Saraswati Maa Mantra In Sanskrit: सरस्वती माता मंत्र इन संस्कृत, यहां देखें सरस्वती बीज मंत्र, ध्यान मंत्र, विद्या मंत्र, पुष्पांजलि मंत्र, नील सरस्वती मंत्र और गायत्री मंत्र
Saraswati Mata Mantra (सरस्वती माता मंत्र इन संस्कृत): बसंत पंचमी यानी सरस्वती पूजा के दिन मां सरस्वती के मंत्रों का जाप करना अत्यंत शुभ माना जाता है। यहां देखें सरस्वती पूजा के स्पेशल मंत्र।
Sarawati Puja Mantra
Sarswati Mata Mantra (सरस्वती माता मंत्र): मां सरस्वती को ज्ञान की देवी कहा जाता है। इनकी पूजा से मनुष्य के ज्ञान और बुद्धि का संचार होता है। कहते हैं जिन लोगों पर मां सरस्वती की कृपा बरसती हैं उन्हें जीवन में कभी किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता। भारतीय कैलेंडर के अनुसार, माघ माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि का दिन सरस्वती पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। कहते हैं जो कोई भी भक्त इस दिन सच्चे मन से मां की पूजा-अर्चना करता है और उनके मंत्रों का जाप करता है उन्हें हर क्षेत्र में सफलता मिलती है। यहां देखें मां सरस्वती के मंत्र।
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मां सरस्वती मंत्र इन संस्कृत (Maa Saraswati Mantra In Sanskrit)
सरस्वती बीज मंत्र (Saraswati Beej Mantra)
- ॐ ह्रीं श्रीं सरस्वत्यै नमः।
- ॐ ऎं सरस्वत्यै ऎं नमः।।
सरस्वती ध्यान मंत्र (Saraswati Dhyan Mantra)
या कुन्देन्दु तुषारहार धवला या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।।
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा।।
शुक्लां ब्रह्मविचारसारपरमांद्यां जगद्व्यापनीं।
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यांधकारपहाम्।।
हस्ते स्फाटिक मालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्।
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्।।
सरस्वती विद्या मंत्र (Saraswati Dhyan Mantra)
सरस्वति नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणि।
विद्यारम्भं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु मे सदा।।
सरस्वती पुष्पांजलि मंत्र (Saraswati Pushpanjali Mantra)
नमः भद्रकाल्यै नमो नित्यं सरस्वत्यै नमो नमः
वेद-वेदांग-वेदान्त-विद्यास्थानेभ्य एव च
एश श चंदना पुष्पा बिलवा पत्रांजलि
ॐ ओयिंग श्री सरस्वत्यै नमः
नमः भद्रकाल्यै नमो नित्यं सरस्वत्यै नमो नमः
वेद-वेदांग-वेदान्त-विद्यास्थानेभ्य एव च
एश श चंदना पुष्पा बिलवा पत्रांजलि
ॐ ओयिंग श्री सरस्वत्यै नमः
नमः भद्रकाल्यै नमो नित्यं सरस्वत्यै नमो नमः
वेद-वेदांग-वेदान्त-विद्यास्थानेभ्य एव च
एश श चंदना पुष्पा बिलवा पत्रांजलि
ॐ ओयिंग श्री सरस्वत्यै नमः
नमः भद्रकाल्यै नमो नित्यं सरस्वत्यै नमो नमः
वेद-वेदांग-वेदान्त-विद्यास्थानेभ्य एव च
एश श चंदना पुष्पा बिलवा पत्रांजलि
ॐ ओयिंग श्री सरस्वत्यै नमः
नमः भद्रकाल्यै नमो नित्यं सरस्वत्यै नमो नमः
वेद-वेदांग-वेदान्त-विद्यास्थानेभ्य एव च
एश श चंदना पुष्पा बिलवा पत्रांजलि
ॐ ओयिंग श्री सरस्वत्यै नमः
नील सरस्वती मंत्र (Neel Saraswati Mantra)
घोर रूपे महारावे सर्वशत्रु भयंकरि।
भक्तेभ्यो वरदे देवि त्राहि मां शरणा गतम्।।१।।
ॐ सुरासुरार्चिते देवि सिद्धगन्धर्वसेविते।
जाड्यपापहरे देवि त्राहि मां शरणा गतम्।।२।।
जटाजूटसमायुक्ते लोलजिह्वान्तकारिणि।
द्रुतबुद्धिकरे देवि त्राहि मां शरणा गतम्।।३।।
सौम्यक्रोधधरे रूपे चण्डरूपे नमोSस्तु ते।
सृष्टिरूपे नमस्तुभ्यं त्राहि मां शरणा गतम्।।४।।
जडानां जडतां हन्ति भक्तानां भक्तवत्सला।
मूढ़तां हर मे देवि त्राहि मां शरणा गतम्।।५।।
वं ह्रूं ह्रूं कामये देवि बलिहोमप्रिये नम:।
उग्रतारे नमो नित्यं त्राहि मां शरणागतम्।।६।।
बुद्धिं देहि यशो देहि कवित्वं देहि देहि मे।
मूढत्वं च हरेद्देवि त्राहि मां शरणा गतम्।।७।।
इन्द्रा दिविलसद द्वन्द्ववन्दिते करुणा मयि।
तारे ताराधिनाथास्ये त्राहि मां शरणा गतम्।।८।।
अष्टभ्यां च चतुर्दश्यां नवम्यां य: पठेन्नर:।
षण्मासै: सिद्धिमा प्नोति नात्र कार्या विचारणा।।९।।
मोक्षार्थी लभते मोक्षं धनार्थी लभते धनम्।
विद्यार्थी लभते विद्यां विद्यां तर्क व्याकरणा दिकम।।१०।।
इदं स्तोत्रं पठेद्यस्तु सततं श्रद्धयाSन्वित:।
तस्य शत्रु: क्षयं याति महा प्रज्ञा प्रजा यते।।११।।
पीडायां वापि संग्रामे जाड्ये दाने तथा भये।
य इदं पठति स्तोत्रं शुभं तस्य न संशय:।।१२।।
इति प्रणम्य स्तुत्वा च योनि मुद्रां प्रदर्श येत।।१३।।
।।इति नीलसरस्वतीस्तोत्रं सम्पूर्णम्।।
सरस्वती गायत्री मंत्र (Saraswati Gayatri Mantra)
ॐ ऐं वाग्देव्यै विद्महे कामराजाय धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात्।।
मां सरस्वती के मंत्र जाप की विधि (Maa Saraswati Ke Mantra Jaap Ki Vidhi)
बसंत पंचमी के दिन पीले या सफेद रंग के वस्त्र पहनें। फिर मां सरस्वती की मूर्ति या चित्र के सामने उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं। मां की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करें। उसके बाद आप दिए गए मंत्रों का जाप करें।
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TNN अध्यात्म डेस्क author
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