What Happened On Shab E Barat: मुस्लिम क्यों मनाते हैं शब ए बारात, जानिए इस रात क्या करते हैं

Shab E Barat 2024, Why Muslim Celebrate Shab E Barat: शब-ए-बारात मुस्लिमों द्वारा मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्योहार है जो इस्लामिक कैलेंडर के आठवें महीने शाबान की 15वीं रात को मनाया जाता है। जानिए शब-ए-बारात क्यों मनाया जाता है और इस दिन क्या करते हैं।

Why Muslim Celebrate Shab E Barat

Shab E Barat 2024, Why Muslim Celebrate Shab E Barat: शब ए बारात त्योहार इस साल 25 फरवरी को मनाया जा रहा है। मुस्लिमों के लिए इस त्योहार का विशेष महत्व होता है। इस दिन मुसलमान लोग अल्लाह की इबादत करते हैं और अपने जाने अनजाने में हुए गलत कामों की मांफी मांगते हैं। इस्लामिक धार्मिक मान्यताओं अनुसार शब ए बारात की रात पूरे वर्ष के लिए सौभाग्य प्रदान करने वाली रात मानी जाती है। कई जगह लोग इस रात में अपने पूर्वजों से क्षमा प्रार्थना करते हैं। मुसलमानों के लिए ये रात बेहद फजीलत की रात मानी गई है (Shab E Barat Kyu Manata Jata Hai)। जानिए शब ए बारात के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी।

Shab A Barat Kya Hai (शब ए बारात क्या है)

इस्लामिक कैलेंडर अनुसार यह रात शाबान महीने की 14वीं तारीख को सूर्यास्त के बाद शुरू होती है। इस दिन विश्व भर के मुसलमान अल्लाह की इबादत करते हैं और दुआएं मांगते हैं। साथ ही अपने गुनाहों के लिए तौबा करते हैं। अरब में शाबान महीने की इस रात को लैलतुल बराह के नाम से जाना जाता है तो भारत, पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान, बांग्लादेश, ईरान और नेपाल में इसे शब ए बारात के नाम से जाना जाता है।

Why Muslim Celebrate Shab E Barat (शब ए बारात क्यों मनाते हैं)

इस्लामिक धार्मिक मान्यताओं अनुसार 15 शाबान को शिया मुसलमानों के 12वें इमाम मुहम्मद अल महदी का जन्म हुआ था। कहते हैं उस दिन से ही मुसलमान भाई इस दिन को उनके जन्मदिन के रूप में मनाने लगे। वहीं कई मुसलमान ये मानते हैं कि 15वीं शाबान को अल्लाह ने नूह के मेहराब को जानलेवा बाढ़ से बचाया था। वहीं एक हदीस में, पैगंबर मुहम्मद को शाबान की 15 तारीख में जन्नतुल बकी का दौरा करते देखा गया था। माना जाता है कि इस रात को पैगंबर मुहम्मद ने कब्रिस्तान में अपने परिवार के सदस्यों के लिए प्रार्थना की थी। कहते हैं इसी आधार पर कुछ मौलवियों ने इस रात को कब्रिस्तान में पवित्र ग्रंथ कुरान का पाठ करने और मृत पूर्वजों के लिए प्रार्थना करने की सलाह दी। सुन्नी इस्लाम परंपराओं अनुसार अल्लाह इस रात में नर्क की यातना झेल रहे मुसलमानों को मुक्त करते हैं।

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