Sankashti Chaturthi 2023 Date And Time: संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र, चंद्रोदय समय और उपाय

Sankashti Chaturthi 2023 Vrat Vidhi & Chandrodaya Time Today : 'वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ, निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा' संकष्टी चतुर्थी पूजा (Sankashti Chaturthi Puja) की शुरुआत इस मंत्र के साथ करें और भगवान गणेश को मोदक के लड्डू का भोग जरूर लगाएं। यहां जानिए संकष्टी चतुर्थी पूजा की विधि विस्तार से यहां।

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Sankashti Chaturthi 2023 Vrat Vidhi And Muhurat

Sankashti Chaturthi 2023 Vrat Vidhi & Chandrodaya Time Today: घुमावदार सूंड वाले, विशाल शरीर वाले, करोड़ सूर्य के समान महान प्रतिभाशाली भगवान गणेश हिंदू धर्म के प्रमुख देवता माने जाते हैं। कोई भी पूजा-पाठ बिना इनकी अराधना के अधूरी है। जैसे शिव जी को प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat), भगवान विष्णु को एकादशी व्रत (Ekadashi Vrat) समर्पित है ठीक उसी तरह से हर महीने आने वाली संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi Puja Vidhi) के देवता भगवान गणेश (Lord Ganesha) हैं। धार्मिक मान्यताओं अनुसार जो व्यक्ति सच्चे मन से हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी व्रत रखता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। यहां जानिए संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि।
संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा
संकष्टी चतुर्थी का व्रत वैसे तो पूरे भारत में लोकप्रिय है लेकिन विशेष रूप से महाराष्ट्र और तमिलनाडू में प्रचलित है। ये व्रत सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त कर रखा जाता है। इस दिन गणेश भगवान की विधि विधान पूजा की जाती है। इनके मंत्रों (Ganesh Ji Ke Mantra) का जाप करते हैं। संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा कर भगवान गणेश की आरती (Ganesh Ji Ki Aarti) की जाती है। कई महिलाएं ये व्रत अपनी संतान के उज्‍ज्‍वल भविष्‍य और दीर्घायु के लिए रखती हैं।

संकष्टी चतुर्थी चंद्रोदय टाइम 2023 (Sankashti Chaturthi Chandrodaya Time Today)

  • गजानन संकष्टी चतुर्थी व्रत 6 जुलाई 2023, बृहस्पतिवार के दिन रखा जाएगा।
  • संकष्टी के दिन चन्द्रोदय समय रात 10:12 PM का है
  • चतुर्थी तिथि प्रारम्भ समय 6 जुलाई 2023 को 06:30 AM का है।
  • चतुर्थी तिथि समाप्त समय 7 जुलाई 2023 को 03:12 AM का है।

संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि (Sankashti Chaturthi Puja Vidhi)

  • इस दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठ जाएं। फिर स्नान आदि करके साफ कपड़े धारण कर लें।
  • इसके बाद भगवान गणपति की पूजा की तैयारी करें। इसके लिए घर के मंदिर को गंगाजल से शुद्ध कर लें।
  • पूजा के समय अपना मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखें।
  • एक कलश में जल रखें।
  • मंदिर में घी का दीपक जलाते समय इस मंत्र का जाप करें-
  • गजाननं भूत गणादि सेवितं, कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम्।
  • उमासुतं शोक विनाशकारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम्।।
  • इसके बाद गणपति भगवान को फूल अर्पित करें और उन्हें तिलक लगाएं।
  • भगवान गणेश को तिल के या मोदक के लड्डू चढ़ाएं।
  • शाम के समय चंद्रमा निकलने से पहले संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा पढ़ें।
  • रात को चांद देखने के बाद व्रत खोलें और इस प्रकार संकष्टी चतुर्थी का व्रत पूर्ण करें।

संकष्टी चतुर्थी पर गणेश जी के इन मंत्रों का करें जाप (Ganesh Ji Mantra)

  • ॐ गं गणपतये नम:।
  • ॐ वक्रतुण्डाय हुं।
  • ॐ मेघोत्काय स्वाहा।
  • ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।
  • ॐ नमो हेरम्ब मद मोहित मम् संकटान निवारय-निवारय स्वाहा।

संकष्टी चतुर्थी के उपाय (Sankashti Chaturthi Upay)

इस दिन गणेश भगवान को 11 या 21 की संख्या में लड्डू चढ़ाए। इस दिन गणपति जी के 12 या 21 या 101 नाम का ध्यान करें। मान्यता है ऐसा करने से आपके जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाएंगे और भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त होगी।
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