Sawan Shivratri 2024: आज मनाई जा रही है सावन शिवरात्रि, जानिए कावड़ जल चढ़ाने का समय, पूजा विधि, मंत्र, कथा, आरती समेत सारी जानकारी यहां
Sawan Shivratri 2024 Date, Jal Abhishek Time (सावन शिवरात्रि 2024): श्रावण मास में आने वाली शिवरात्रि को सावन शिवरात्रि या श्रावण शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है। यहां आप जानेंगे 2024 में सावन शिवरात्रि कब है, ये क्यों मनाई जाती है, इसकी पूजा विधि, पूजन सामग्री, कथा, आरती, मंत्र क्या है, इस दिन जलाभिषेक का क्या समय रहेगा। जानिए शिवरात्रि से जुड़ी हर एक जानकारी यहां।
Sawan Shivratri 2024
Sawan Shivratri 2024 Date, Jal Abhishek Time (सावन शिवरात्रि 2024): सावन की शिवरात्रि का बेहद खास महत्व माना जाता है। इस दिन श्रद्धालु शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं। कावड़ जल (Kawad Jal Kab Chadega 2024) चढ़ाने के लिए भी शिवरात्रि का दिन सबसे शुभ माना जाता है। कहते हैं इस दिन रुद्राभिषेक करने से मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। वैसे तो शिवरात्रि हर महीने में पड़ती है। लेकिन सावन शिवरात्रि और महाशिवरात्रि का सबसे ज्यादा महत्व माना जाता है (Mahashivratri 2024 Date)। महाशिवरात्रि इस साल 8 मार्च को पड़ चुकी है। चलिए जानते हैं श्रावण शिवरात्रि कब पड़ेगी और इसकी पूजा विधि, पूजन सामग्री, मंत्र, कथा, आरती, महत्व और मुहूर्त क्या है।
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Sawan Shivratri 2024 Date (सावन शिवरात्रि कब है 2024)
सावन शिवरात्रि इस साल 2 अगस्त की दोपहर 3 बजकर 26 मिनट से शुरू होकर 3 अगस्त की दोपहर 3 बजकर 50 मिनट तक रहेगी। पंचांग अनुसार शिवरात्रि व्रत 2 अगस्त को रखा जाएगा।
Sawan Shivratri 2024 Time (सावन शिवरात्रि 2024 मुहूर्त)
सावन शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त रात 12 बजकर 6 मिनट से रात 12 बजकर 49 मिनट तक रहेगा। ये निशिता काल मुहूर्त है जो भोलेनाथ की उपासना के लिए सबसे उत्तम माना जाता है।
Sawan Shivratri 2024 Jal Abhishek Time (सावन शिवरात्रि पर जल चढ़ाने का समय 2024)
सावन शिवरात्रि पर दोपहर 3 बजकर 26 मिनट के बाद कभी भी जल चढ़ाया जा सकता है। वैसे इस दिन का सबसे शुभ मुहूर्त देर रात 12:06 से 12:49 तक है।
Sawan Shivratri 2024 Jal Kab Chadega (सावन शिवरात्रि 2024 जल टाइम)
रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय - 07:11 PM से 09:49 PM
रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय - 09:49 PM से 12:27 AM, अगस्त 03
रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय - 12:27 AM से 03:06 AM, अगस्त 03
रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय - 03:06 AM से 05:44 AM, अगस्त 03
Sawan Shivratri 2024 Shubh Muhurat (सावन शिवरात्रि 2024 शुभ मुहूर्त)
- ब्रह्म मुहूर्त 04:19 AM से 05:01 AM
- प्रातः सन्ध्या 04:40 AM से 05:43 AM
- अभिजित मुहूर्त 12:00 PM से 12:54 PM
- विजय मुहूर्त 02:42 PM से 03:36 PM
- गोधूलि मुहूर्त 07:11 PM से 07:32 PM
- सायाह्न सन्ध्या 07:11 PM से 08:14 PM
- सर्वार्थ सिद्धि योग 10:59 AM से 05:44 AM, अगस्त 03
- निशिता मुहूर्त 12:06 AM, अगस्त 03 से 12:49 AM, अगस्त 03
Sawan Shivratri Puja Samagri (सावन शिवरात्रि पूजा सामग्री)
गाय का कच्चा दूध, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बेलपत्र, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, जौ की बालें, पुष्प, पंच फल, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, धतूरा, भांग, गन्ने का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, बेर, आम्र मंजरी, कुशासन, मंदार पुष्प, शिव जी और मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री आदि।
Sawan Shivratri Vrat Vidhi In Hindi (सावन शिवरात्रि व्रत विधि)
कहते हैं जो व्यक्ति सच्चे मन से सावन शिवरात्रि का व्रत रखता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। इस व्रत में सुबह-शाम दोनों समय शिव जी की विधि विधान पूजा की जाती है। शाम की पूजा के समय कथा जरूर सुनें। साथ ही शिव पुराण और शिव स्तुति का पाठ जरूर करें। इस दिन फलाहार भोजन किया जाता है। अन्न का सेवन बिल्कुल भी नहीं किया जाता। हालांकि आप खाने में सेंधा नमक का इस्तेमाल कर सकते हैं। व्रत का पारण अगले दिन शुभ मुहूर्त में किया जाता है।
Sawan Shivratri Puja Vidhi In Hindi (सावन शिवरात्रि पूजन विधि)
- सावन शिवरात्रि के दिन सुबह जल्दी उठ जाएं और स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें।
- इसके बाद व्रत-पूजा का संकल्प लें।
- फिर घर के पास किसी मंदिर में जाकर शिवलिंग पर पंचामृत चढ़ाएं। ध्यान रहे कि पंचामृत में तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल नहीं करना है।
- इसके बाद भगवान शिव के बीज मंत्र ‘ॐ नमः शिवाय’ का जप करते हुए शिवलिंग पर बेलपत्र, फल और फूल इत्यादि चढ़ाएं।
- फिर शिव चालीसा का पाठ करें।
- इसके बाद शिवरात्रि की कथा सुनें और अंत में शिव जी की आरती करें।
- इसके बाद भगवान को भोग लगाएं और प्रसाद सभी में बांट दें।
Sawan Shivratri 2024 Parana Time (सावन शिवरात्रि पारण समय 2024)
सावन शिवरात्रि व्रत का पारण समय 3 अगस्त की सुबह 05 बजकर 44 मिनट से दोपहर 03 बजकर 49 मिनट तक रहेगा।
Sawan Shivratri Mantra (सावन शिवरात्रि मंत्र)
- ॐ नमः शिवायः।।
- बोल बम, बम बम, बम बम भोले।।
- हर हर महादेव।।
Sawan Shivratri Kyu Manai Jati Hai (सावन शिवरात्रि क्यों मनाई जाती है)पौराणिक कथाओं अनुसार शिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव मध्य रात्रि के समय लिंग के रूप में प्रकट हुए थे। कहते हैं भगवान शिव की लिंग रूप में पूजा सबसे पहले भगवान ब्रह्मा और भगवान विष्णु ने की थी। इसलिए ही शिवरात्रि पर्व का विशेष महत्व माना जाता है। कहते हैं जो व्यक्ति इस दिन शिवलिंग की विधि विधान उपासना करता है उस पर भोलेनाथ की विशेष कृपा सदैव बनी रहती है।
Sawan Shivratri Significance In Hindi (शिवरात्रि के दिन का महत्व)
शिवरात्रि का दिन भगवान शिव की विशेष कृपा पाने के लिए सबसे खास माना जाता है। कहते हैं जो व्यक्ति इस दिन पूरी श्रद्धा से व्रत-पूजन करता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। इस दिन जलाभिषेक या रुद्राभिषेक करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। कावड़ जल चढ़ाने के लिए भी शिवरात्रि का दिन सबसे उत्तम माना जाता है।
Sawan Shivratri Meaning In Hindi (सावन शिवरात्रि का अर्थ)
सावन शिवरात्रि में सावन का अर्थ श्रावण मास है तो वहीं शिवरात्रि का अर्थ होता है शिव को समर्पित रात। कहते हैं श्रावण महीने में भगवान शिव और माता पार्वती धरती पर रहते हैं ऐसे में इस दौरान जो भक्त सच्चे मन से उनकी उपासना करता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। सावन में शिवरात्रि का दिन सबसे खास होता है। इसलिए इस दिन शिव भगवान की विधि विधान पूजा जरूर करनी चाहिए।
Sawan Shivratri Katha In Hindi (सावन शिवरात्रि व्रत कथा)
गरुड़ पुराण अनुसार एक दिन निषादराज अपने कुत्ते के साथ शिकार करने गए थे। लेकिन काफी देर तक उन्हें शिकार नहीं मिल पाया था। जिस वजह से वह थक हार कर भूख प्यास से व्याकुल होकर एक तालाब के किनारे बैठ गए। यहीं पर एक बिल्व का वृक्ष था और इस पेड़ के ठीक नीचे एक शिवलिंग मौजूद था। जिसके बारे में उन्हें नहीं पता था। निषादराज ने अपने शरीर को आराम देने के लिए पेड़ से बिल्वपत्र तोड़ने शुरू किए। जिनमें से कुछ पत्ते शिवलिंग पर जा गिरे। इसके बाद जब उन्होंने अपने पैरों को साफ करने के लिए तालाब के जल का छिड़काव किया तो उसकी कुछ बूंदें शिवलिंग पर जा गिरी। इसके बाद अचानक से उनका एक तीर नीचे गिर गया जिसे उठाने के लिए निषादराज अनजाने में ही सही लेकिन शिवलिंग के सामने झुक गये। इस तरह से अनजाने में ही सही लेकिन उनका शिवरात्रि व्रत पूरा हुआ। जब उनकी मृत्यु के बाद यमदूत लेने आए तो शिव गणों ने उनकी रक्षा की। ये शिवरात्रि व्रत की महिमा ही थी कि यमराज भी उनका बाल भी बांका नहीं कर पाए। तभी से कहा जाता है कि अगर अज्ञानता-वश महाशिवरात्रि के दिन भगवान शंकर की पूजा का इतना अद्भुत फल प्राप्त होता है तो जो व्यक्ति पूरे सच्ची निष्ठा से इस दिन का व्रत करें तो सोचिए उसे महादेव की कितनी कृपा प्राप्त होगी।
Difference Between Sawan Shivratri And Maha Shivrari (सावन शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में अंतर)
शिवरात्रि का त्योहार प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को पड़ता है। इस तरह से साल में कुल 12 शिवरात्रि आती हैं। लेकिन सभी में महाशिवरात्रि और सावन शिवरात्रि का सबसे ज्यादा महत्व माना जाता है। सावन शिवरात्रि इसलिए खास होती है क्योंकि ये शिवरात्रि भगवान शिव के प्रिय महीने सावन में पड़ती है तो वहीं महाशिवरात्रि फाल्गुन महीने में पड़ती है। कहते हैं इसी शिवरात्रि पर भगवान शिव ने वैराग्य का त्याग कर माता पार्वती से विवाह किया था। इसलिए सबसे ज्यादा महत्व महाशिवरात्रि का माना जाता है जो फरवरी या मार्च में आती है।
Sawan Shivratri Par Jal Abhishek Ka Mahatva (सावन शिवरात्रि पर जलाभिषेक का महत्व)
कहते हैं सावन महीने में ही सृष्टि की रक्षा और कल्याण के लिए भगवान शिव ने समुद्र मंथन से निकले हलाहल विष को ग्रहण कर लिया था। भगवान शिव के कंठ में रुके इस विष की गर्मी और जहरीले प्रभाव को कम करने के लिए समस्त देवी देवताओं ने भगवान शिव का जल से अभिषेक किया था। कहते हैं तभी से सावन महीने में जलाभिषेक करने की परंपरा शुरू हो गई। यही वजह है कि सावन में कावड़िए अपनी कावड़ में गंगाजल लेने के लिए निकलते हैं और फिर शिवरात्रि के दिन इस जल से शिवलिंग का अभिषेक करते हैं।
Sawan Shivratri Vrat Benefits (सावन शिवरात्रि व्रत के फायदे)
शास्त्रों के अनुसार शिवरात्रि व्रत माता लक्ष्मी, माता सरस्वती, माता गायत्री, माता सीता, माता रति और माता पार्वती जैसी कई देवियों ने अपने सुखी जीवन के लिए किया था। ये कल्याणकारी व्रत इंसान को सभी परेशानियों से मुक्ति दिलाकर जीवन में सुख-शांति प्रदान करता है।
Sawan Shivratri Aarti In Hindi (सावन शिवरात्रि आरती)
ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥
एकानन चतुरानन, पंचानन राजे ।
हंसासन गरूड़ासन, वृषवाहन साजे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥
दो भुज चार चतुर्भुज, दसभुज अति सोहे ।
त्रिगुण रूप निरखते, त्रिभुवन जन मोहे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥
अक्षमाला वनमाला, मुण्डमाला धारी ।
चंदन मृगमद सोहै, भाले शशिधारी ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥
श्वेताम्बर पीताम्बर, बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक, भूतादिक संगे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥
कर के मध्य कमंडल, चक्र त्रिशूलधारी ।
सुखकारी दुखहारी, जगपालन कारी ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव, जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर में शोभित, ये तीनों एका ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥
त्रिगुणस्वामी जी की आरति, जो कोइ नर गावे ।
कहत शिवानंद स्वामी, सुख संपति पावे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥
लक्ष्मी व सावित्री, पार्वती संगा ।
पार्वती अर्द्धांगी, शिवलहरी गंगा ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥
पर्वत सोहैं पार्वती, शंकर कैलासा ।
भांग धतूर का भोजन, भस्मी में वासा ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥
जटा में गंग बहत है, गल मुण्डन माला ।
शेष नाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला ॥
जय शिव ओंकारा...॥
काशी में विराजे विश्वनाथ, नंदी ब्रह्मचारी ।
नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥
ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा ॥
Sawan Shivratri Upay (सावन शिवरात्रि उपाय)
पापों ले मुक्ति पाने के लिए शिवरात्रि के दिन भगवान शिव को तिल का तेल चढ़ाएं। मनचाहे पार्टनर की प्राप्ति के लिए इस दिन शिव को चने की दाल का भोग लगाना चाहिए। घर में सुख-शांति और समृद्धि के लिए सावन शिवरात्रि पर भगवान शिव को धतूरे का फूल या फल का भोग जरूर लगाएं। शत्रुओं पर जीत हासिल करनी करने के लिए इस दिन शिवलिंग पर भांग चढ़ाएं।
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धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें
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