Sankashti Chaturthi Chandrodaya Time 2023: विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और चंद्रोदय समय यहां देखें
Sankashti Chaturthi 2023 (Vighnaraja Sankashti Chaturthi Vrat 2023): श्राद्ध पक्ष के चौथे दिन विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी व्रत रखा जाएगा। ये व्रत गांधी जयंती (Gandhi Jayanti 2023) वाले दिन पड़ रहा है। संकष्टी यानि गणेश चतुर्थी 2 अक्टूबर की सुबह 07:36 से 3 अक्टूबर की सुबह 06:11 तक रहेगी।
Sankashti Chaturthi October 2023 Date And Time In Hindi
Sankashti Chaturthi 2023 Puja Vidhi (Vighnaraja Sankashti Chaturthi Vrat 2023): विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी व्रत इस बार 2 अक्टूबर को गांधी जयंती (Gandhi Jayanti 2023) वाले दिन रखा जाएगा। इस दिन पितृ पक्ष का चौथा श्राद्ध होगा (Pitru Paksha 2023 Fourth Shradh)। गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2023) तिथि की शुरुआत 2 अक्टूबर की सुबह 7 बजकर 36 मिनट से हो जाएगी और समाप्ति 3 अक्टूबर की सुबह 6 बजकर 11 मिनट पर होगी। नारद पुराण के अनुसार संकष्टी चतुर्थी के दिन व्रती को पूरे दिन का उपवास रखना चाहिए (Sankashti Chaturthi Puja Vidhi) और शाम में संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा सुननी चाहिए (Sankashti Chaturthi Vrat Katha)। फिर रात में चंद्र दर्शन करके अपना व्रत खोलना चाहिए (Sankashti Chaturthi Chandrodaya Samay)। यहां जानिए संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त।
विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त । Sankashti Chaturthi 2023 Shubh Muhurat In Hindi
विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी | 2 अक्टूबर 2023, सोमवार |
संकष्टी के दिन चन्द्रोदय | 08:05 पी एम |
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ | 2 अक्टूबर 2023 07:36 ए एम बजे |
चतुर्थी तिथि समाप्त | 3 अक्टूबर 2023 06:11 ए एम बजे |
अमृत - सर्वोत्तम - 06:14 ए एम से 07:43 ए एम
शुभ - उत्तम - 09:12 ए एम से 10:41 ए एम
चर - सामान्य - 01:39 पी एम से 03:08 पी एम
लाभ - उन्नति - 03:08 पी एम से 04:37 पी एमवार वेला
अमृत - सर्वोत्तम - 04:37 पी एम से 06:06 पी एम
संकष्टी चतुर्थी 2023 रात का चौघड़िया
चर - सामान्य - 06:06 पी एम से 07:37 पी एम
लाभ - उन्नति - 10:40 पी एम से 12:11 ए एम, अक्टूबर 03
शुभ - उत्तम - 01:42 ए एम से 03:13 ए एम, अक्टूबर 03
अमृत - सर्वोत्तम - 03:13 ए एम से 04:44 ए एम, अक्टूबर 03
चर - सामान्य - 04:44 ए एम से 06:15 ए एम, अक्टूबर 03
संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि (Sankashti Chaturthi Puja Vidhi)
- गणेश संकष्टी चतुर्थी के दिन प्रात: काल उठकर स्नान आदि करके व्रत का संकल्प लें।
- फिर स्नान के बाद गणेश जी की विधि विधान पूजा करें।
- फिर गणेश जी के मन्त्रों का जाप करें।
- उन्हें उनकी पसंदीदा चीजें जैसे मोदक, लड्डू और दूर्वा घास अर्पित करें।
- श्री गणेश चालीसा का पाठ करें और अंत में गणेश जी की आरती करें।
- इसके बाद शाम को फिर से गणेश जी की पूजा करें और इस समय उनकी मूर्ति के साथ दुर्गा जी की मूर्ति भी जरूर रखें।
- फिर प्रतिमा के समक्ष धूप, दीप, अगरबत्ती लगाएं।
- प्रतिमा पर फूल माला चढा़एं और प्रसाद में केला, नारियल, मोदक और लड्डू रखें।
- इसके बाद गणेश जी के मंत्रों का जाप करें।
- संकष्टी चतुर्थी की व्रत कथा सुनें।
- फिर गणेश जी की विधि विधान आरती करें।
- इसके बाद रात में चंद्र देव की पूजा करें। उन्हें जल अर्पण कर फुल, चन्दन, चावल चढ़ाएं।
- अगर बादल की वजह से चन्द्रमा नहीं दिखाई देता है तो पंचांग के अनुसार चंद्रोदय के समय में पूजा कर लें।
संकष्टी चतुर्थी व्रत का महत्व । Sankashti Chaturthi Vrat Significance
गणेश चतुर्थी व्रत भगवान गणेश को समर्पित है। हर महीने में दो चतुर्थी आती हैं। एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं तो शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी व्रत का विशेष महत्व माना गया है।
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