Saraswati Puja (Basant Panchami) Vrat Katha: बसंत पंचमी व्रत कथा हिंदी में यहां देखें

Saraswati Puja (Basant Panchami) 2023 Vrat Katha in Hindi: हिंदू धार्मिक मान्यताओं अनुसार मां सरस्वती का जन्म माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन हुआ था। जानिए इनके जन्म की ये पावन कथा।

basant panchami vrat katha

बसंत पंचमी व्रत कथा

Saraswati Puja (Basant Panchami) 2023 Vrat Katha in Hindi: माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को पूरे देशभर में बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन बुद्धि और ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता अनुसार ये वही दिन है जिस दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था। इसलिए बसंत पंचमी के दिन को मां सरस्वती के जन्म दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। इस खास मौके पर मां सरस्वती के जन्म की ये कथा जरूर पढ़नी चाहिए।

बसंत पंचमी कथा (Basant Panchami Katha)

सरस्वती पूजा की कहानी ब्रह्मा वैवराता पुराण और मत्स्य पुराण से संबंधित हैं। एक पौराणिक कथा के अनुसार एक बार ब्रह्मा जी धरती पर विचरण करने निकले जहां उनका ध्यान मनुष्यों और जीव-जंतुओं पर गया जो उन्हें नीरस और शांत दिखाई दिए। ये देखकर ब्रह्मा जी को अपनी रचना में कुछ कमी महसूस हुई और उन्होंने अपने कमंडल से जल निकालकर पृथ्वी पर छिड़क दिया। जिससे 4 भुजाओं वाली एक एक स्त्री प्रकट हुई जिसके एक हाथ में वीणा, एक में माला, एक में पुस्तक और एक हाथ में वर मुद्रा थी। चतुरानन ने उन्हें ज्ञान और कला की देवी मां सरस्वती के नाम से पुकारा। ब्रह्मा जी के कहने पर सरस्वती जी ने वीणा के तार झंकृत किए, जिससे सभी प्राणी बोलने लगे, नदियां बहने लगीं, हवा ने भी संगीत पैदा किया। कहा जाता है तभी से बुद्धि व संगीत की देवी के रुप में मां सरस्वती की पूजा की जाने लगी।

बसंत पंचमी की दूसरी कथा: एक बार देवी सरस्वती ने भगवान श्रीकृष्ण को देखा और वे उन पर मोहित हो गई थी। वह उन्हें पति के रूप में पाना चाहती थी, लेकिन भगवान कृष्ण ने उन्हें बताया कि वे केवल राधारानी के प्रति समर्पित हैं। लेकिन मां सरस्वती को मनाने के लिए भगवान कृष्ण ने उन्हें वरदान दिया कि आज से माघ के शुक्ल पक्ष की पंचमी को समस्त विश्व तुम्हारी विद्या व ज्ञान की देवी के रुप में पूजा करेगा। कहते हैं उसी समय भगवान श्री कृष्ण ने सबसे पहले देवी सरस्वती की पूजा की तब से ही बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा लोग करते आ रहे हैं।

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लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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