Sawan Shivratri Bhajan: सावन शिवरात्रि के दिन सुनें शिव जी के ये मधुर भजन, यहां देखें लिरिक्स

Sawan Shivratri Ke Bhajan: सावन शिवरात्रि का व्रत सावन मास की चतुर्दशी तिथि के रखा जाता है। इस साल सावन शिवरात्रि का व्रत आज यानि 2 अगस्त को रखा जा रहा है। यहां देखें भगवान शिव जी के मधुर भजन के लिरिक्स।

Sawan Shivratri Bhajan

Sawan Shivratri Bhajan

Sawan Shivratri Ke Bhajan (सावन शिवरात्रि के भजन): सावन शिवरात्रि का शिव जी की पूजा- अर्चना के लिए बहुत ही खास मानी जाती है। सावन शिवरात्रि के दिन हर कोई भगवान शिव को अलग- अलग तरीके से प्रसन्न करता है। कुछ लोग भजन कीर्तन करके शिव जी को खुश करते हैं। सावन शिवरात्रि पर शिव जी को प्रसन्न करने के लिए बहुत से लोग भजन गाते हैं। सावन शिवरात्रि के दिन सुबह- सुबह शिव का भजन करने से मन प्रसन्न होता है और शिव जी की कृपा भी साधक पर बनती है। यहां देखें भगवान शिव के सुपरहिट भजन के लिरिक्स।

Sawan Shivratri Ke Bhajan (सावन शिवरात्रि के भजन)मन मेरा मंदिर शिव मेरी पूजा

मन मेरा मंदिर शिव मेरी पूजा

मन मेरा मंदिर शिव मेरी पूजा

शिव से बड़ा नहीं कोई दूजा

बोल सत्यम शिवम बोल तू सुन्दरम

मन मेरे शिव की महिमा के गुण गाये जा

पार्वती जब सीता बन कर

जय श्री राम के सम्मुख आई

राम ने उनको माता कहकर

शिव शंकर की महिमा गायी

शिव भक्ति में सब कुछ सूझा

शिव से बड़ा नहीं कोई दूजा

बोल सत्यम शिवम बोल तू सुन्दरम

मन मेरे शिव की महिमा के गुण गाये जा

तेरी जटा से निकली गंगा

और गंगा ने भीष्म दिया है

तेरे भक्तों की शक्ति ने

सारे जगत को जीत लिया है

तुझको सब देवोँ ने पूजा

शिव से बड़ा नहीं कोई दूजा

बोल सत्यम शिवम बोल तू सुन्दरम

मन मेरे शिव की महिमा के गुण गाये जा

मन मेरे मंदिर शिव मेरी पूजा

शिव से बड़ा नहीं कोई दूजा

बोल सत्यम शिवम बोल तू सुन्दरम

मन मेरे शिव की महिमा के गुण गाये जा

ओम नमः शिवाय नमो

ओम नमः शिवाय नमो ….

शंकर तेरी जटा से बहती है गंग धारा

शंकर तेरी जटा से,

बहती है गंग धारा,

काली घटा के अंदर,

जु दामिनी उजाला,

शंकर तेरी जटा से,

बहती है गंग धारा ॥

गल में मुंड माला की साजे,

शशि भाल में गंग विराजे,

डम डम डमरू बाजे,

कर में त्रिशूल धारा,

शंकर तेरी जटा से,

बहती है गंग धारा ॥

भृग में तीन है तेज विसारे,

कटीबंद में नाग सवारे,

कहलाते कैलाश पति ये,

करते जहाँ विसारा,

शंकर तेरी जटा से,

बहती है गंग धारा ॥

शिव के नाम को जो उच्चारे,

सबके पाप दोष दुःख हारे,

सारी श्रष्टि के दाता ये,

भव से पार उतारे,

शंकर तेरी जटा से,

बहती है गंग धारा ॥

शंकर तेरी जटा से,

बहती है गंग धारा,

काली घटा के अंदर,

जु दामिनी उजाला,

शंकर तेरी जटा से,

बहती है गंग धारा ॥

हे शम्भु बाबा मेरे भोलेनाथ लिरिक्स

हे शम्भु बाबा मेरे भोलेनाथ

तीनो लोक में तू ही तू

श्रद्धा सुमन मेरा मन बेलपत्री

जीवन भी अर्पण कर दू

जग का स्वामी है तू अंतरयामी है तू

मेरे जीवन की अनमिट कहानी है तू

तेरी शक्ति अपार तेरा पावन है द्वार

तेरी पूजा मेरा जीवन आधार

धुल तेरे चरणों की लेकर

जीवन को साकार किया

हे शिव शंकर मेरे भोलेनाथ …

तीनो लोक में तू ही तू

मन में है कामना और कुछ जानू ना

जिंदगी भर करू तेरी आराधना

सुख की पहचान दे तू मुझे दे

प्रेम सबसे करू ऐसा वरदान दे

तूने दिया बल निर्बल को

अज्ञानी को ज्ञान दिया

हे शिव शंकर मेरे भोलेनाथ..

हे शम्भु बाबा मेरे भोलेनाथ

तीनो लोक में तू ही तू

श्रद्धा सुमन मेरा मन बेलपत्री

जीवन भी अर्पण कर दू

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जयंती झा author

बिहार के मधुबनी जिले से की रहने वाली हूं, लेकिन शिक्षा की शुरुआत उत्तर प्रदेश की गजियाबाद जिले से हुई। दिल्ली विश्वविद्यायलय से हिंदी ऑनर्स से ग्रेजुए...और देखें

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