Mangla Gauri Vrat Katha in Hindi: मंगला गौरी व्रत आज, हिंदी में यहां पढ़ें पूरी कथा
Mangla Gauri Vrat Katha in Hindi (मंगला गौरी व्रत कथा): ऐसा माना जाता है कि माता गौरी यानी माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए सभी तरह के व्रत रखे थे। इनमें सावन महीने में मनाया जाने वाला मंगला गौरी व्रत बहुत महत्वपूर्ण और शुभ माना जाता है।
Mangla Gauri Vrat Katha: हिंदी में मंगला गौरी व्रत कथा।
मंगला गौरी व्रत भगवान शिव के प्रिय महीने सावन के हर मंगलवार को मनाया जाता है। इस साल सावन का महीना 4 जुलाई से शुरू हो गया है। मंगला गौरी व्रत शुरू करने से पहले सावन के मंगलवार के दिन सच्चे मन से भगवान शिव की पूजा करके पूरे महीने मंगला गौरी व्रत करने का संकल्प लेना चाहिए।
मंगला गौरी व्रत कथा (Mangla Gauri Katha )
एक समय की बात है, धर्मपाल नाम का एक व्यापारी रहता था। वह और उसकी पत्नी अत्यंत धार्मिक थे। अनेक अनुष्ठान और व्रत करने से उन्हें पुत्र की प्राप्ति हुई। बहुत छोटी उम्र से ही ज्योतिषियों ने उनके बेटे की मृत्यु की भविष्यवाणी कर दी थी, जो कि उसके 16वें साल में सांप के काटने से होनी थी। कुछ सालों के बाद धर्मपाल और उसकी पत्नी भविष्यवाणी के बारे में सब कुछ भूल गए और अपने बेटे की शादी कर दी। जिस लड़की से उनके बेटे की शादी हुई थी, वह मंगला गौरी व्रत करती थी। मंगला गौरी के व्रत के प्रभाव से उसके पति की मृत्यु का भय समाप्त हो गया और उसे दीर्घायु प्राप्त हुई। इसी के साथ वह एक सुखी वैवाहिक जीवन जीने लगे।
अगर महिलाएं मंगला गौरी व्रत को पूरे अनुष्ठान और ईमानदारी के साथ करती हैं, तो उन्हें वैवाहिक जीवन की सभी खुशियां और ज़रूरतें मिलती हैं।
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