Vasant Panchami Katha In Hindi: बसंत पंचमी व्रत कथा इन हिंदी

Saraswati Puja (Basant Panchami) 2024 Vrat Katha in Hindi: आज बसंत पंचमी का उत्सव मनाया जा रहा है। इस शुभ दिन पर माता सरस्वती की पूजा की जाती है। जानिए बसंत पंचमी की कथा।

Saraswati Puja (Basant Panchami) Vrat Katha

Saraswati Puja (Basant Panchami) 2024 Vrat Katha in Hindi: इस साल बसंत पंचमी के दिन दो शुभ योग बन रहे हैं। एक रवि योग तो दूसरा रेवती नक्षत्र। इस शुभ संयोग में शुभ कार्य करने से व्यक्ति को अपार सफलता प्राप्त होती है। बता दें बसंत पंचमी का त्योहार माता सरस्वती का जन्मदिन होता है। इसलिए इस दिन विद्या की देवी की विशेष अराधना से आप उनकी असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं। यहां पढ़ें सरस्वती माता की कथा।

Basant Panchami Katha In Hindi (बसंत पंचमी की कथा)

एक बार ब्रह्मा जी जब धरती पर विचरण करने निकले तो उन्होंने मनुष्यों और जीव-जंतुओं को देखा जो उन्हें नीरस और शांत दिखाई दिए। यह देखकर ब्रह्मा जी को कुछ कमी महसूस हुई और उन्होंने अपने कमंडल से जल निकालकर पृथ्वी पर छिड़का। जल छिड़कते ही 4 भुजाओं वाली एक सुंदर स्त्री प्रकट हुई। इस स्त्री के एक हाथ में वीणा, दूसरे में माला, तीसरे में पुस्तक और चौथे हाथ में वर मुद्रा थी। ब्रह्मा जी ने उन्हें ज्ञान की देवी मां सरस्वती के नाम से पुकारा। ब्रह्मा जी के कहे अनुसार सरस्वती जी ने वीणा के तार झंकृत किए, जिससे प्राणी बोलने लगे, नदियां बहने लगी हवा ने भी सन्नाटे को चीरता हुआ संगीत पैदा किया। कहते हैं तभी से बुद्धि व संगीत की देवी के रुप में मां सरस्वती की पूजा की जाने लगी।

पौराणिक कथानुसार, एक बार देवी मां सरस्वती ने भगवान श्रीकृष्ण को देख लिया था और वह उन पर मोहित हो गई। वह उन्हें पति के रूप में पाना चाहती थीं, लेकिन भगवान कृष्ण ने उन्हें कहा कि वे केवल राधारानी के प्रति समर्पित हैं। लेकिन सरस्वती को उन्होंने वरदान दिया कि आज से माघ के शुक्ल पक्ष की पंचमी को समस्त विश्व तुम्हारी विद्या व ज्ञान की देवी के रुप में पूजा करेगा। कहते हैं उसी समय भगवान श्री कृष्ण ने सबसे पहले देवी सरस्वती की पूजा की और तब से लेकर निरंतर बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा की परंपरा चली आ रही है।

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