Sawan 2024: सावन के महीने में शिव जी को क्यों अर्पित किया जाता है पान? जानें इसका महत्व

Paan Importance In Sawan: सावन का महीना शिव जी की पूजा के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है। इस मास अलग- अलग तरीके से भगवान शिव की पूजा की जाती है और अभिषेक किया जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं सावन के महीने में शिव जी पर पान क्यों चढ़ाया जाता है।

Sawan 2024

Sawan 2024: हिंदू धर्म में सावन के महीने को सबसे पवित्र महीने में से एक माना जाता है। ये महीना पूरी तरह से भगवान महादेव की भक्ति को समर्पित होता है। सावन मास में शिव भक्त सच्चे मन से शिव जी की पूजा और उपासना करते हैं। इस महीने में भगवान शिव को बहुत सारी चीजें अर्पित की जाती है। इस साल सावन मास की शुरुआत 22 जुलाई 2024 से हो गई है। वहीं इस महीने का समापन 19 अगस्त 2024 को होगा। सावन के मास में यूं तो शिव जी को भांग, धतूरा और बेलपत्र अर्पित करना बहुत ही शुभ माना गया है, लेकिन सावन के महीने में भगवान शिव को पान का पत्ता भी चढ़ाया जाता है। आइए जानते हैं सावन के महीने में भगवान शिव पान क्यों चढ़ाना चाहिए।

भगवान शिव को क्यों चढ़ाया जाता है पानहिंदू धर्म में पान के पत्ते को बहुत ही शुभ माना गया है। हर एक पूजा में पान के पत्ते का विशेष रूप से प्रयोग किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार सावन के महीने में भगवान शिव को पान का पत्ता अर्पित करने से हर मनोकामना की पूर्ति होती है। महादेव को जो पान अर्पित किया जाता है। उसमे कत्था, गुलकंद, सौंप और सुमन कतरी डाली जाती है। शिव जी की पूजा करने के बाद और भोग लगाने के बाद आप शिव जी को पान अर्पित कर सकते हैं।

सावन के महीने में पान का सेवन क्यों किया जाता है

सावन का मास बरसात का मास होता है। इस महीने में व्यक्ति को सर्दी जुकाम जैसी शारीरिक समस्या का सामना करना पड़ता है। इस महीने में पान के पत्ते में हल्दी को सेंक कर डालकर खाने से जुकाम से राहत मिलती है। पान का सेवन करने से पायरिया जैसे रोगों से भी मुक्ति मिलती है।

सावन में पान का महत्व

पान का महत्व शास्त्रों में विस्तार रूप से बताया गया है। भगवान विष्णु की पूजा से लेकर लक्ष्मी और गणेश तक की पूजा में पान का प्रयोग किया जाता है। पान का खास प्रयोग सावन के महीने में शिव जी की पूजा के लिए भी किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि सावन के सोमवार के दिन पान का पत्ते पर चंदन लगाकर अगर शिवलिंग पर चढ़ाया जाए तो उसे साधक को हर कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। इसके साथ ही भगवान शिव की कृपा भी हमेशा बनी रहती है।

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