Sankashti Chaturthi 2023: कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी आज, जानें इसकी पूजा विधि, मंत्र, कथा, महत्व, मुहूर्त और चंद्रोदय समय
Krishnapingala Sankashti Chaturthi Vrat Vidhi: 7 जून को कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी व्रत (Sankashti Chaturthi Vrat)रखा जाएगा। ये व्रत भगवान गणेश की कृपा पाने के लिए रखा जाता है। इस दिन व्रती पूरे दिन उपवास रखकर रात में चंद्र दर्शन करके अपना व्रत खोलते हैं। जानिए कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी व्रत की डेट, पूजा विधि, मंत्र और चंद्रोदय समय।
Krishnapingala Sankashti Chaturthi 2023 Date And Muhurat: कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी चंद्रोदय समय
जून में संकष्टी चतुर्थी व्रत कब है 2023 (Krishnapingala Sankashti Chaturthi 2023 Date And Time)
कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी व्रत 7 जून को बुधवार के दिन रखा जाएगा। संकष्टी चतुर्थी की शुरुआत 7 जून को 12:50 AM से होगी और समाप्ति 09:50 PM पर हो रही है। संकष्टी के दिन चन्द्रोदय समय रात 09:50 PM का है।
कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी चौघड़िया मुहूर्त (Krishnapingala Sankashti Chaturthi 2023 Choghadiya Muhurat)
दिन का चौघड़िया | रात्रि का चौघड़िया |
लाभ - उन्नति (04:51 AM से 06:32 AM) | शुभ - उत्तम (07:39 PM से 08:58 PM) |
अमृत - सर्वोत्तम (06:32 AM से 08:13 AM) | अमृत - सर्वोत्तम (08:58 PM से 10:16 PM) |
शुभ - उत्तम (09:54 AM से 11:35 AM) | चर - सामान्य (10:16 PM से 11:35 PM) |
चर - सामान्य (02:58 PM से 04:39 PM) | लाभ - उन्नति (02:13 AM से 03:32 AM, जून 08 काल रात्रि) |
लाभ - उन्नति (04:39 PM से 06:20 PM) |
कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि (Krishnapingala Sankashti Chaturthi Puja Vidhi)
- कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि करने के बाद पूजा घर की सफाई कर लें।
- इसके बाद एक आसान बिछाएं और पूजा के लिए पूर्व दिशा की तरफ मुख करके बैठ जाएं।
- इसके बाद भगवान गणेश को स्नान कराएं और उन्हें सुंदर वस्त्र अर्पित करें।
- फिर उन्हें तिलक करके फूल चढ़ाएं।
- इसके बाद घी का दीपक जलाकर भगवान गणेश को 21 दुर्वा की गांठ चढ़ाएं।
- फिर गणेश चालीसा का पाठ करें।
- गणेश जी को मोतीचूर के लड्डू का भोग लगाएं।
- पूजा के अंत में गणेश जी की आरती करें और पूजन में हुई भूल-चूक की क्षमा मांगे।
गणेश पूजा मंत्र (Krishnapingal Sankashti Chaturthi Puja Mantra)
- ॐ गं गणपतये नम:।
- वक्रतुंड महाकाय, सूर्य कोटि समप्रभ निर्विघ्नं कुरु मे देव, सर्वकार्येषु सर्वदा।।
- ॐ नमो हेरम्ब मद मोहित मम् संकटान निवारय-निवारय स्वाहा।
- ॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतये। वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नम:।
- ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।
आषाढ़ संकष्टी चतुर्थी व्रत महत्व (Importance of Krishnapingal Sankashti Chaturthi)
धार्मिक मान्यता अनुसार आषाढ़ मास की संकष्टी चतुर्थी का व्रत करने से जीवन में चल रही सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं। इतना ही नहीं ये व्रत संतान संबंधित समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए भी उत्तम माना जाता है। कहते हैं इस व्रत को करने वाले व्यक्ति के जीवन में कभी किसी प्रकार की परेशानियां नहीं आती।
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लवीना शर्मा author
धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 सा...और देखें
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