Sankashti Chaturthi March 2024 Date: कब है मार्च महीने की संकष्टी चतुर्थी? यहां जानिए सही डेट मुहूर्त और महत्व

Sankashti Chaturthi March 2024 Date: हिंदू धर्म में संकष्टी चतुर्थी के व्रत का खास महत्व है। हर महीने की चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित होती है। इस दिन गणपति जी की पूजा का विधान है। ऐसे में आइए जानते हैं मार्च के महीने में कब है संकष्टी चतुर्थी। यहां जानें डेट और महत्व।

Sankashti Chaturthi March 2024 Date

Sankashti Chaturthi March 2024 Date: सनातन धर्म में संकष्टी चतुर्थी के व्रत का बहुत ही महत्व है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है। भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी का व्रत चैत्र महीने की कृष्ण पक्ष की चतर्थी तिथि के दिन रखा जाता है। हर महीने में दो चतुर्थी तिथि आती है। दोनों ही चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन गणपति जी की पूजा करने से साधक को मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। इनकी पूजा करने से साधक के सारे काम सफल होते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं मार्च के महीने में कब है संकष्टी चतुर्थी का व्रत। यहां जानें डेट और महत्व।

Sankashti Chaturthi March 2024 Date (संकष्टी चतुर्थी व्रत डेट 2024)हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 28 मार्च को शाम 6 बजकर 56 मिनट पर शुरू होगी। इसका समापन अगले दिन 29 मार्च को रात 8 बजकर 20 मिनट पर समाप्त होगी। इस दिन चंद्रोदय के समय में पूजा की जाती है। जिसके कारण ये व्रत 28 मार्च को रखा जाएगा।

Sankashti Chaturthi Shubh Muhurat 2024 (संकष्टी चतुर्थी व्रत शुभ मुहूर्त 2024)28 मार्च को भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी पर गणेश पूजा का शुभ समय सूर्योदय से सुबह 7:48 बजे तक है। इस दिन सूर्योदय सुबह 6 बजकर 15 मिनट पर होगा। इस अवधि में अनुकूल समय भी रहेगा। अनुकूल समय 12:26 से 15:32 तक है। इस दिन अभिजीत मुहूर्त 12:01 से 12:51 तक रहेगा। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:42 से 5:29 बजे तक रहता है।

Sankashti Chaturthi 2024 (संकष्टी चंद्रोदय शुभ मुहूर्त 2024)भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी के व्रत के दिन रात्रि में चंद्रमा की पूजा के साथ व्रत पूरा किया जाता है। संकष्टी चतुर्थी पर चंद्रमा देर से उगता है। इसी कारण व्रतधारी इस दिन चंद्रमा के निकलने का इंतजार करते हैं। भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी पर चंद्रोदय रात्रि 9:28 बजे होता है। इस समय चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत पूरा किया जा सकता है।

भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी महत्व (Sankashti Chaturthi Importance)संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। चंद्रमा को औषधि का संरक्षक और मन का कारक माना जाता है। चंद्रदेव की पूजा के दौरान महिलाएं अपने बच्चों की लंबी उम्र और स्वास्थ्य की कामना करती हैं। चंद्रमा को अर्घ्य देने से भी अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है।

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