Rudrabhishek Vidhi And Mantra: शिवरात्रि पर ऐसे करें भोलेनीथ का रुद्राभिषेक, होगा सभी कष्टों का निवारण
Rudrabhishek Vidhi, Mantra (रुद्राभिषेक विधि मंत्र) : शिवपुराण में वर्णित एक कथा के अनुसार बिना रुद्राभिषेक के शिवरात्रि की पूजा को संपूर्ण नहीं माना जाता। रुद्राभिषेक करने से भोलेनाथ का आशीर्वाद सदैव अपने भक्तों पर बना रहता है। यहां आप रुद्राभिषेक विधि, मंत्र व नियम जान सकते हैं।
Rudrabhishek Vidhi, Mantra: शिवरात्रि पर ऐसे करें रुद्राभिषेक, पूर्ण होंगी मनोकामनाएं
Rudrabhishek Vidhi, Mantra (रुद्राभिषेक विधि मंत्र): आज हर तरफ सावन मास की शिवरात्रि की धूम देखने को मिल (Rudrabhishek Puja) रही है। इस दिन रुद्राभिषेक का विशेष (Rudrabhishek Vidhi) महत्व है। शिव पुराण में वर्णित एक श्लोक के अनुसार रुद्राभिषेक करने से भोलेनाथ जल्दी प्रसन्न होते हैं तथा अपने भक्तों पर सदैव आशीर्वाद बनाए रखते हैं।
मान्यता है कि रुद्राभिषेक करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और जीवन में आने वाले सभी कष्टों का निवारण (Rudrabhishek Mantra) होता है। वहीं राशि के अनुसार रुद्राभिषेक करने से ग्रह बाधाओं से मुक्ति मिलती है। कहा जाता है शिवरात्रि के अवसर पर रुद्राभिषेक करने से साधक के पाप जलकर भस्म हो जाते हैं और शिवत्व की प्राप्ति होती है। यहां आप रुद्राभिषेक करने की विधि व मंत्र जान सकते हैं।
रुद्राभिषेक का महत्वशिवपुराण में रुद्राभिषेक का विशेष महत्व बताया गया है। भोलेनाथ को रुद्र के अवतार में पूजा जाता है। कहा जाता है कि सभी देवी देवताओं की आत्मा रुद्र में उपस्थि है। रुद्र में भगवान शिव का प्रचंड रूप विराजमान है। मान्यता है कि, शिवरात्रि पर रुद्राभिषेक करने से जातकों के सभी कष्टों का निवारण होता है। तथा ग्रह नक्षत्र की बाधाओं से मुक्ति मिलती है। वहीं इससे कुछ खास उपाय करने से निसंतान को संतान की प्राप्ति होती है। यहां आप रुद्राभिषेक की विधि व मंत्र जान सकते हैं।
Rudrabhishek Vidhi: रुद्राभिषेक विधि- सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर साफ वस्त्र धारण करें।
- सात या ग्याहर बेलपुत्र धो लें और उस पर स्वाश्तिक का चिन्ह बनाएं।
- तांबे के लोटे में जल लें, इसमें थोड़ा गंगाजल, अक्षत, फूल, बेलपत्र, भांग धतूरा आदि डाल लें।
- इसके बाद ओम नम: शिवाय का जप करते हुए रुद्राभिषेक शुरू करें।
- ध्यान रहे आपको रुद्राभिषेक करने के बाद शिव चालीसा का पाठ करना है।
- बिना रुद्राष्टक और तांडव स्त्रोत का पाठ किए पूजा को संपूर्ण नहीं माना जाएगा।
Rudrabhishek Mantra: रुद्राभिषेक मंत्र- मम क्षेमस्थैर्यविजयारोग्यैश्वर्याभिवृद्धयर्थं सोमवार व्रतं करिष्ये'
- सर्वदेवात्मको रुद्र: सर्वे देवा: शिवात्मका:। रुद्रात्प्रवर्तते बीजं बीजयोनिर्जनार्दन:।। यो रुद्र: स स्वयं ब्रह्मा यो ब्रह्मा स हुताशन:। ब्रह्मविष्णुमयो रुद्र अग्नीषोमात्मकं जगत्।।
- रुद्रा: पञ्चविधाः प्रोक्ता देशिकैरुत्तरोतरं | सांगस्तवाद्यो रूपकाख्य: सशीर्षो
रूद्र उच्च्यते|| एकादशगुणैस्तद्वद् रुद्रौ संज्ञो द्वितीयकः । एकदशभिरेता भिस्तृतीयो लघु रुद्रकः।।
- यश्च सागरपर्यन्तां सशैलवनकाननाम्। सर्वान्नात्मगुणोपेतां सुवृक्षजलशोभिताम्।। दद्यात् कांचनसंयुक्तां भूमिं चौषधिसंयुताम्। तस्मादप्यधिकं तस्य सकृद्रुद्रजपाद्भवेत्।। यश्च रुद्रांजपेन्नित्यं ध्यायमानो महेश्वरम्। स तेनैव च देहेन रुद्र: संजायते ध्रुवम्।।
ऊपर दिए इन मंत्रों का जप कर आप रुद्राभिषेक कर सकते हैं।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (spirituality News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की नगरी अयोध्या का रहने वाला हूं। लिखने-पढ़ने का शौकीन, राजनीति और शिक्षा से जुड़े मुद्दों में विशेष रुचि। साथ ही हेल्...और देखें
Kartik Purnima Ganga Snan Vidhi And Time 2024 :कार्तिक पूर्णिमा के दिन किस समय किया जाएगा गंगा स्नान, जानिए विधि और शुभ मुहूर्त
15 November 2024 Panchang: कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान, दीप दान और देव दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा, पंचांग से जानें सही जानकारी
Kartik Purnima Katha In Hindi: कार्तिक पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है, जानिए इसकी पौराणिक कथा
Kartik Purnima Mahatav 2024: कार्तिक पूर्णिमा का क्या महत्व है? जानिए इस दिन क्यों किये जाते हैं धार्मिक कार्य
Kartik Purnima Daan: कार्तिक पूर्णिमा के दिन इन चीजों का जरूर करें दान, मां लक्ष्मी की खूब बरसेगी कृपा
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited