Saraswati Vandana in Hindi Lyrics: बसंत पंचमी पर इस सरस्वती वंदना से करें मां शारदे की प्रार्थना, हे हंस वाहिनी ज्ञानदायिनी के हिंदी लिरिक्स
Maa Saraswati Vandana He Hans Vahini Gyan Dayini Lyrics (सरस्वती वंदना हे हंस वाहिनी ज्ञानदायिनी के हिंदी लिरिक्स): मां सरस्वती की पूजा में उनकी वंदना सरस्वती वंदना का जाप किया जाता है। मां शारदा की कृपा के लिए आप भी पढ़ें। देखें इसके शब्द और अर्थ।
Maa Saraswati Vandana He Hans Vahini Gyan Dayini Lyrics in Hindi: हिंदू धर्म में बसंत पंचमी पूजा का विशेष महत्व है। पंचांग के अनुसार यह पर्व हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। बसंत पंचमी सरस्वती माता का जन्म दिन को रूप में मनाया जाता है। इस दिन घर में मां सरस्वती को भोग लगाने के लिए तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं। बसंत पंचमी विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण दिन होता है। इस साल बसंत पंचमी की पूजा आज यानी 26 जनवरी को मनाई जा रही है। शास्त्र के अनुसार भगवान विष्णु और भगवान महेश के कहने पर ब्रह्मा जी ने मां सरस्वती को कल के दिन प्रकट किया था।
सरस्वती पूजा में माता के भक्त इस दिन पीला वस्त्र पहनकर माता को पीला वस्त्र, पीला फूल, पीला प्रसाद का भोग लगाते हैं। यदि आप मां सरस्वती की विशेष कृपा प्राप्त करना चाहते है, तो उनकी पूजा में सरस्वती वंदना जरूर पढ़ें। इस सरस्वती वंदना को करने से आपको बुद्धि, ज्ञान, बल, अनुशासन का आशीष मिलता है।
Maa Saraswati Vandana He Hans Vahini Gyan Dayini Lyrics (सरस्वती वंदना हे हंस वाहिनी ज्ञानदायिनी के हिंदी लिरिक्स)
हे हंसवाहिनी ज्ञान दायिनी
अम्ब विमल मति दे। अम्ब विमल मति दे॥
जग सिरमौर बनाएँ भारत,
वह बल विक्रम दे। वह बल विक्रम दे॥
हे हंसवाहिनी…..
अम्ब विमल मति दे। अम्ब विमल मति दे॥
साहस शील हृदय में भर दे,
जीवन त्याग-तपोमर कर दे,
संयम सत्य स्नेह का वर दे,
स्वाभिमान भर दे। स्वाभिमान भर दे॥१॥
हे हंसवाहिनी ….
अम्ब विमल मति दे। अम्ब विमल मति दे॥
लव-कुश, ध्रुव, प्रहलाद बनें हम
मानवता का त्रास हरें हम,
सीता, सावित्री, दुर्गा मां,
फिर घर-घर भर दे। फिर घर-घर भर दे॥२॥
हे हंसवाहिनी……
अम्ब विमल मति दे। अम्ब विमल मति दे॥
हे हंस वाहिनी ज्ञान दायिनी सरस्वती वंदना का अर्थ
इस सरस्वती वंदना का अर्थ है- हे, हंस पर विराजमान, ज्ञान देने वाली मां आपसे प्रार्थना है कि हमें विशुद्ध, निर्मल बुद्धि प्रदान करो। हमें ऐसा बल, शौर्य प्रदान करो जिसे प्राप्त कर हम भारतवर्ष को फिर से विश्वगुरू बना सकें। आप हृदय में साहस, विनय के श्रेष्ठ गुण भरें जिससे हम त्याग और तपस्या के मार्ग पर चलते रहें। हमें संयम में रहने, सत्यपथ पर चलने का, सबके प्रति स्नेह भाव रखने का वरदान दीजिए। हे माँ, हमें शक्ति दो कि हम लव-कुश जैसे पराक्रमी, ध्रुव के जैसे आस्थावान, प्रहलाद के जैसे भक्त, बनें। हे माँ, आप हमें निर्मल बुद्धि प्रदान करें ।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (spirituality News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
End of Article
कुलदीप राघव author
कुलदीप सिंह राघव 2017 से Timesnowhindi.com ऑनलाइन से जुड़े हैं।पॉटरी नगरी के नाम से मशहूर यूपी के बु...और देखें
End Of Feed
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited