Pradosh Vrat 2023 Date : सितंबर महीने का दूसरा प्रदोष व्रत कब? जानिए सही तारीख और शुभ मुहूर्त
Pradosh Vrat 2023 Date : हर महीने की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है। यह व्रत हर महीने में दो बार आता है। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। इस दिन भगवान शिव की पूजा- अर्चना की जाती है। सितंबर महीने का दूसरा प्रदोष व्रत कब है। इस व्रत का शुभ मुहूर्त क्या है। यहां जानें सारी जानकारी।
Pradosh Vrat 2023
Pradosh Vrat 2023 Date: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत महत्व है। इस व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा का विधान है। हर महीने में दो प्रदोष व्रत रखे जाते हैं। ये भादव का पवित्र महीना चल रहा है। सितंबर महीने का एक प्रदोष व्रत 12 सितंबर को रखा जा चुका है। इस महीने का दूसरा प्रदोष व्रत 27 सितंबर 2023 को रखा जाएगा। इस व्रत को रखने से महादेव प्रसन्न होते हैं और साधक की सारी मनोकामना की पूर्ति करते हैं। प्रदोष व्रत का विधिवत पालन करने से साधक के जीवन में खुशहाली आती है और उसको मनवांछित सुख की प्राप्ति होती है। इस व्रत को करने से संतान की आयु में भी वृद्धि होती है। इस दिन प्रदोष काल का बहुत महत्व होता है। आइए जानते हैं सितंबर महीने का प्रदोष व्रत कब है। पूजा का शुभ मुहू्र्त और महत्व के बारे में।
प्रदोष व्रत 2023 डेट (Pradosh Vrat 2023 Date)
हिंदू पंचांग के अनुसार भादव महीने की दूसरी त्रयोदशी तिथि 27 सितंबर को सुबह 01 बजकर 45 मिनट पर शुरू होगी और रात 10 बजकर 28 मिनट पर इसका समापन होगा। इस बार ये प्रदोष व्रत 27 सितंबर 2023 को रखा जाएगा। इस बार ये व्रत बुधवार के दिन पड़ रहा है। इस कारण इसे बुध प्रदोष व्रत के नाम से भी जाना जाएगा। वैदिक पंचाग के अनुसार इस दिन प्रदोष काल शाम 06 बजकर 12 मिनट पर शुरू होगा और रात 8 बजकर 36 मिनट तक रहने वाला है।
प्रदोष व्रत 2023 पूजा विधि ( Pradosh Vrat 2023 Puja Vidhi)प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें। उसके बाद घर में और शिन मंदिर में जाकर भगवान शिव की पूजा करें। शिवलिंग पर जल चढ़ाएं। प्रदोष व्रत कथा का पाठ करें या सुनें। उसके बाद शिव मंत्रों का जाप करें और आरती करें। इस दिन पूजा के समय मंत्रों का जाप करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
प्रदोष व्रत महत्व ( Pradosh Vrat 2023 Importance)
प्रदोष व्रत का सनातन धर्म में बहुत महत्व है। ये व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। हिंदू धर्म में त्रयोदशी तिथि भगवान शिव को समर्पित है। इस कारण प्रदोष व्रत के कारण भगवान शिव की पूजा का विधान है।
इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से साधक की सारी इच्छा की पूर्ति होती है। इस दिन भगवान शिव के मंदिर में जाकर उनकी पूजा और शिवलिंग पर जल चढ़ाने से शिव जी का आशीर्वाद मिलता है। इस दिन भगवान शिव को बेलपत्र पर चंदन लगाकर चढ़ाने से अनेक दोषों से छुटकारा मिलता है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
अध्यात्म और ज्योतिष की दुनिया बेहद दिलचस्प है। यहां हर समय कुछ नया सिखने और जानने को मिलता है। अगर आपकी अध्यात्म और ज्योतिष में गहरी रुचि है और आप इस ...और देखें
Rahu Gochar 2025: कुंभ राशि में राहु के गोचर से 4 राशि वालों को खतरा, हो सकता है बड़ा नुकसान, रहें सावधान!
Weekly Horoscope 24 To 30 November 2024: नवंबर का आखिरी सप्ताह इन 5 राशियों की चमका देगा किस्मत, पैसों की होगी बरसात!
Utpanna Ekadashi Vrat Vidhi: उत्पन्ना एकादशी का व्रत कैसे रखते हैं, जानिए नियम और महत्व
इन चार राशि वालों के जीवन में तबाही मचा देगा शुक्र का मकर राशि में गोचर, चेक करें कहीं आपकी राशि तो इनमें नहीं
Shani Gochar 2025: शनि के मीन राशि में गोचर से क्यों घबरा रहे हैं ज्योतिष, क्या तृतीय विश्व युद्ध की है आहट
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited