Sawan Somvar Puja Vidhi, Vrat Katha 2023: सावन सोमवार की पूजा कैसे करें, जानिए स्टेप बाय स्टेप पूरी विधि यहां
Sawan Somvar 2023 Puja Vidhi, Sawan Somvar Vrat Katha in Hindi, Sawan Ka Phela Somwar Ki Puja Vidhi Vrat Katha kahani in Hindi LIVE: सावन का पहला सोमवार व्रत (Pehle Sawan Somvar Vrat) 10 जुलाई को रखा जाएगा। इस दिन शिव जी के मंत्रों (Shiv Mantra) का जाप, शिव चालीसा (Shiv Chalisa) का पाठ, सावन सोमवार व्रत कथा (Sawan Somvar Vrat Katha) का पाठ जरूर करें। साथ ही आपके अपनों को सावन के पहले सोमवार की शुभकामनाएं (Sawan Ke Pehle Somvar Ki Wishes In Hindi) देना भी बिल्कुल न भूलें। यहां आपको सावन सोमवार व्रत से जुड़ी हर जानकारी मिलेगी।
Sawan Somvar Vrat Katha in Hindi: Read Here
सावन सोमवार पूजा सामग्री (Sawan Somvar Puja Samagri):
कच्चा दूध, गंगाजल, दही, घी, चंदन, धतूरा, शक्कर, लौंग, इलायची, फल, केसर, शमी पत्र, पान, अक्षत, भस्म, रुद्राक्ष, शहद, भांग, काला तिल, कपूर, धूप, सुपारी, इत्र, पंचमेवा, बेलपत्र, दीप, शिव के प्रिय फूल।
सावन के पहले सोमवार की शुभकामनाएं (Sawan Ke Pehle Somvar Ki Wishes):
-कण-कण में शिव हैं, हर जगह में शिव हैं,
वर्तमान भी शिव हैं और भविष्य काल भी शिव हैं,
सभी को सावन सोमवार की हार्दिक शुभकामनाएं।
-ॐ नमः शिवाय कर्ता करे न कर सके,
शिव करे सो होय तीन लोक नौ खंड में,
महाकाल से बड़ा न कोय।
पहले सावन सोमवार की शुभकामनाएं!
-आप पर शिव की बनी रहे छाया,
भोले बाबा पलट देंगे किस्मत की काया,
आपकी जिंदगी में मिले आपको वो सब जो भी आपने है चाहा।
हर हर महादेव
सावन सोमवार व्रत की पूजा विधि, मुहूर्त, कथा, आरती से लेकर सावन के पहले सोमवार की विशेज तक हर महत्वपूर्ण जानकारी के लिए जुड़े रहें इस लाइव ब्लॉग पर।
Sawan Somwar Me Kya Khana Chaiye: सावन सोमवार में क्या खाना चाहिए
सावन सोमवार में आप साबुदाने से बनी चीज खा सकते हैं। कुट्टू और सिंघाड़े का आटा खा सकते हैं। व्रत के चावल खा सकते हैं। आलू खा सकते हैं। मखाने की खीर खा सकते हैं। लेकिन इस व्रत में नमक का सेवन करने से बचेंशिव भगवान की स्तुति
आशुतोष सशाँक शेखर चन्द्र मौली चिदंबरा,कोटि कोटि प्रणाम शम्भू कोटि नमन दिगम्बरा,
निर्विकार ओमकार अविनाशी तुम्ही देवाधि देव ,
जगत सर्जक प्रलय करता शिवम सत्यम सुंदरा ,
निरंकार स्वरूप कालेश्वर महा योगीश्वरा ,
दयानिधि दानिश्वर जय जटाधार अभयंकरा,
शूल पानी त्रिशूल धारी औगड़ी बाघम्बरी ,
जय महेश त्रिलोचनाय विश्वनाथ विशम्भरा,
नाथ नागेश्वर हरो हर पाप साप अभिशाप तम,
महादेव महान भोले सदा शिव शिव संकरा,
जगत पति अनुरकती भक्ति सदैव तेरे चरण हो,
क्षमा हो अपराध सब जय जयति जगदीश्वरा,
जनम जीवन जगत का संताप ताप मिटे सभी,
ओम नमः शिवाय मन जपता रहे पञ्चाक्षरा,
आशुतोष सशाँक शेखर चन्द्र मौली चिदम्बरा,
कोटि कोटि प्रणाम संभु कोटि नमन दिगम्बरा,
शिव नामावली मंत्र
।। श्री शिवाय नम:।।।। श्री शंकराय नम:।।
।। श्री महेश्वराय नम:।।
।। श्री सांबसदाशिवाय नम:।।
।। श्री रुद्राय नम:।।
।। ओम पार्वतीपतये नम:।।
।। ओम नमो नीलकण्ठाय नम:।।
शिवलिंग की पूजा कैसे करें (Shivling Puja Kaiase Karen)
सर्वप्रथम अपने घर से जल लेना सीखें। यदि शिव मंदिर किसी पवित्र नदी के तट पर है तो वहां का जल भगवान को अर्पित करें। यदि घर में शिवलिंग स्थापित करना है तो या तो पारद का शिवलिंग हो या नर्मदेश्वर शिवलिंग। यह दोनों प्रकार के शिवलिंग घर के पूजा घर में रखकर नीचे अर्घा बनाकर प्रतिदिन भगवान का जलाभिषेक करें। दही, दूध व शहद भी भगवान को अर्पित करें। यदि आप व्याधि से पीड़ित हैं तो कुश व गंगाजल जिसे कुशोदक कहते हैं, उसी शिवलिंग पर शिववास के दिन भगवान का रुद्राभिषेक कराएं।Sawan Somwar Puja Vidhi: सावन सोमवार पूजा विधि
- सावन सोमवार के दिन सुबह जल्दी उठ जाएं और स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें।
- इसके बाद भगवान शिव का रुद्राभिषेक करें।
- भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा, गंगाजल और दूध जरूर चढ़ाएं।
- शिवलिंग पर पंचामृत चढ़ाएं।
- इसके बाद शिवलिंग को धतूरा, भांग, आलू, चन्दन, चावल अर्पित करें।
- भगवान शिव को मीठी चीज का भोग लगायें।
- सावन सोमवार व्रत की कथा सुनें।
- शिव चालीसा का पाठ करें और शिव जी के मंत्रों का जाप करें।
- इसके बाद शिव जी की आरती करें।
- पूजा पूरी करने के बाद प्रसाद सभी में बांट दें।
अधिक मास की शिवरात्रि कब है 2023 (Adhik Maas Ki Shivratri Kab Hai 2023)
सावन अधिक मास की शिवरात्रि 14 अगस्त 2023, सोमवार के दिन पड़ेगी। इस दिन सावन सोमवार व्रत का शुभ संयोग भी बन रहा है। ऐसे में इस शिवरात्रि का महत्व और भी अधिक बढ़ गया है। इस दिन शिव पूजा का शुभ मुहूर्त रात 12 बजकर 4 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा इस दिन सुबह 11:07 बजे से अगले दिन यानी 15 अगस्त की सुबह 05:50 बजे तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा।Sawan Somvar Mantra: सावन सोमवार में इस मंत्र का जरूर करें जाप
“ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥” का अर्थ है कि प्रत्येक सांस में जीवन का संचार करने वाले शिव जिस तरह से ककड़ी अपनी तना के साथ पक जाने के बाद उस तना रुपी संसार के सभी बंधनों से मुक्त हो जाती है, उसी तरह से हम भी इस संसार में उस ककड़ी की तरह पक जाने के बाद ही जन्म और मृत्यु के इस बंधन से मुक्त होकर शरीर का त्याग कर आपमें समा जाए और मोक्ष को प्राप्त करें।Sawan Somvar Vrat katha: सावन सोमवार व्रत कथा
श्रावण सोमवार व्रत की कथा के अनुसार अमरपुर नाम का नगर था जहां एक धनी व्यापारी अपने परिवार संग रहता था। नगर में हर कोई उस व्यापारी का मान-सम्मान करता था। लेकिन इतना सबकुछ होने के बाद भी वह व्यापारी दुखी रहता था क्योंकि उस व्यापारी की कोई संतान नहीं थी। संतान न होने के कारण वो व्यापारी दिन-रात चिंता में डूबा रहता था। उसके मन में यही ख्याल आता कि उसकी मृत्यु के बाद इतने बड़े व्यापार और धन-संपत्ति को कौन संभालेगा। पुत्र पाने की इच्छा से वो व्यापारी सोमवार व्रत करता था और भगवान शिव की विधि विधान पूजा किया करता था। शाम के समय व्यापारी शिव मंदिर में जाकर भगवान शिव के समक्ष घी का दीपक जलाता था। पूरी कथा पढ़ने के लिए यहां क्लिक करेंShiv Chalisa: शिव चालीसा
।।दोहा।।श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भये प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥
मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥
धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥
नमो नमो जय नमो शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥
ॠनिया जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥
कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
॥दोहा॥
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
तुम मेरी मनोकामना, पूर्ण करो जगदीश॥
मगसर छठि हेमन्त ॠतु, संवत चौसठ जान।
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
Shiv Ji Ki Aarti: शिव जी की आरती
ॐ जय शिव ओंकारा,स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव,
अर्द्धांगी धारा ॥
एकानन चतुरानन
पंचानन राजे ।
हंसासन गरूड़ासन
वृषवाहन साजे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥
दो भुज चार चतुर्भुज
दसभुज अति सोहे ।
त्रिगुण रूप निरखते
त्रिभुवन जन मोहे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥
अक्षमाला वनमाला,
मुण्डमाला धारी ।
चंदन मृगमद सोहै,
भाले शशिधारी ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥
श्वेताम्बर पीताम्बर
बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक
भूतादिक संगे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥
कर के मध्य कमंडल
चक्र त्रिशूलधारी ।
सुखकारी दुखहारी
जगपालन कारी ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव
जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर में शोभित
ये तीनों एका ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥
त्रिगुणस्वामी जी की आरति
जो कोइ नर गावे ।
कहत शिवानंद स्वामी
सुख संपति पावे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥
----- Addition ----
लक्ष्मी व सावित्री
पार्वती संगा ।
पार्वती अर्द्धांगी,
शिवलहरी गंगा ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥
पर्वत सोहैं पार्वती,
शंकर कैलासा ।
भांग धतूर का भोजन,
भस्मी में वासा ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥
जटा में गंग बहत है,
गल मुण्डन माला ।
शेष नाग लिपटावत,
ओढ़त मृगछाला ॥
जय शिव ओंकारा...॥
काशी में विराजे विश्वनाथ,
नंदी ब्रह्मचारी ।
नित उठ दर्शन पावत,
महिमा अति भारी ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥
ॐ जय शिव ओंकारा,
स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव,
अर्द्धांगी धारा ॥
Sawan Ke Pehle Somvar Ki Wishes: सावन के पहले सोमवार की शुभकामनाएं
मन छोड़ व्यर्थ की चिंता तू शिव कानाम लिये जाशिव अपना काम करेंगे
तू अपना काम किये जा शिव
शिव शिव ऊँ: नम: शिवाय
सावन सोमवार की शुभकामनाएं
शिव की ज्योति से नूर मिलता हैसबके दिलो को सुरूर मिलता है
जो भी जाता है भोले के द्वार
कुछ न कुछ जरूर मिलता है
Sawan Somvar Quotes In Hindi: सावन के सोमवार की शुभकामनायें
भक्ति में है शक्ति बंधू,शक्ति में संसार है,
त्रिलोक में है जिसकी चर्चा
उन शिव जी का आज त्यौहार है..
सावन के दूसरे सोमवार की बधाई..
सुहाग रहता है अटल
सावन का व्रत करने से सुहागिन नारियों का सुहाग सदा अटल रहता है और कुंवारी कन्याओं को सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है।सोमवार के व्रत में क्या खाएं
कच्चा नारियलफलों का सेवनआलू खा सकते हैंपेठासाबूदानाHappy Sawan Sowar 2023 Hindi Wishes Live
आसमान भी बरसा नहीं अबकी सावन मेंमेरी आँखें बरसती रही दिल के आँगन में।सावन सोमवार की शुभकामनाएंSawan Ke Pehla Somvar 2023: मनोवांछित फल की प्राप्ति
Sawan Ke Pehla Somvar 2023 मान्यता है कि, सावन मास के प्रत्येक सोमवार को भोलेनाथ की भक्ति में लीन होकर पूजा अर्चना करने से जीवन में आने वाले सभी दुखों का नाश होता है। तथा सुहागिन नारियों का सुहाग सदा अटल रहता हैॐ त्र्यम्बकं यजामहे
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥Happy Sawan Somwar 2023 Hindi Wishes Live: सावन में मेरी आँखें.....
Happy Sawan Somwar 2023 Hindi Wishes Images Live: आसमान भी बरसा नहीं अबकी सावन में,मेरी आँखें बरसती रही दिल के आँगन में।सावन सोमवार की शुभकामनाएंHappy Sawan Sowar 2023 Hindi Wishes Live: 108 बार करें भोलेनाथ के मंत्रों का जप
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ॐ नमः शिवायॐ नमो भगवते रुद्राय नमःॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥शिव गायत्री मंत्र : ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि, ।।Sawan Ke Pehla Somvar 2023 Live: आदिदेव महादेव को समर्पित
Sawan Ke Pehla Somvar 2023 Live सावन का सोमवार सभी तिथियों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। ये दिन आदिदेव महादेव को समर्पित होता है। मान्यता है कि, इस दिन विधि विधान से भोलेनाथ की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं तथा जीवन में आने वाले कष्टों का निवारण होता है।Sawan Ka Pehla Somwar: सावन का पहला सोमवार
सावन का पहला सोमवार कल यानी 10 जुलाई 2023 को है। मान्यता है कि इस दिन विधि विधान से आदिदेव महादेव की पूजा अर्चना करने से भक्तों की सभी मुरादें पूरी होती हैं तथा जीवन में आने वाले सभी कष्टों का नाश होता है।Sawan First Somvar Horoscope: सावन का पहला सोमवार किन राशियों के लिए रहेगा शानदार
सावन का पहला सोमवार कई राशियों के लिए खास रहेगा। भगवान भोलेनाथ मेष, मिथुन, कर्क समेत कई राशियों पर मेहरबान रहेंगे। यहां पढ़ें सावन के पहले सोमवार का पूरा राशिफलSawan Somvar 2023: क्या भगवान शिव को नारियल चढ़ा सकते हैं
भगवान शिव को सूखा नारियल चढ़ा सकते हैं लेकिन भगवान शिव पर नारियल का पानी नहीं चढ़ाया जाता है।शिव मंत्र को जपने की विधि (Shiv Mantra Jaap Vidhi)
शिव जी के मंत्रों का जाप सोमवार के दिन शुभ माना जाता है। ध्यान रहे कि मंत्र का उच्चारण शुद्ध होना चाहिए। मंत्र जाप करने से पूर्व आसन बिछाएं और उस पर उत्तर या पूर्व की ओर मुख करके बैठ जाएं। इसके बाद भगवान शिव का ध्यान कर उनके मंत्रों का कम से कम 108 बार जाप करें। मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से करें।मनोवांछित फल पाने के लिए जपें श्री शिव पंचाक्षर स्तोत्र
नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वरायनित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मै न काराय नम: शिवाय:॥
मंदाकिनी सलिल चंदन चर्चिताय नंदीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय
मंदारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय तस्मै म काराय नम: शिवाय:॥
शिवाय गौरी वदनाब्जवृंद सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय
श्री नीलकंठाय वृषभद्धजाय तस्मै शि काराय नम: शिवाय:॥
अवन्तिकायां विहितावतारं मुक्तिप्रदानाय च सज्जनानाम्।
अकालमृत्यो: परिरक्षणार्थं वन्दे महाकालमहासुरेशम्।।
सावन सोमवार के दिन Mahamrityunjay Mantra का जरूर करें जाप
ॐ हौं जूं स: ॐ भूर्भुव: स्व: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्व: भुव: भू: ॐ स: जूं हौं ॐ !!श्रावण सोमवार की पूजा में जरूर करें इस मंत्र का जप (Sawan Somvar Puja Mantra)
सावन के दौरान की जाने वाली पूजा में “ओम् नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें। इस मंत्र का जाप करने से शिवजी शीघ्र ही प्रसन्न हो जाते हैं।इस बार सावन में कितने सोमवार है (How Many Somvar In Sawan Month 2023)
इस साल सावन में 8 सोमवार व्रत पड़ेंगे। 10 जुलाई से सावन सोमवार व्रत की शुरुआत हो रही है और इसकी समाप्ति 28 अगस्त को होगी।भगवान शिव की पूजा में इन फूलों का न करें इस्तेमाल
बहुत से लोग भगवान शिव की पूजा में केतकी के फूलों का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन बता दें केतकी के फूल चढ़ाने से भगवान शिवजी नाराज होते हैं। इसलिए अगर आप भी अनजाने में ऐसा कर रहे हैं तो आगे से इस बात का ख्याल रखें।सावन सोमवार व्रत में क्या खाना चाहिए (Sawan Somvar Vrat Me Kya Khana Chaiye)
फलों का सेवनआलू खा सकते हैं
कच्चा नारियल
पेठा
साबुदाना
कुट्टू का आटा
सावन सोमवार व्रत का महत्व (Sawan Somvar Vrat Significance)
सावन सोमवार व्रत करने से भगवान शंकर के साथ-साथ शनिदेव और चंद्र देव की भी कृपा प्राप्त होती है। यदि आपकी कुंडली में ग्रहण दोष या फिर सर्प दोष है तो इस व्रत को करने से आपके सभी दोष समाप्त हो जाएंगे।शिव जी की आरती (Shiv Ji Ki Aarti)
जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव...॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव...॥
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव...॥
अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव...॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव...॥
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव...॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव...॥
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव...॥
त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव...॥
शिव जी के मंत्र (Shiv Ji Ke Mantra)
- ॐ नमः शिवाय
- ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः
- ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।
- उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥
- शिव गायत्री मंत्र : ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि, तन्नो रूद्र प्रचोदयात्।।
सावन सोमवार व्रत के फायदे (Sawan Somvar Vrat Benefits)
विवाहित स्त्री-पुरुष अगर सावन सोमवार का व्रत रखते हैं तो उन्हें अपने वैवाहिक जीवन में आने वाली समस्याओं से निजात मिल सकता है। सावन सोमवार का व्रत रखने से अचानक होने वाले दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है। अगर आप स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से परेशान हैं तो सोमवार के दिन व्रत रखने से आपको लाभ मिलेगा। संतान सुख की प्राप्ति के लिए भी ये व्रत फलदायी माना जाता है।सावन सोमवार पूजा विधि (Sawan Somvar Puja Vidhi)
सावन सोमवार के दिन सुबह जल्दी उठ जाएं और स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें। इसके बाद भगवान शिव का रुद्राभिषेक करें। भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा, गंगाजल और दूध जरूर चढ़ाएं।शिवलिंग पर पंचामृत चढ़ाएं। इसके बाद शिवलिंग को धतूरा, भांग, आलू, चन्दन, चावल अर्पित करें। भगवान शिव को मीठी चीज का भोग लगायें। सावन सोमवार व्रत की कथा सुनें। शिव चालीसा का पाठ करें और शिव जी के मंत्रों का जाप करें। इसके बाद शिव जी की आरती करें। पूजा पूरी करने के बाद प्रसाद सभी में बांट दें।
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