Sarasvati Ashtottara Shatnam Namavali: दुर्गा पूजा के समय मां सरस्वती के इन 108 मंत्रों का जरूर करें जाप, सफलता चूमेगी कदम
Sarasvati Ashtottara Shatnam Namavali (मां सरस्वती के 108 नाम): मां सरस्वती अष्टोत्तर-शतनाम-नामावली के मंत्र बेहद चमत्कारी माने जाते हैं। कहते हैं इनके जाप से जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।
Sarasvati Ashtottara Shatnam Namavali
Saraswati Ashtottara Shatnam Namavali (मां सरस्वती के 108 नाम): सनातन धर्म में माता सरस्वती को बुद्धि और ज्ञान की देवी माना जाता है। कहते हैं इन्हीं की कृपा से व्यक्ति सफलता की सीढ़िया चढ़ पाता है। बता दें दुर्गा पूजा के समय माता सरस्वती की विधि विधान पूजा की जाती है। कहते हैं इस दौरान जो श्रद्धालु मां सरस्वती अष्टोत्तर-शतनाम-नामावली का पाठ करता है उसके जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। मान्यताओं अनुसार देवी के इन चमत्कारी मंत्रों का जाप करने से हर मनोकामना शीघ्र ही पूर्ण हो जाती है।
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Sarasvati Ashtottara Shatnam Namavali (देवी सरस्वती की अष्टोत्तर शतनामावली)
- सरस्वती ॐ सरस्वत्यै नमः।
- महाभद्रा ॐ महाभद्रायै नमः।
- महामाया ॐ महमायायै नमः।
- वरप्रदा ॐ वरप्रदायै नमः।
- श्रीप्रदा ॐ श्रीप्रदायै नमः।
- पद्मनिलया ॐ पद्मनिलयायै नमः।
- पद्माक्षी ॐ पद्मा क्ष्रैय नमः।
- पद्मवक्त्रगा ॐ पद्मवक्त्रायै नमः।
- शिवानुजा ॐ शिवानुजायै नमः।
- पुस्तकधृत ॐ पुस्त कध्रते नमः।
- ज्ञानमुद्रा ॐ ज्ञानमुद्रायै नमः।
- रमा ॐ रमायै नमः।
- परा ॐ परायै नमः।
- कामरूपा ॐ कामरूपायै नमः।
- महाविद्या ॐ महाविद्यायै नमः।
- महापातक नाशिनी ॐ महापातक नाशिन्यै नमः।
- महाश्रया ॐ महाश्रयायै नमः।
- मालिनी ॐ मालिन्यै नमः।
- महाभोगा ॐ महाभोगायै नमः।
- महाभुजा ॐ महाभुजायै नमः।
- महाभागा ॐ महाभागायै नमः।
- महोत्साहा ॐ महोत्साहायै नमः।
- दिव्याङ्गा ॐ दिव्याङ्गायै नमः।
- सुरवन्दिता ॐ सुरवन्दितायै नमः।
- महाकाली ॐ महाकाल्यै नमः।
- महापाशा ॐ महापाशायै नमः।
- महाकारा ॐ महाकारायै नमः।
- महाङ्कुशा ॐ महाङ्कुशायै नमः।
- सीता ॐ सीतायै नमः।
- विमला ॐ विमलायै नमः।
- विश्वा ॐ विश्वायै नमः।
- विद्युन्माला ॐ विद्युन्मालायै नमः।
- वैष्णवी ॐ वैष्णव्यै नमः।
- चन्द्रिका ॐ चन्द्रिकायै नमः।
- चन्द्रवदना ॐ चन्द्रवदनायै नमः।
- चन्द्रलेखाविभूषिता ॐ चन्द्रलेखाविभूषितायै नमः।
- सावित्री ॐ सावित्र्यै नमः।
- सुरसा ॐ सुरसायै नमः।
- देवी ॐ देव्यै नमः।
- दिव्यालङ्कारभूषिता ॐ दिव्यालङ्कारभूषितायै नमः।
- वाग्देवी ॐ वाग्देव्यै नमः।
- वसुधा ॐ वसुधायै नमः।
- तीव्रा ॐ तीव्रायै नमः।
- महाभद्रा ॐ महाभद्रायै नमः।
- महाबला ॐ महाबलायै नमः।
- भोगदा ॐ भोगदायै नमः।
- भारती ॐ भारत्यै नमः।
- भामा ॐ भामायै नमः।
- गोविन्दा ॐ गोविन्दायै नमः।
- गोमती ॐ गोमत्यै नमः।
- शिवा ॐ शिवायै नमः।
- जटिला ॐ जटिलायै नमः।
- विन्ध्यवासा ॐ विन्ध्यावासायै नमः।
- विन्ध्याचलविराजिता ॐ विन्ध्याचलविराजितायै नमः।
- चण्डिका ॐ चण्डिकायै नमः।
- वैष्णवी ॐ वैष्णव्यै नमः।
- ब्राह्मी ॐ ब्राह्मयै नमः।
- ब्रह्मज्ञानैकसाधना ॐ ब्रह्मज्ञानैकसाधनायै नमः।
- सौदामिनी ॐ सौदामिन्यै नमः।
- सुधामूर्ति ॐ सुधामूर्त्यै नमः।
- सुभद्रा ॐ सुभद्रायै नमः।
- सुरपूजिता ॐ सुरपूजितायै नमः।
- सुवासिनी ॐ सुवासिन्यै नमः।
- सुनासा ॐ सुनासायै नमः।
- विनिद्रा ॐ विनिद्रायै नमः।
- पद्मलोचना ॐ पद्मलोचनायै नमः।
- विद्यारूपा ॐ विद्यारूपायै नमः।
- विशालाक्षी ॐ विशालाक्ष्यै नमः।
- ब्रह्मजाया ॐ ब्रह्मजायायै नमः।
- महाफला ॐ महाफलायै नमः।
- त्रयीमूर्ती ॐ त्रयीमूर्त्यै नमः।
- त्रिकालज्ञा ॐ त्रिकालज्ञायै नमः।
- त्रिगुणा ॐ त्रिगुणायै नमः।
- शास्त्ररूपिणी ॐ शास्त्ररूपिण्यै नमः।
- शुम्भासुरप्रमथिनी ॐ शुम्भासुरप्रमथिन्यै नमः।
- शुभदा ॐ शुभदायै नमः।
- सर्वात्मिका ॐ स्वरात्मिकायै नमः।
- रक्तबीजनिहन्त्री ॐ रक्तबीजनिहन्त्र्यै नमः।
- चामुण्डा ॐ चामुण्डायै नमः।
- अम्बिका ॐ अम्बिकायै नमः।
- मुण्डकायप्रहरणा ॐ मुण्डकायप्रहरणायै नमः।
- धूम्रलोचनमर्दना ॐ धूम्रलोचनमर्दनायै नमः।
- सर्वदेवस्तुता ॐ सर्वदेवस्तुतायै नमः।
- सौम्या ॐ सौम्यायै नमः।
- सुरासुर नमस्कृता ॐ सुरासुर नमस्कृतायै नमः।
- कालरात्री ॐ कालरात्र्यै नमः।
- कलाधारा ॐ कलाधारायै नमः।
- रूपसौभाग्यदायिनी ॐ रूपसौभाग्यदायिन्यै नमः।
- वाग्देवी ॐ वाग्देव्यै नमः।
- वरारोहा ॐ वरारोहायै नमः।
- वाराही ॐ वाराह्यै नमः।
- वारिजासना ॐ वारिजासनायै नमः।
- चित्राम्बरा ॐ चित्राम्बरायै नमः।
- चित्रगन्धा ॐ चित्रगन्धायै नमः।
- चित्रमाल्यविभूषिता ॐ चित्रमाल्यविभूषितायै नमः।
- कान्ता ॐ कान्तायै नमः।
- कामप्रदा ॐ कामप्रदायै नमः।
- वन्द्या ॐ वन्द्यायै नमः।
- विद्याधरसुपूजिता ॐ विद्याधरसुपूजितायै नमः।
- श्वेतासना ॐ श्वेतासनायै नमः।
- नीलभुजा ॐ नीलभुजायै नमः।
- चतुर्वर्गफलप्रदा ॐ चतुर्वर्गफलप्रदायै नमः।
- चतुरानन साम्राज्या ॐ चतुरानन साम्राज्यायै नमः।
- रक्तमध्या ॐ रक्तमध्यायै नमः।
- निरञ्जना ॐ निरञ्जनायै नमः।
- हंसासना ॐ हंसासनायै नमः।
- नीलजङ्घा ॐ नीलजङ्घायै नमः।
- ब्रह्मविष्णुशिवात्मिका ॐ ब्रह्मविष्णुशिवान्मिकायै नमः।
मां सरस्वती के प्रिय भोग (Maa Saraswati Ka Bhog)मां सरस्वती के प्रिय भोग पीले चावल हैं। इसके अलावा माता को बूंदी, केसर हलवा, नारियल की बर्फी, रबड़ी, मालपुआ और पीले फल भी अति प्रिय है।
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धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें
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