Sawan Shivratri Vrat Katha In Hindi: सावन शिवरात्रि के दिन पढ़ें ये पौराणिक कथा, पूजा हो जाएगी सफल

Sawan Shivratri Vrat Katha 2024: सावन शिवरात्रि व्रत वाले दिन भगवान शंकर की पूजा की जाती है। कहते हैं जो व्यक्ति सच्चे मन से ये व्रत रखता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। यहां आप जानेंगे सावन शिवरात्रि व्रत की कथा।

Sawan Shivratri Vrat Katha In Hindi

Sawan Shivratri Vrat Katha (सावन शिवरात्रि व्रत कथा): सावन शिवरात्रि महादेव की पूजा-अर्चना का सबसे खास दिन माना जाता है। इसलिए इस दिन कई लोग व्रत भी रखते हैं। कहते हैं श्रावण शिवरात्रि व्रत रखने से भक्तों को भोग और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस व्रत को रखने वाले लोगों को सुबह जल्दी उठकर स्नान कर माथे पर भस्म का तिलक लगाना चाहिए। शाम में विधि विधान शिव शंकर भगवान की पूजा करनी चाहिए। साथ ही शिवरात्रि की कथा भी जरूर सुननी चाहिए। यहां देखिए सावन शिवरात्रि व्रत कथा।

Sawan Shivratri Vrat Katha In Hindi (सावन शिवरात्रि व्रत कथा)

प्राचीन समय में एक चित्रभानु नाम का शिकारी था। जो अपने परिवार का पोषण पशुओं की हत्या करके करता था। उसने एक साहूकार से कर्ज ले रखा था लेकिन कर्ज न चुका पाने के कारण क्रोधित साहूकार ने शिकारी को बंदी बना लिया था। संयोग से उस दिन शिवरात्रि थी। बंदी रहते हुए शिकारी ने शिव-संबंधी धार्मिक बातें सुनी और वहीं उसने शिवरात्रि व्रत की कथा भी सुन ली। फिर शाम म साहूकार ने उसे बुलाया और पूछा कि कर्ज कब तक चुका दोगे तब शिकारी ने उसे अगले दिन ही कर्ज चुकाने का वादा किया। साहुकार ने उसे जाने दिया। इसके बाद शिकारी जंगल में शिकार के लिए निक गया। दिनभर बंदी गृह में रहने के कारण शिकारी को बहुत भूख-प्यास लग रही थी।

जंगल में इधर उधर भटकने के बाद वह एक जलाशय के पास गया और वहां पर ही एक पेड़ पर थोड़ा सा जल पीने के लिए लेकर चढ़ गया। शिकारी अब वही पर बैठकर शिकार का इंतजार करने लगा। शिकारी जिस पेड़ पर बैठा था वो बेल-पत्र का पेड़ था और उस पेड़ के नीचे एक शिवलिंग था जो बेलपत्रों से ढका होने के कारण शिकारी को दिखाई नहीं दिया था। भूख और प्‍यास से थका वो उसी मचान पर बैठ गया।

End Of Feed