Basant Panchami 2024: बसंत पंचमी पूजा विधि, मंत्र, कथा, आरती, महत्व सबकुछ यहां जानें
बसंत पंचमी सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त 14 फरवरी की सुबह 07:01 से दोपहर 12:35 तक रहेगा। यहां जानें बसंत पंचमी पूजा विधि, मंत्र, कथा, आरती सबकुछ।
बसंत पंचमी श्लोक इन संस्कृत और हिंदी
बसंत पंचमी सरस्वती पूजा मुहूर्त 2024
2024 में बसंत पंचमी सरस्वती पूजा का मुहूर्त 14 फरवरी की सुबह 7 बजकर 1 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। जबकि बसंत पंचमी तिथि 13 फरवरी की दोपहर 2 बजकर 41 मिनट से 14 फरवरी की दोपहर 12 बजकर 9 मिनट तक रहेगी।
Basant Panchami 2024 Maa Saraswati Images, Photo And Wallpaper
बसंत पंचमी सरस्वती पूजा विधि
बसंत पंचमी के दिन घर और विद्यालयों में मां सरस्वती की मूर्ति स्थापित करके उसकी विधि विधान पूजा की जाती है। इस दिन मां सरस्वती की पूजा पीले रंग के वस्त्र पहनकर करना अत्यंत शुभ फलदायी माना जाता है। साथ ही माता को भी पीले रंग की चीजों का भोग लगाना चाहिए। दरअसल पीला रंग माता का प्रिय माना जाता है। इस दिन पूजा के समय अपने मस्तक पर हल्दी का तिलक लगाना न भूलें। इस दिन मां सरस्वती के मंत्रों का जाप करना और सरस्वती वंदना करना बेहद शुभ माना जाता है।
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Sanskrit Shlok on Basant Panchami
सरस्वति नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणि ।विद्यारंभं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु मे सदा ॥”अर्थ – हे मां सरस्वती..! हे वर देने वाली मां, कामरूपिणी। मैं विद्या आरम्भ करने जा रहा हूं। मुझे सफल बनाना।Basant Panchami Malpua Bhog
मां सरस्वती को मालपुए का भोग लगा सकते हैं। जिन बच्चों का मन पढ़ाई में नहीं लगता है उन्हें सरस्वती पूजा के दिन मां को मालपुए का भोग जरूर लगाना चाहिए।Saraswati Maa Mantra In Sanskrit
सरस्वति नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणि।विद्यारम्भं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु मे सदा।।बसंत पंचमी सरस्वती पूजा सामग्री
मां सरस्वती की मूर्ति, लौंग, सुपारी, तुलसी दल, सिंदूर, आम के पत्ते, घी का दीपक, अगरबत्ती, हल्दी, एक लोटा जल, रोली, मां सरस्वती की मूर्ति या तस्वीर, भोग के लिए मीठे पीले चावल, मालपुआ, चौकी और पीला वस्त्र, पीले रंग के फूल और माला, बूंदी के लड्डू, केसर का हलवा।Shlok On Saraswati Maa In Sanskrit: मां सरस्वती श्लोक
Basant Panchami 2024 Vivah Muhurat: बसंत पंचमी 2024 विवाह मुहूर्त
बसंत पंचमी अबूझ मुहूर्त होता है। इस दिन कोई भी शुभ काम बिना मुहूर्त देखे किया जा सकता है। इसलिए बसंत पंचमी पर पूरे दिन विवाह मुहूर्त रहेगा।सरस्वती माता की आरती हिंदी में
बसंत पंचमी क्यों मनाई जाती है (Basant Panchami Mahatva In Hindi)
धार्मिक मान्यताओं अनुसार बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था। इसी खुशी में हर साल इस दिन सरस्वती पूजा की जाती है। ज्योतिष अनुसार बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती जी की पूजा करने से बुद्धि और ज्ञान बढ़ता है।सरस्वती ध्यान मंत्र (Saraswati Dhyan Mantra)
या कुन्देन्दु तुषारहार धवला या शुभ्रवस्त्रावृता।या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।।या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा।।शुक्लां ब्रह्मविचारसारपरमांद्यां जगद्व्यापनीं।वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यांधकारपहाम्।।हस्ते स्फाटिक मालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्।वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्।।Sarawati Mata Shloka Mantra: बसंत पंचमी के दिन पढ़ें मां सरस्वती का ये श्लोक
Can We Eat Non Veg On Basant Panchami: क्या हम बसंत पंचमी के दिन नॉनवेज खा सकते हैं
बसंत पंचमी एक बेहद ही पवित्र त्योहार है। इस दिन मांसाहारी भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।बसंत पंचमी 2024 विद्यांरभ संस्कार मुहूर्त (Basant Panchami 2024 Vidyarambh Sanskar Muhurat)
बसंत पंचमी - 14 फरवरी 2024, बुधवारबसंत पंचमी विद्यारंभ पूजा मुहूर्त - 07:01 AM से 12:35 PM
बसंत पंचमी मध्याह्न का क्षण - 12:35 PM
पंचमी तिथि प्रारम्भ - 13 फरवरी 2024 को 02:41 PM बजे
पंचमी तिथि समाप्त - 14 फरवरी 2024 को 12:09 PM बजे
सरस्वती अमृतवाणी (Saraswati Amritwani)
सुरमय वीणा धारिणी, सरस्वती कला निधान,पावन आशीष से करदे, जन जन का कल्याण ।
विद्या बोध स्वरूपिणी, मन मोहक तेरा रूप,
हर ले निशा अज्ञान की, ज्ञान की देकर दूप ।
शारदे माँ सुरेस्वारी, कर दुखों का अंत,
ज्योतिर्मय है जगत में, महिमा तेरी अंनत ।
त्रिभुवन में है गूंजता, मधुर तेरा संगीत,
दिव्य आकर्षण है लेता, शत्रु का मन जीत ।
जय सरस्वती माँ, जय हो सरस्वती माँ..
देवी ज्ञान विज्ञान की, कष्ट हरण तेरा जाप,
तेरे उपासक को छुवे, कभी न दुःख संताप ।
कला निधि करुनेस्वरी, करुणा करदे आपार,
कलह कलेश न हो यहाँ, सुखमय हो संसार ।
सात सुरों के स्वामिनी, सातों रंग तेरे पास,
अपने साधक की करना, पूर्ण हर एक आश ।
श्री नारायण की प्रिय, प्रीत की पुस्तक खोल,
पीड़ित पा जाए शांति, वाणी मनोहर बोल ।
जय सरस्वती माँ, जय हो सरस्वती माँ..
बुद्धि और विवेक का, दे सबको उपहार,
सर्व कलाओं से मैया, भरे तेरे भण्डार ।
परम योग स्वरूपिणी, मोडक मन की हर,
सर्व गुणों के रत्नों से, घर साधक का भर ।
कला में दे प्रवीणता, जग में बढ़ा सम्मान,
तेरे अनुग्रह से बनते, अनपढ़ भी विद्वान ।
भगतों के मन पटल पर, अंकित हो तेरा नाम,
हर एक कार्य का मिले, मन बांछित परिणाम ।
जय सरस्वती माँ, जय हो सरस्वती माँ..
तेरी अनुकम्पा से होता, प्रतिभा का विकाश,
ख्याति होती विश्व में, जीवन आता रास ।
हंस के वाहन बैठ के, प्रिये जगत में घूम,
दशों दिशाओं में मची, तेरे नाम की धूम ।
स्मरण शक्ति दे हमें, जग की श्रृजन हार,
तेरे कोष में क्या कमी, तूम हो अपरंपार ।
श्वेत कमल के आसन पर, मैया रही विराज,
तेरी साधना जो करे, सिद्ध करे उनके काज ।
सरस्वती पुष्पांजलि संस्कृत मंत्र लिरिक्स | Saraswati Pushpanjali Mantra Lyrics
नमः भद्रकाल्यै नमो नित्यं सरस्वत्यै नमो नमःवेद-वेदांग-वेदान्त-विद्यास्थानेभ्य एव च
एश श चंदना पुष्पा बिलवा पत्रांजलि
ॐ ओयिंग श्री सरस्वत्यै नमः
नमः भद्रकाल्यै नमो नित्यं सरस्वत्यै नमो नमः
वेद-वेदांग-वेदान्त-विद्यास्थानेभ्य एव च
एश श चंदना पुष्पा बिलवा पत्रांजलि
ॐ ओयिंग श्री सरस्वत्यै नमः
नमः भद्रकाल्यै नमो नित्यं सरस्वत्यै नमो नमः
वेद-वेदांग-वेदान्त-विद्यास्थानेभ्य एव च
एश श चंदना पुष्पा बिलवा पत्रांजलि
ॐ ओयिंग श्री सरस्वत्यै नमः
नमः भद्रकाल्यै नमो नित्यं सरस्वत्यै नमो नमः
वेद-वेदांग-वेदान्त-विद्यास्थानेभ्य एव च
एश श चंदना पुष्पा बिलवा पत्रांजलि
ॐ ओयिंग श्री सरस्वत्यै नमः
नमः भद्रकाल्यै नमो नित्यं सरस्वत्यै नमो नमः
वेद-वेदांग-वेदान्त-विद्यास्थानेभ्य एव च
एश श चंदना पुष्पा बिलवा पत्रांजलि
ॐ ओयिंग श्री सरस्वत्यै नमः
Maa Saraswati Mantra For Basant Panchami: माता सरस्वती मंत्र
Saraswati Mata Ki Aarti Lyrics: सरस्वती माता की आरती
Saraswati Dhyan Mantra: सरस्वती ध्यान मंत्र
या कुन्देन्दु तुषारहार धवला या शुभ्रवस्त्रावृता।या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।।
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा।।
शुक्लां ब्रह्मविचारसारपरमांद्यां जगद्व्यापनीं।
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यांधकारपहाम्।।
हस्ते स्फाटिक मालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्।
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्।।
ya devi sarva bhuteshu saraswati mantra: सरस्वती पूजा के दिन इस मंत्र का जरूर करें जाप
या देवी सर्वभूतेषु बुद्धि-रूपेण संस्थिता।नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥Basant Panchami Shloka In Sanskrit: बसंत पंचमी संस्कृत श्लोक
ओउम या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता ,या वीणावरदण्डमण्डित करा या श्वेत पद्मासना।
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता ,
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा।।
अर्थात- विद्या की देवी मां सरस्वती जी कुन्द-पुष्प के समान, शशि, बर्फ़ की माला की तरह सफेद रंग की हैं। श्वेत वस्त्र धारण करती हैं। जिनके हाथ में वीणा-दण्ड है। जो सफेद कमल पर बैठी हैं! जिनकी त्रिदेव वंदना करते हैं। वह समस्त मूर्खता को समाप्त करने वाली और ज्ञान को देने वाली मां सरस्वती मेरा पालन करें।
बसंत पंचमी सरस्वती पूजा मुहूर्त 2024 (Basant Panchami Saraswati Puja Timing 2024)
बसंत पंचमी सरस्वती पूजा मुहूर्त 2024- 07:01 AM से 12:35 PMअवधि- 05 घण्टे 35 मिनट्स
वसन्त पञ्चमी मध्याह्न का क्षण- 12:35 PM
पंचमी तिथि प्रारंभ- 13 फरवरी 2024 को 02:41 PM बजे
पंचमी तिथि समाप्त- 14 फरवरी 2024 को 12:09 PM बजे
सरस्वती स्तुति मंत्र (Saraswati Stuti Mantra)
ओम् सरस्वती नमस्तुभ्यं वाग्देवी च वीणावादिनी॥येयं पद्मासनस्थिता हंसवाहिनी सुमेधाय॥
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना॥
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥
About Basant Panchami In Hindi: बसंत पंचमी क्यों मनाया जाता है
बसंत पंचमी मां सरस्वती का जन्मदिन होता है। इसलिए ही वसन्त पंचमी के दिन को सरस्वती जयन्ती के रूप में भी जाना जाता है। जिस तरह से दीवाली का दिन देवी लक्ष्मी की पूजा के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है, जो कि सम्पत्ति और समृद्धि देती हैं। ठीक इसी प्रकार बसंत पंचमी का पर्व देवी सरस्वती की आराधना हेतु महत्वपूर्ण होता है, जो कि ज्ञान और बुद्धिमत्ता की देवी हैं।मां सरस्वती के मंत्र (Maa Saraswati Ke Mantra)
1. ‘ॐ शारदा माता ईश्वरी मैं नित सुमरि तोय हाथ जोड़ अरजी करूं विद्या वर दे मोय।’2. सरस्वती गायत्री मंत्र : ‘ॐ वागदैव्यै च विद्महे कामराजाय धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात्।’
3. नमस्ते शारदे देवी, काश्मीरपुर वासिनी,
त्वामहं प्रार्थये नित्यं, विद्या दानं च देहि में,
कंबू कंठी सुताम्रोष्ठी सर्वाभरणंभूषिता,
महासरस्वती देवी, जिव्हाग्रे सन्नी विश्यताम् ।।
शारदायै नमस्तुभ्यं , मम ह्रदय प्रवेशिनी,
परीक्षायां समुत्तीर्णं, सर्व विषय नाम यथा।।
Basant Panchami Ke Din Kya Karna Chahiye: बसंत पंचमी के दिन क्या करना चाहिए
- बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करनी चाहिए।
- इस दिन खासकर विद्यार्थी विद्या में सफलता प्राप्ति के लिए उनसे प्रार्थना करें।
- इस दिन माता सरस्वती को केसर के हलवे का भोग जरूर लगाएं।
- इस दिन किताबों की सफाई जरूर करें और मां सरस्वती के लिए भजन गाएं।
- इस दिन मां सरस्वती को पीले वस्त्र और फूल जरूर चढ़ाएं।
- साथ ही इस दिन मां सरस्वती की पूजा पीले वस्त्र पहनकर करनी चाहिए।
Basant Panchami Sanskrit Shlok (सरस्वती पूजा श्लोक इन संस्कृत)
सरस्वति नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणि ।विद्यारंभं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु मे सदा ॥”अर्थ – हे मां सरस्वती..! हे वर देने वाली मां, कामरूपिणी। मैं विद्या आरम्भ करने जा रहा हूं। मुझे सफल बनाना।Happy Basant Panchami Wishes In Sanskrit: बसंत पंचमी की संस्कृत विशेज
Saraswati Mata Aarti Lyrics In Hindi (सरस्वती माता आरती लिरिक्स हिंदी में)
जय सरस्वती माता,मैया जय सरस्वती माता ।
सदगुण वैभव शालिनी,
त्रिभुवन विख्याता ॥
जय जय सरस्वती माता...॥
चन्द्रवदनि पद्मासिनि,
द्युति मंगलकारी ।
सोहे शुभ हंस सवारी,
अतुल तेजधारी ॥
जय जय सरस्वती माता...॥
बाएं कर में वीणा,
दाएं कर माला ।
शीश मुकुट मणि सोहे,
गल मोतियन माला ॥
जय जय सरस्वती माता...॥
देवी शरण जो आए,
उनका उद्धार किया ।
पैठी मंथरा दासी,
रावण संहार किया ॥
जय जय सरस्वती माता...॥
विद्या ज्ञान प्रदायिनि,
ज्ञान प्रकाश भरो ।
मोह अज्ञान और तिमिर का,
जग से नाश करो ॥
जय जय सरस्वती माता...॥
धूप दीप फल मेवा,
मां स्वीकार करो ।
ज्ञानचक्षु दे माता,
जग निस्तार करो ॥
॥ जय सरस्वती माता...॥
मां सरस्वती की आरती,
जो कोई जन गावे ।
हितकारी सुखकारी,
ज्ञान भक्ति पावे ॥
जय जय सरस्वती माता...॥
जय सरस्वती माता,
जय जय सरस्वती माता ।
सदगुण वैभव शालिनी,
त्रिभुवन विख्याता ॥
बसंत पंचमी सरस्वती पूजा विधि (Basant Panchami Saraswati Puja Vidhi In Hindi)
- इस दिन स्कूलों और कॉलेजों में भी देवी सरस्वती की आराधना की जाती है।
- बसंत पंचमी के दिन पीले रंग के वस्त्र पहनने, हल्दी से मां सरस्वती की पूजा करने और हल्दी का तिलक लगाने की परंपरा है।
- इसके अलावा बसंत पंचमी पर मां सरस्वती के मंत्रों का जाप करना चाहिए।
- मां सरस्वती की वंदना करनी चाहिए।
- सरस्वती मां के जन्म की कथा सुननी चाहिए और उनकी विधि विधान आरती करनी चाहिए।
- अंत में मां सरस्वती को पीली चीजों का भोग लगाना चाहिए।
Saraswati Puja Ke Din Kya Karen: सरस्वती पूजा के दिन क्या करते हैं
सरस्वती पूजा के दिन मां सरस्वती की विधि विधान पूजा की जाती है। उनके मंत्रों का जाप किया जाता है। ये दिन विद्यारंभ करने के लिए भी माना जाता है। इस दिन किसी भी तरह से शुभ कार्य बिना मुहूर्त देखे किए जा सकते हैं।बसंत पंचमी सरस्वती पूजा मुहूर्त 2024 (Basant Panchami Saraswati Puja Muhurat 2024)
बसंत पंचमी सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त 14 फरवरी की सुबह 07:01 से दोपहर 12:35 तक रहेगा। वहीं बसंत पंचमी मध्याह्न का क्षण दोपहर 12:35 बजे का है।Saraswati Puja (Basant Panchami) 2024 Puja Timings LIVE Updates: सरस्वती पूजा पर दो दुर्लभ संयोग
इस वर्ष बसंत पंचमी पर रवि योग और रेवती नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है जिसमें शुभ कार्य शुरू करने से व्यक्ति को असीम सफलता प्राप्त होती है। बात करें समय की तो रवि योग सुबह 10 बजकर 43 मिनट से अगले दिन सुबह 7:00 बजे तक रहेगा। वहीं रेवती नक्षत्र सुबह 10:43 तक रहने वाला है।Saraswati Puja Ka Mahatva: मां सरस्वती पूजा का महत्व
बसंत पंचमी के दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है, और ऐसी मान्यता है कि इस दिन सरस्वती जी की पूजा करने से बुद्धि और ज्ञान बढ़ता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन मां सरस्वती की पूजा करते वक्त अगर भक्त अच्छी शिक्षा और सद्बुद्धि की कामना करते हैं तो मां सरस्वती की उन पर विशेष कृपा होती है।Basant Panchami 2024: बसंत पंचमी पर गुलाल लगाने की परंपरा
बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती के साथ ही राधे-कृष्ण की पूजी का भी शास्त्रों में वर्णन किया गया है। दरअसल राधे-कृष्ण प्रेम का प्रतीक हैं। बसंत पंचमी के दिन पहली बार राधा-कृष्ण ने एक दूसरे को गुलाल लगाया था इसलिए बसंत पंचमी पर गुलाल लगाने की परंपरा भी चली आ रही है।Maa Saraswati Chalisa: सरस्वती चलीसा पाठ
॥ दोहा ॥जनक जननि पद्मरज,निज मस्तक पर धरि ।बन्दौं मातु सरस्वती,बुद्धि बल दे दातारि ॥पूर्ण जगत में व्याप्त तव,महिमा अमित अनंतु।दुष्जनों के पाप को,मातु तु ही अब हन्तु ॥॥ चालीसा ॥जय श्री सकल बुद्धि बलरासी ।जय सर्वज्ञ अमर अविनाशी ॥जय जय जय वीणाकर धारी ।करती सदा सुहंस सवारी ॥रूप चतुर्भुज धारी माता ।सकल विश्व अन्दर विख्याता ॥जग में पाप बुद्धि जब होती ।तब ही धर्म की फीकी ज्योति ॥तब ही मातु का निज अवतारी ।पाप हीन करती महतारी ॥वाल्मीकिजी थे हत्यारा ।तव प्रसाद जानै संसारा ॥रामचरित जो रचे बनाई ।आदि कवि की पदवी पाई ॥कालिदास जो भये विख्याता ।तेरी कृपा दृष्टि से माता ॥तुलसी सूर आदि विद्वाना ।भये और जो ज्ञानी नाना ॥तिन्ह न और रहेउ अवलम्बा ।केव कृपा आपकी अम्बा ॥करहु कृपा सोइ मातु भवानी ।दुखित दीन निज दासहि जानी ॥पुत्र करहिं अपराध बहूता ।तेहि न धरई चित माता ॥राखु लाज जननि अब मेरी ।विनय करउं भांति बहु तेरी ॥मैं अनाथ तेरी अवलंबा ।कृपा करउ जय जय जगदंबा ॥मधुकैटभ जो अति बलवाना ।बाहुयुद्ध विष्णु से ठाना ॥समर हजार पाँच में घोरा ।फिर भी मुख उनसे नहीं मोरा ॥मातु सहाय कीन्ह तेहि काला ।बुद्धि विपरीत भई खलहाला ॥तेहि ते मृत्यु भई खल केरी ।पुरवहु मातु मनोरथ मेरी ॥चंड मुण्ड जो थे विख्याता ।क्षण महु संहारे उन माता ॥रक्त बीज से समरथ पापी ।सुरमुनि हदय धरा सब काँपी ॥काटेउ सिर जिमि कदली खम्बा ।बारबार बिन वउं जगदंबा ॥जगप्रसिद्ध जो शुंभनिशुंभा ।क्षण में बाँधे ताहि तू अम्बा ॥भरतमातु बुद्धि फेरेऊ जाई ।रामचन्द्र बनवास कराई ॥एहिविधि रावण वध तू कीन्हा ।सुर नरमुनि सबको सुख दीन्हा ॥को समरथ तव यश गुन गाना ।निगम अनादि अनंत बखाना ॥विष्णु रुद्र जस कहिन मारी ।जिनकी हो तुम रक्षाकारी ॥रक्त दन्तिका और शताक्षी ।नाम अपार है दानव भक्षी ।।दुर्गम काज धरा पर कीन्हा ।दुर्गा नाम सकल जग लीन्हा ॥दुर्ग आदि हरनी तू माता ।कृपा करहु जब जब सुखदाता ॥नृप कोपित को मारन चाहे ।कानन में घेरे मृग नाहे ॥सागर मध्य पोत के भंजे ।अति तूफान नहिं कोऊ संगे ॥भूत प्रेत बाधा या दुःख में ।हो दरिद्र अथवा संकट में ॥नाम जपे मंगल सब होई ।संशय इसमें करई न कोई ॥पुत्रहीन जो आतुर भाई ।सबै छांड़ि पूजें एहि भाई ॥करै पाठ नित यह चालीसा ।होय पुत्र सुन्दर गुण ईशा ॥धूपादिक नैवेद्य चढ़ावै ।संकट रहित अवश्य हो जावै ॥भक्ति मातु की करैं हमेशा ।निकट न आवै ताहि कलेशा ॥बंदी पाठ करें सत बारा ।बंदी पाश दूर हो सारा ॥रामसागर बाँधि हेतु भवानी ।कीजै कृपा दास निज जानी ॥॥दोहा॥मातु सूर्य कान्ति तव,अन्धकार मम रूप ।डूबन से रक्षा करहु,परूँ न मैं भव कूप ॥बलबुद्धि विद्या देहु मोहि,सुनहु सरस्वती मातु ।राम सागर अधम को,आश्रय तू ही देदातु ॥Basant Panchami 2024: सरस्वती वंदना
वर दे, वीणावादिनि वर दे ।प्रिय स्वतंत्र रव, अमृत मंत्र नवभारत में भर दे ।वीणावादिनि वर दे ॥काट अंध उर के बंधन स्तरबहा जननि ज्योतिर्मय निर्झरकलुष भेद तम हर प्रकाश भरजगमग जग कर दे ।वर दे, वीणावादिनि वर दे ॥नव गति, नव लय, ताल छंद नवनवल कंठ, नव जलद मन्द्र रवनव नभ के नव विहग वृंद को,नव पर नव स्वर दे ।वर दे, वीणावादिनि वर दे ॥वर दे, वीणावादिनि वर दे।प्रिय स्वतंत्र रव, अमृत मंत्र नवभारत में भर दे ।वीणावादिनि वर दे ॥Maa Saraswati Ki Aarti: माता सरस्वती की आरती हिंदी में
ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता।सद्गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥चंद्रवदनि पद्मासिनी, ध्रुति मंगलकारी।सोहें शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी ॥ जय…..बाएं कर में वीणा, दाएं कर में माला।शीश मुकुट मणी सोहें, गल मोतियन माला ॥ जय…..देवी शरण जो आएं, उनका उद्धार किया।पैठी मंथरा दासी, रावण संहार किया ॥ जय…..विद्या ज्ञान प्रदायिनी, ज्ञान प्रकाश भरो।मोह, अज्ञान, तिमिर का जग से नाश करो ॥ जय…..धूप, दीप, फल, मेवा मां स्वीकार करो।ज्ञानचक्षु दे माता, जग निस्तार करो ॥ जय…..मां सरस्वती की आरती जो कोई जन गावें।हितकारी, सुखकारी, ज्ञान भक्ती पावें ॥ जय…..जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता।सद्गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥ जय…..ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता ।सद्गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥ जय…..Basant Panchami 2024: सरस्वती देवी का मूल मंत्र
ओम ऐं सरस्वत्यै ऐं नमःSaraswati Mantra: देवी सरस्वती के मंत्र
श्लोक: ओम श्री सरस्वती शुक्लवर्णां सस्मितां सुमनोहराम्।।कोटिचंद्रप्रभामुष्टपुष्टश्रीयुक्तविग्रहाम्।वह्निशुद्धां शुकाधानां वीणापुस्तकमधारिणीम्।।रत्नसारेन्द्रनिर्माणनवभूषणभूषिताम्।सुपूजितां सुरगणैब्रह्मविष्णुशिवादिभि:।।वन्दे भक्तया वन्दिता च।© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited