग
सकट चौथ के दिन बेहद शुभ माने जाना वाला सौभाग्य योग बना है। इस योग को विवाह के लिए बेहद शुभ माना जाता है। ऐसा कहता हैं कि सौभाग्य योग में विवाह करने से सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद मिलता है।
Sakat Chuath Puja Vidhi, Samagri, Vrat Katha LIVE: सकट चौथ के उपाय
सकट चौथ के दिन भगवान गणेश के सामने दो सुपारी और दो इलायची रखकर इनकी पूजा करने से गणेश जी की कृपा से सभी बाधाएं दूर होती हैं और कार्य भी सिद्ध होते हैं।
Sakat Chuath Puja Vidhi, Samagri, Vrat Katha LIVE: सकट चौथ की कहानी
सकट चौथ से जुड़ी एक पौराणिक कथा है और इस संबंध में कहा जाता है कि सकट चौथ पर विघ्नहर्ता भगवान गणेश पर आने वाला सबसे बड़ा संकट टला था इसलिए इस व्रत को सकट चौथ के नाम से जाना गया। धर्म ग्रंथों में वर्णित कथा के अनुसार, एक दिन मां पार्वती स्नान करने के लिए जा रही थी और उन्होंने पुत्र गणेश को दरवाज़े पर पहरा देने का आदेश दिया और बोली, ‘जब तक मैं स्नान करके बाहर नहीं आ जाती हूँ, तब तक किसी को भी अंदर आने मत देना।’ ऐसा कहने के बाद माता स्नान के लिए चली गई और भगवान गणेश जी माता की आज्ञा के अनुसार, स्नानघर के बाहर पहरा देने लगे। उसी समय, वहां माता पार्वती से मिलने के लिए भगवान शिव पहुंचे, परंतु गणेश जी ने माता के कथन अनुसार भगवान शिव को अंदर नहीं जाने दिया और दरवाज़े पर ही रोक दिया। इस बात से क्रोधित होकर महादेव ने अपने त्रिशूल से भगवान गणेश की गर्दन को धड़ से अलग कर दिया। जब माँ पार्वती गणेश जी की आवाज़ सुनकर भागती हुई बाहर आईं और अपने पुत्र गणेश की कटी हुई गर्दन देखी, तो वह विलाप करने लगी और शिव जी से अपने बेटे को पुनः जीवित करने का आग्रह किया, तब भगवान शिव ने माता पार्वती के कहने पर गणेश जी के शरीर पर हाथी के बच्चे का सिर लगाकर उन्हें पुनः जीवनदान दिया। उस दिन से सभी महिलाएं अपनी संतान की रक्षा और दीर्घायु के लिए गणेश चतुर्थी का व्रत करने लगी।Sakat Chuath Puja Vidhi, Samagri, Vrat Katha LIVE: सकट चौथ पर भगवान गणेश को तुलसी की जगह क्या चढ़ाया जाता है
भगवान गणेश की पूजा में तुलसी का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। इसलिए इस दिन भगवान गणेश को तुलसी के पत्ते के बजाय दूर्वा घास अर्पित करें।Sakat Chuath Puja Vidhi, Samagri, Vrat Katha LIVE: सकट चौथ के दिन इन कामों को करने से बचें
सकट चौथ तिथि पर काले रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए। इस दिन गणेश जी की पूजा के पश्चात चंद्र देव को अर्घ्य दिया जाता है। इस दिन चंद्रमा को जल में चावल और दूध मिलाकर अर्घ्य देना चाहिए। सकट चौथ के व्रत की पूजा में भूल से भी तुलसी की पत्तियों को शामिल न करें।Sakat Chauth 2025 Puja Mantra: सकट चौथ पूजा मंत्र
गजाननं भूत गणादि सेवितं, कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम्।उमासुतं शोक विनाशकारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम्।।
(नोट- Sakat Chuath Puja Vidhi, Vrat Katha LIVE: सकट चौथ व्रत पूजा की सम्पूर्ण सामग्री लिस्ट, पूजा विधि, व्रत कथा, चौथ माता की पूजा कैसे करें, चांद कब दिखेगा, व्रत पारण विधि समेत सभी जानकारी के लिए हमारे लाइव ब्लॉग को फॉलो करें)
Sakat Chuath Puja Vidhi, Samagri, Vrat Katha LIVE: सकट चौथ पूजा भोग 2025
सकट चौथ पूजा के समय गणेश भगवान को तिल के लड्डू का भोग जरूर लगाया जाता है। इस भोग के बिना पूजा का संपूर्ण फल प्राप्त नहीं हो सकता है।(नोट- Sakat Chuath Puja Vidhi, Vrat Katha LIVE: सकट चौथ व्रत पूजा की सम्पूर्ण सामग्री लिस्ट, पूजा विधि, व्रत कथा, चौथ माता की पूजा कैसे करें, चांद कब दिखेगा, व्रत पारण विधि समेत सभी जानकारी के लिए हमारे लाइव ब्लॉग को फॉलो करें)
Sakat Chuath Puja Vidhi, Samagri, Vrat Katha LIVE: सकट चौथ पूजा सामग्री List
पीला कपड़ा, लौंग, रोली, 11 या 21 तिल के लड्डू, मोदक, फल, कलश, अबीर, गुलाल, गाय का घी, दीप, धूप, गंगाजल, मेहंदी, सिंदूर, इलायची, अक्षत, हल्दी, मौली, गंगाजल, चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए दूध, चीनी आदि, इत्र, सकट चौथ व्रत कथा बुक।
(नोट- Sakat Chuath Puja Vidhi, Vrat Katha LIVE: सकट चौथ व्रत पूजा की सम्पूर्ण सामग्री लिस्ट, पूजा विधि, व्रत कथा, चौथ माता की पूजा कैसे करें, चांद कब दिखेगा, व्रत पारण विधि समेत सभी जानकारी के लिए हमारे लाइव ब्लॉग को फॉलो करें)
Sakat Chauth 2025 Ganesh Mantra: सकट पूजा के समय पढ़ें गणेश जी का ये मंत्र
ॐ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात्।लाभ: गणेश जी के इस मंत्र का जाप कर उन्हें प्रसन्न किया जा सकता है और उनका विशेष आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है।
Sakat Chuath Puja Vidhi, Vrat Katha LIVE: सकट चौथ से जुड़ी परंपराएं
- सकट चौथ पर श्री गणेश और चंद्र देव की उपासना की जाती है।
- महिलाएं अपनी संतान की लंबी आयु और अच्छे जीवन के लिए सकट चौथ पर निर्जला व्रत करती हैं।
- इस दिन विशेष रूप से तिल के लड्डू बनाए जाते हैं।
- सकट चौथ पर तिल के पहाड़ बनाकर उसे काटा जाता है।
- देश के कई स्थानों पर सकट चौथ का व्रत तारों को देखकर तोड़ा जाता है।
- यह व्रत चांद या तारों को अर्घ्य देने के बाद ही पूर्ण माना जाता है।
सकट पूजा के समय जरूर पढ़ें ये मंत्र
गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः ।द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः ॥
विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः ।
द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत् ॥
विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत् क्वचित् ।
क्या सकट चौथ व्रत में कुछ खा सकते हैं? (Kya Sakat Chauth Vrat Mein Kuch Kha Sakte Hai?)
सकट चौथ व्रत में न तो कुछ खाया जाता है और न ही पिया जाता है क्योंकि ये व्रत निर्जला रखा जाता है। लेकिन हां कुछ महिलाएं व्रत की रात में भोजन जरूर कर लेती हैं। तो आपके यहां जिस तरह से ये व्रत रखा जाता है वैसे ही आप ये व्रत रहें। इसके अलावा गर्भवती और अस्वस्थ महिलाएं सकट व्रत फलाहारी भोजन लेकर रख सकती हैं।सकट चौथ गणेश जी की कथा (Sakat Chauth Ganesh Ji Ki Katha)
मान्यता है कि सतयुग में राजा हरिश्चंद्र के राज्य में एक कुम्हार रहा करता था। एक बार तमाम कोशिशों के बावजूद जब उसके बर्तन कच्चे रह जा रहे थे तो उसने ये बात एक पुजारी को बताई। उस पर पुजारी ने बताया कि किसी छोटे बच्चे की बलि से ही ये समस्या दूर हो सकती है। इसके बाद उस कुम्हार ने एक बच्चे को पकड़कर आंवा में डाल दिया। वो सकट चौथ का दिन था। काफी खोजने के बाद भी जब उसकी मां को उसका बेटा नहीं मिला तो उसने गणेश जी के समक्ष सच्चे मन से प्रार्थना की। उधर जब कुम्हार ने सुबह उठकर देखा तो आंवा में उसके बर्तन तो पक गए लेकिन बच्चा भी सुरक्षित था। इस घटना के बाद कुम्हार डर गया और राजा के समक्ष पहुंच पूरी कहानी बताई। इसके पश्चात राजा ने बच्चे और उसकी मां को बुलवाया तो मां ने संकटों को दूर करने वाले सकट चौथ की महिमा का वर्णन राजा से किया। तभी से माताएं अपनी संतानों की लंबी आयु और परिवार के सौभाग्य के लिए सकट चौथ व्रत करने लगीं।Sakat Chuath Puja Vidhi, Vrat Katha LIVE: सकट चौथ व्रत में चाय-कॉफी ले सकते हैं
स्वस्थ महिलाओं को सकट चौथ व्रत में न तो कुछ खाना चाहिए और न ही पीना चाहिए। हालांकि अस्वस्थ महिलाएं चाय-कॉफी का सेवन कर सकती हैं। बाकी महिलाएं चाय-कॉफी का सेवन चांद को अर्घ्य देने के बाद कर सकती हैं।(नोट- Sakat Chuath Puja Vidhi, Vrat Katha LIVE: सकट चौथ व्रत पूजा की सम्पूर्ण सामग्री लिस्ट, पूजा विधि, व्रत कथा, चौथ माता की पूजा कैसे करें, चांद कब दिखेगा, व्रत पारण विधि समेत सभी जानकारी के लिए हमारे लाइव ब्लॉग को फॉलो करें)
Sakat Chauth Bhog: सकट चौथ भोग
• तिलकुट• गुड़धानी
• तिल के लड्डू
• मोदक
• केले
• बूंदी के लड्डू
• गन्ना
• शकरकंद
Sakat Chuath Puja Vidhi, Vrat Katha LIVE: सकट चौथ व्रत कथा 2025 सकट चौथ की कहानी
Sakat Chuath Puja Vidhi, Vrat Katha LIVE: सकट चौथ व्रत किसे रखना चाहिए?
सकट व्रत उन महिलाओं के द्वारा रखा जाता है जिन्हें पुत्र सुख की प्राप्ति हो गई है। क्योंकि ये व्रत पुत्रों की लंबी आयु के लिए रखा जाता है।(नोट- Sakat Chuath Puja Vidhi, Vrat Katha LIVE: सकट चौथ व्रत पूजा की सम्पूर्ण सामग्री लिस्ट, पूजा विधि, व्रत कथा, चौथ माता की पूजा कैसे करें, चांद कब दिखेगा, व्रत पारण विधि समेत सभी जानकारी के लिए हमारे लाइव ब्लॉग को फॉलो करें)
Sakat Chuath Puja Vidhi, Vrat Katha LIVE: सुख-शांति के लिए गणेश पूजा मंत्र
प्रातर्नमामि चतुराननवन्द्यमानमिच्छानुकूलमखिलं च वरं ददानम् |तं तुन्दिलं द्विरसनाधिपयज्ञसूत्रं पुत्रं विलासचतुरं शिवयोः शिवाय ||
लाभ: प्रतिदिन सूर्योदय से पूर्व गणेश जी के इस मन्त्र का जाप करने से उनका ख़ास आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन के सभी विघ्न दूर होते हैं।
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Sakat Chauth Vrat 2025 Moonrise Time: सकट चौथ पर चांद कब निकलेगा?
सकट चौथ व्रत को रात में 9 बजकर 9 मिनट पर चंद्रोदय होगा। इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देकर उनकी पूजा करना काफी शुभ माना जाता है। इस समय पूजा करने से भक्तों पर चंद्रमा की कृपा बरसती है और संतान की आयु लंबी होती है।(नोट- Sakat Chuath Puja Vidhi, Vrat Katha LIVE: सकट चौथ व्रत पूजा की सम्पूर्ण सामग्री लिस्ट, पूजा विधि, व्रत कथा, चौथ माता की पूजा कैसे करें, चांद कब दिखेगा, व्रत पारण विधि समेत सभी जानकारी के लिए हमारे लाइव ब्लॉग को फॉलो करें)
Ganesh Ji Bhajan (Ghar Mein Padharo Gajanan Ji): घर में पधारो गजानंद जी मेरे घर में पधारो...
Sakat Chauth 2025 Date, Timing: सकट चौथ की तिथि कब से कब तक है?
सकट चौथ 2025 की तिथि 17 जनवरी को सुबह 4 बजकर 6 मिनट पर शुरू होगी। और अगले दिन 18 जनवरी की सुबह 8 बजकर 30 मिनट पर समाप्त होगी।(नोट- Sakat Chuath Puja Vidhi, Vrat Katha LIVE: सकट चौथ व्रत पूजा की सम्पूर्ण सामग्री लिस्ट, पूजा विधि, व्रत कथा, चौथ माता की पूजा कैसे करें, चांद कब दिखेगा, व्रत पारण विधि समेत सभी जानकारी के लिए हमारे लाइव ब्लॉग को फॉलो करें)
सकट चौथ व्रत कथा: एक साहूकार और साहूकारनी
एक साहूकार और एक साहूकारनी थे। वह धर्म पुण्य को नहीं मानते थे। इसके कारण उनके कोई बच्चा नहीं था। एक दिन साहूकारनी पडोसी के घर गयी। उस दिन सकट चौथ था, वहाँ पड़ोसन सकट चौथ की पूजा करके कहानी सुना रही थी। साहूकारनी ने पड़ोसन से पूछा: तुम क्या कर रही हो?तब पड़ोसन बोली कि आज चौथ का व्रत है, इसलिए कहानी सुना रही हूँ।
तब साहूकारनी बोली: चौथ के व्रत करने से क्या होता है?
तब पड़ोसन बोली: इसे करने से अन्न, धन, सुहाग, पुत्र सब मिलता है।
तब साहूकारनी ने कहा: यदि मेरा गर्भ रह जाये तो में सवा सेर तिलकुट करुँगी और चौथ का व्रत करुँगी। श्री गणेश भगवान की कृपया से साहूकारनी के गर्भ रह गया। तो वह बोली कि मेरे लड़का हो जाये, तो में ढाई सेर तिलकुट करुँगी। कुछ दिन बाद उसके लड़का हो गया, तो वह बोली कि हे चौथ भगवान! मेरे बेटे का विवाह हो जायेगा, तो सवा पांच सेर का तिलकुट करुँगी। कुछ वर्षो बाद उसके बेटे का विवाह तय हो गया और उसका बेटा विवाह करने चला गया। लेकिन उस साहूकारनी ने तिलकुट नहीं किया। इस कारण से चौथ देव क्रोधित हो गये और उन्होंने फेरो से उसके बेटे को उठाकर पीपल के पेड़ पर बिठा दिया। सभी वर को खोजने लगे पर वो नहीं मिला, हतास होकर सारे लोग अपने-अपने घर को लौट गए। इधर जिस लड़की से साहूकारनी के लड़के का विवाह होने वाला था, वह अपनी सहेलियों के साथ गणगौर पूजने के लिए जंगल में दूब लेने गयी। तभी रास्ते में पीपल के पेड़ से आवाज आई: ओ मेरी अर्धब्यहि!
यह बात सुनकर जब लड़की घर आयी, उसके बाद वह धीरे-धीरे सूख कर काँटा होने लगी।
एक दिन लड़की की माँ ने कहा: मैं तुम्हें अच्छा खिलाती हूँ, अच्छा पहनाती हूँ, फिर भी तू सूखती जा रही है? ऐसा क्यों?
तब लड़की अपनी माँ से बोली कि वह जब भी दूब लेने जंगल जाती है, तो पीपल के पेड़ से एक आदमी बोलता है कि ओ मेरी अर्धब्यहि। उसने मेहँदी लगा रखी है और सेहरा भी बांध रखा है। तब उसकी माँ ने पीपल के पेड़ के पास जा कर देखा, यह तो उसका जमाई ही है।
तब उसकी माँ ने जमाई से कहा: यहाँ क्यों बैठे हैं? मेरी बेटी तो अर्धब्यहि कर दी और अब क्या लोगे?
साहूकारनी का बेटा बोला: मेरी माँ ने चौथ का तिलकुट बोला था लेकिन नहीं किया, इस लिए चौथ माता ने नाराज हो कर यहाँ बैठा दिया। यह सुनकर उस लड़की की माँ साहूकारनी के घर गई और उससे पूछा कि तुमने सकट चौथ का कुछ बोला है क्या?
तब साहूकारनी बोली: तिलकुट बोला था। उसके बाद साहूकारनी बोली मेरा बेटा घर आजाये, तो ढाई मन का तिलकुट करुँगी।
इससे श्री गणेश भगवन प्रसंन हो गए और उसके बेटे को फेरों में लाकर बैठा दिया। बेटे का विवाह धूम-धाम से हो गया। जब साहूकारनी के बेटा एवं बहू घर आगए तब साहूकारनी ने ढाई मन तिलकुट किया और बोली हे चौथ देव! आप के आशीर्वाद से मेरे बेटा-बहू घर आये हैं, जिससे में हमेसा तिलकुट करके व्रत करुँगी। इसके बाद सारे नगर वासियों ने तिलकुट के साथ सकट व्रत करना प्रारम्भ कर दिया। हे सकट चौथ! जिस तरह साहूकारनी को बेटे-बहू से मिलवाया, वैसे ही हम सब को मिलवाना। इस कथा को कहने सुनने वालों का भला करना।
बोलो सकट चौथ की जय। श्री गणेश देव की जय।
Sakat Chauth Ke Din Kya Na Kare: सकट चौथ के दिन क्या ना करें
इस शुभ दिन पर तामसिक भोजन न करें।किसी को अपशब्द न कहें।
इस दिन नशीली चीजों का सेवन न करें।
चांद के दर्शन के बिना व्रत न खोलें।
अपनी संतान को न डाटें।
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Ganesh Ji Mantra: सकट चौथ पर गणेश जी को सिंदूर चढ़ाते हुए ये मंत्र पढ़ें
सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम् |शुभदं कामदं चैव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम् ||
लाभ: गणेश पूजन के समय इन मंत्रों का जाप करते हुए गणेश जी को सिंदूर चढ़ाना चाहिए।
Ganesh Mantra In Hindi: जीवन की बाधा दूर करने के लिए गणेश जी का मंत्र
गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः।द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः॥
विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः।
द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत्॥
विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत् क्वचित्।
लाभ: मांगलिक कार्यों को करने और जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए गणेश जी के इस मंत्र का जाप लाभकारी साबित हो सकता है।
Sakat Chauth 2025 Puja Samagri List: सकट चौथ व्रत की पूजा सामग्री लिस्ट
सकट चौथ पूजा सामग्री यहां है- पीला कपड़ा, लौंग, रोली, 11 या 21 तिल के लड्डू, मोदक, फल, कलश, अबीर, गुलाल, गाय का घी, दीप, धूप, गंगाजल, मेहंदी, सिंदूर, इलायची, अक्षत, हल्दी, मौली, गंगाजल, चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए दूध, चीनी आदि, इत्र, सकट चौथ व्रत कथा बुक।
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Sakat Chauth 2025: सकट चौथ व्रत रखने के लाभ
सकट चौथ के दिन व्रत रखने से बुध ग्रह मजबूत होता है। यह व्रत जीवन में सुख-शांति और समृद्धि प्रदान करता है। संतान की लंबी आयु और उत्तम स्वास्थ्य के लिए भी यह व्रत विशेष महत्व रखता है। इस दिन गणेश जी की पूजा करने से जीवन में आ रही रुकावटें और अड़चनें दूर होती हैं।Sakat Chauth 2025: सकट चौथ की सरल पूजा विधि
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लाल रंग के वस्त्र धारण करें।इसके बाद भगवान गणेश की पूजा करें।
दिनभर निर्जला उपवास करें और मन ही मन गणेश जी की अराधना करते रहें।
शाम के समय शुभ मुहूर्त में गणेश जी की विधि विधान पूजा करें और इस दौरान सकट की कथा भी पढ़ें।
फिर रात में चांद को अर्घ्य देकर व्रत का पारण कर लें।
जो माताएं इस व्रत का पारण राम में करती हैं वो चांद की पूजा के बाद अन्न ग्रहण नहीं करती हैं। बस फलहार ही करती हैं।
संभव हो तो फलहार में केवल मीठा व्यजंन ही खाए।
इस दिन भगवान गणेश को तिल के लड्डू, गन्ना, शकरकंद, गुड़ और घी अर्पित करना बेहद ही शुभ माना जाता है।
सकट चौथ पूजा मंत्र
गजाननं भूत गणादि सेवितं, कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम्।उमासुतं शोक विनाशकारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम्।।
Sakat Vrat Mein Pani Pi Sakte Hain: सकट चौथ व्रत में पानी पी सकते हैं?
सकट व्रत में पानी नहीं पिया जाता है हालांकि गर्भवती महिलाएं स्वास्थ्य का ध्यान में रखते हुए पानी पी सकती हैं। आम महिलाओं को इस दिन चांद की पूजा के बाद ही पानी पीना चाहिए।(नोट- Sakat Chuath Puja Vidhi, Vrat Katha LIVE: सकट चौथ व्रत पूजा की सम्पूर्ण सामग्री लिस्ट, पूजा विधि, व्रत कथा, चौथ माता की पूजा कैसे करें, चांद कब दिखेगा, व्रत पारण विधि समेत सभी जानकारी के लिए हमारे लाइव ब्लॉग को फॉलो करें)
17 जनवरी 2025 पंचांग (17 January 2025 Panchang In Hindi)
संवत---पिङ्गलाविक्रम संवत 2081
माह-माघ, कृष्ण पक्ष, चतुर्थी
तिथि- चतुर्थी
दिवस -शुक्रवार
सूर्योदय-07:18am
सूर्यास्त-05:35pm
नक्षत्र- मघा 12:46 pm तक फिर पूर्वाफाल्गुनी
चन्द्र राशि - सिंह,स्वामी ग्रह -सूर्य
सूर्य राशि- मकर,स्वामी ग्रह-शनि
करण-बव 04:45pm तक फिर बालव
योग-सौभाग्य
Sakat Chauth Kyu Manaya Jata Hai: सकट चौथ व्रत क्यों मनाया जाता है
सकट चौथ व्रत संतान की लंबी आयु के लिए रखा जाता है। खास तौर से ये व्रत महिलाएं अपने पुत्र के लिए रखती हैं।सकट चौथ व्रत नियम (Sakat Chaut Vrat Niyam)
सकट चौथ का व्रत निर्जला रखना चाहिए। ये व्रत सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक रखा जाता है। इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही ये व्रत पूरा माना जाता है। सकट चौथ के दिन काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि चंद्रमा को अर्घ्य देते समय जल की छींटे आपके पैरों पर न पड़ें।(नोट- Sakat Chuath Puja Vidhi, Vrat Katha LIVE: सकट चौथ व्रत पूजा की सम्पूर्ण सामग्री लिस्ट, पूजा विधि, व्रत कथा, चौथ माता की पूजा कैसे करें, चांद कब दिखेगा, व्रत पारण विधि समेत सभी जानकारी के लिए हमारे लाइव ब्लॉग को फॉलो करें)
Sakat Chauth Bhajan: सकट चौथ भजन
इन मंत्रों के बिन अधूरी है सकट चौथ पूजा
- महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
- ॐ ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरु गणेश।
ग्लौम गणपति, ऋद्धि पति, सिद्धि पति. करो दूर क्लेश ।।
- ॐ वक्रतुण्डैक दंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।
- ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।
- गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा॥
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