Green Saree For Sawan 2023: सावन में हरे रंग की साड़ी और चूड़ियां पहनना क्यों है शुभ, जानिए क्या कहते हैं शास्त्र
Green Saree For Sawan 2023 (सावन में हरा क्यों पहनते हैं): ऐसी मान्यता है सावन में शिव जी की प्रिय चीज़ो को धारण करने से प्रभु प्रसन्न होते हैं। यहां देखें सावन में हरा रंग पहनने का महत्व क्या होता है और इसका शिव जी से क्या संबंध है।
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Green Saree For Sawan 2023 (सावन में हरा क्यों पहनते हैं): सावन मास शुरू हो गया है, सावन के महीने में शिव जी और उनके परिवार की आराधना करने से प्रभु बेहद प्रसन्न होते हैं। और अपने भक्तों के जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और वैवाहिक खुशियों का संचार करते हैं। सावन में शिव जी की प्रिय चीज़ो को धारण और अर्पण करने से प्रभु प्रसन्न होते हैं। वहीं आपने भी अक्सर देखा होगा कि, सावन में हरे रंग को धारण करने का बहुत महत्व मानते हैं। सुहागिन इस समय में खासतौर से हरी चूड़ियां और साड़ी पहनती हैं। यहां देखें सावन में हरा रंग पहनने का महत्व क्या है।
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सावन में हरा रंग क्यों पहनते हैं, Green Colour Importance In Sawan Month 2023
मान्यता है कि सावन में शिव जी का प्रिय हरा रंग धारण करने से जातकों को जीवन में विशेष लाभों की प्राप्ति होती है। लेकिन सावन और हरे रंग का संबंध क्या है? इस बात का जवाब साफ है दरअसल सबसे पहले तो सावन का महीना शुरू होते हीं, मौसम करवट लेता है और बारिश का आगाज हो जाता है। बारिश के मौसम में चारों तरफ का हाल भी एकदम हरा हो जाता है। हरे रंग को हर्ष और उल्लास का रंग भी माना जाता है, इसलिए भी सावन में हरे रंग पहनने को बहुत शुभ माना जाता है।
शिव जी को प्रिय है हरा रंग (Green saree for sawan)
यह भी मान्यता है कि, हरा रंग शिव जी का भी बहुत प्रिय होता है। सुहागिन महिलाएं सावन मास में हरे रंग की साड़ी और हरी हरी चूड़ियां पहन शिव-पार्वती का पूजन अर्चन करती हैं। सनातन धर्म में हरी चूड़ियों को सुहाग की निशानी भी माना जाता है। ऐसे में सावन मास में गौरी-शंकर का पूजन करते वक्त जो भी महिलाएं हरा रंग धारण करती हैं, उनका सुहाग सलामत रहता है और उनकी जोड़ी शिव-पार्वती सी पवित्र बनी रहती है।
शास्त्रों में क्या लिखा है? (Sawan 2023 Green Bangle designs)
हरे रंग की मान्यता के बारे में शास्त्रों में भी बहुत खास बात लिखी गई है। दरअसल प्रकृति और महादेव दोनों के ही बीच में बहुत गहरा रिश्ता होता है। वहीं हिमालय की गोद में विराजे भोले शंकर को प्रकृति से जुड़ी चीज़े भी अतिप्रिय हैं। इसलिए उन्हें हरे रंग की चीज़े जैसे बेलपत्र, धतूरा, भांग खासतौर से चढ़ाया जाता है। और जो औरतें हरे रंग की साड़ी और चूड़ी पहनती हैं, उनपर महादेव का आशीष बना रहता है।
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मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर ट्रेनी कॉपी राइटर कार्यरत हूं। मूल रूप से मध्य प्रदेश के उज्जैन की रहने वाली लड़की, जिसे कविताएं लिखना, महिलाओं से ज...और देखें
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