Sarva Pitru Amavasya 2024: कब है सर्वपितृ अमावस्या? जानिए सही तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व

Sarva Pitru Amavasya 2024: सर्व पितृ अमावस्या के दिन उन सारे पितरों का श्राद्ध किया जाता है। जिनके श्राद्ध की तिथि हम भूल जाते हैं। ये आश्विन अमावस्या के दिन पड़ती है। आइए जानें इस साल सर्व पितृ अमावस्या कब है और इसके महत्व के बारे में।

Sarva Pitru Amavasya 2024

Sarva Pitru Amavasya 2024

Sarva Pitru Amavasya 2024: हिंदू धर्म में सर्व पितृ अमावस्या का बहुत ही खास महत्व है। सर्व पितृ अमावस्या हर साल आश्विन मास की अमावस्या तिथि के दिन मनाया जाता है। पितृ पक्ष की शुरुआत भाद्रपद मास की अमावस्या तिथि से लेकर आश्विन मास की अमावस्या तक रहता है। सर्व पितृ अमावस्या के दिन ही पितर पक्ष का समापन भी होता है। पितर पक्ष के दौरान पितर स्वर्ग लोक से धरती लोक पर आते हैं। इस समय में पितरों का तर्पण किया जाता है। सर्व पितृ अमावस्या के दिन सभी पितरों का श्राद्ध कर्म किया जाता है। सर्वपितृ अमावस्या के दिन तर्पण, श्राद्ध, पिंडदान आदि किया जाता है। आइए जानें इस साल सर्व पितृ अमावस्या कब है और इसके महत्व के बारे में।

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Sarva Pitru Amavasya 2024 (सर्व पितृ अमावस्या कब है 2024)

हिंदू पंचांग के अनुसार सर्व पितृ अमावस्या हर साल आश्विन महीने की अमावस्या तिथि के दिन मनाई जाती है। इस साल आश्विन मास की अमावस्या तिथि की शुरुआत 1 अक्टूबर 2024 को प्रातः 9:34 बजे होगी। वहीं इस तिथि का समापन 2 अक्टूबर 2024 को 24:18 बजे समाप्त होगी। ऐसे में इस साल सर्व पितृ अमावस्या 2 अक्तूबर 2024 को होगा।

Sarva Pitru Amavasya 2024 Shubh Muhurat (सर्व पितृ अमावस्या 2024 शुभ मुहूर्त)

पंचांग के अनुसार 2 अक्तूबर 2024 को सर्व पितृ अमावस्या है। इस दिन कुतुप मुहूर्त सुबह 11:45 बजे से दोपहर 12:24 बजे तक रहेगा। इसके साथ ही रोहिण मुहूर्त दोपहर 12:34 बजे से दोपहर 1:34 बजे तक रहने वाला है। कुतुप और रोहिणी दोनों मुहूर्त में तर्पण करना शुभ होगा। सर्व पितृ अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण भी लगेगा। सूर्य ग्रहण 1 अक्टूबर को रात में 9.40 से 2 अक्टूबर की मध्य रात्रि 3.17 मिनट तक रहेगा।

Sarva Pitru Amavasya Tarpan Vidhi (सर्व पितृ अमावस्या तर्पण विधि)

  • सर्व पितृ अमावस्या के दिन स्नान के बाद पुजारी को बुलाकर तर्पण करें।
  • इस दिन पूर्वजों का तर्पण करने के लिए दक्षिण दिशा में मुख करके बैंठे।
  • तर्पण अंगूठे और पहली उंगली के मध्य भाग से जल अर्पित करके किया जाता है।
  • इस दिन तर्पण के समय कुश, अक्षत, जौ और काले तिल का उपयोग करना चाहिए।
  • तर्पण करने के बाद पितरों के प्रार्थना मंत्र का जाप करें।

Sarva Pitru Amavasya Importance (सर्व पितृ अमावस्या महत्व)

सर्वपितृ अमावस्या के दिन सारे पितरों का श्राद्ध किया जाता है। इस दिन उन पूर्वजों का श्राद्ध किया जाता है। जिनकी मृत्यु तिथि ज्ञात ना हो उनका श्राद्ध किया जाता है। इस दिन पितरों का श्राद्ध और पिंडदान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। इसके साथ ही परिवार को भी अपने पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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जयंती झा author

बिहार के मधुबनी जिले से की रहने वाली हूं, लेकिन शिक्षा की शुरुआत उत्तर प्रदेश की गजियाबाद जिले से हुई। दिल्ली विश्वविद्यायलय से हिंदी ऑनर्स से ग्रेजुए...और देखें

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