Satyanarayan Aarti: जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा...श्री सत्यनारायण भगवान की आरती के पूरे लिरिक्स यहां देखें

Shri Satyanarayan Ji Ki Aarti: श्री सत्यनारायणजी भगवान की आरती...जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा. सत्यनारायण स्वामी, जन-पातक-हरणा...

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Satyanarayan Bhagwan Ki Aarti: श्री सत्यनारायण भगवान की आरती

Satyanarayan Aarti: श्री सत्यनारायण जी भगवान विष्णु के सबसे ज्यादा पूजे जाने वाले रूपों में से एक हैं। मान्यता है जो व्यक्ति भगवान सत्यनारायण की पूजा करता है उसके जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और घर में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है। आमतौर पर लोग कोई मन्नत पूरी होने पर सत्यनारायण की कथा (Satyanarayan Ji Ki Katha) करते हैं लेकिन जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए भी इनकी पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। वैसे तो आप अपनी इच्छा अनुसार किसी भी दिन सत्यनारायण जी की पूजा कर सकते हैं लेकिन इनकी अराधना के लिए गुरुवार और पूर्णिमा (Purnima 2023) का दिन सबसे विशेष माना जाता है। यहां देखिए भगवान सत्यनारायण की आरती (Bhagwan Satyanarayan Ji Ki Aarti)।

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Satyanarayan Bhagwan Ki Aarti Lyrics

जय लक्ष्मी रमणा,

स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।

सत्यनारायण स्वामी,

जन पातक हरणा ॥

ॐ जय लक्ष्मी रमणा,

स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।

रत्‍‌न जडि़त सिंहासन,

अद्भुत छवि राजै ।

नारद करत निराजन,

घण्टा ध्वनि बाजै ॥

ॐ जय लक्ष्मी रमणा,

स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।

प्रकट भये कलि कारण,

द्विज को दर्श दियो ।

बूढ़ा ब्राह्मण बनकर,

कंचन महल कियो ॥

ॐ जय लक्ष्मी रमणा,

स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।

दुर्बल भील कठारो,

जिन पर कृपा करी ।

चन्द्रचूड़ एक राजा,

तिनकी विपत्ति हरी ॥

ॐ जय लक्ष्मी रमणा,

स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।

वैश्य मनोरथ पायो,

श्रद्धा तज दीन्ही ।

सो फल भोग्यो प्रभुजी,

फिर-स्तुति कीन्हीं ॥

ॐ जय लक्ष्मी रमणा,

स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।

भाव भक्ति के कारण,

छिन-छिन रूप धरयो ।

श्रद्धा धारण कीन्हीं,

तिनको काज सरयो ॥

ॐ जय लक्ष्मी रमणा,

स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।

ग्वाल-बाल संग राजा,

वन में भक्ति करी ।

मनवांछित फल दीन्हों,

दीनदयाल हरी ॥

ॐ जय लक्ष्मी रमणा,

स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।

चढ़त प्रसाद सवायो,

कदली फल, मेवा ।

धूप दीप तुलसी से,

राजी सत्यदेवा ॥

ॐ जय लक्ष्मी रमणा,

स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।

श्री सत्यनारायण जी की आरती,

जो कोई नर गावै ।

ऋद्धि-सिद्ध सुख-संपत्ति,

सहज रूप पावे ॥

जय लक्ष्मी रमणा,

स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।

सत्यनारायण स्वामी,

जन पातक हरणा ॥

सत्यनारायण पूजा की खास बातें: सत्यनारायण व्रत कथा के दो भाग होते हैं। पहले व्रत-पूजन और दूसरा सत्यनारायण की कथा। सत्यनारायण व्रत कलियुग का सबसे कल्याणकारी व्रत माना गया है। श्री सत्यनारायण की पूजा बेहद कम सामान और बहुत सरल तरीके से की जा सकती है। इनकी पूजा केले के पेड़ के नीचे करनी चाहिए।

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