Sawan Somvar 2023 Puja Vidhi: सावन सोमवार पूजा सामग्री, विधि, मुहूर्त और व्रत कथा

Sawan Somvar 2023 Puja Samagri, Vidhi, Katha: सावन सोमवार व्रत भगवान शिव की विशेष कृपा दिलाता है। इस व्रत को करने से जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। यहां जानिए सावन सोमवार पूजा सामग्री लिस्ट और विधि।

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Sawan Somvar Puja Samagri And Vidhi: सावन सोमवार पूजा सामग्री और विधि

Sawan Somvar 2023 Puja Vidhi, Muhurat, Katha: सावन का दूसरा सोमवार व्रत 17 जुलाई को रखा जाएगा। खास बात ये है कि इस दिन सोमवती अमावस्या (Somvati Amavsaya Kab Hai 2023) भी पड़ रही है जिस वजह से इस दिन का महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है। मान्यता अनुसार सावन सोमवार व्रत (Sawan Somvar Vrat 2023) करने से भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त होती है। साथ ही इस व्रत के प्रभाव से वैवाहिक जीवन में आ रही समस्याएं भी खत्म हो जाती हैं। सावन सोमवार व्रत अकाल मृत्यु से भी छुटकारा दिलाता है। जानिए सावन सोमवार व्रत की पूजन सामग्री (Sawan Somvar Vrat Puja Samagri) और विधि।

सावन सोमवार व्रत पूजा सामग्री (Sawan Somvar Vrat Pujan Samagri)

अक्षत, धतूरा, भांग, सफ़ेद चंदन, धूप, दीप, गंगाजल, शिव जी का प्रसाद, फल, मिठाई, पंचामृत, बेलपत्र, फूल, सुपारी, गाय का दूध, घी-शक्कर, कलावा, इत्र, भस्म, शिव प्रतिमा इत्यादि।

सावन सोमवार व्रत पूजा विधि (Sawan Somvar Vrat Puja Vidhi)

  • इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें।
  • इसके बाद व्रत का संकल्प लें।
  • व्रत वाले दिन सुबह-शाम शिव की पूजा करें।
  • पूजा शुरू करने से पहले सभी देवी देवताओं को गंगाजल से स्नान कराएं।
  • फिर भगवान शिव का जलाभिषेक करें और ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करते रहें।
  • इसके बाद भगवान शिव को अक्षत, सफेद फूल, गाय का दूध, धूप, दीप, सफेद चंदन, भांग, सुपारी, धतूरा, पंचामृत और बेलपत्र चढ़ाएं।
  • इसके बाद सच्चे मन से शिव चालीसा का पाठ करें।
  • फिर ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें।
  • फिर सावन सोमवार व्रत कथा सुनें।
  • अंत में पूरी श्रद्धा से भगवान शिव की आरती उतारें।
  • फिर भगवान को भोग लगाकर स्वयं भी उस भोग को प्रसाद रूप में ग्रहण करें और सभी लोगों में वितरित कर दें।

सावन सोमवार व्रत के फायदे (Sawan Somvar Vrat Ke Fayde)

सावन सोमवार व्रत को करने से अविवाहित युवक युवतियों को मनचाहा जीवनसाथी मिलता है और शादी-ब्याह में आ रही सभी अड़चनें दूर हो जाती हैं। ये व्रत अकाल मृत्यु और अकस्मात होने वाली दुर्घटनाओं से बचाता है। मान्यता है इस व्रत के प्रभाव से निः संतान स्त्री पुरुष को योग्य संतान तक की प्राप्ति हो जाती है।
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