Shaligram Ji Ki Aarti: शालिग्राम सुनो विनती मेरी...शालिग्राम जी की आरती यहां देखें

Tulsi Vivah Aarti: कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वादशी को तुलसी जी के साथ शालिग्राम जी का विवाह संपन्न कराया जाता है। विवाह के दौरान शालिग्राम भगवान की ये आरती करना न भूलें।

शालिग्राम जी की आरती

Shaligram Ji Ki Aarti On Tulsi Vivah 2022: शालिग्राम जी भगवान श्री हरि विष्णु का ही स्वरूप माने जाते हैं। कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वादशी के दिन इनका तुलसी जी के साथ विवाह कराये जाने की परंपरा है। देव उठनी एकादशी यानी कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी को भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं और फिर इसके अगले दिन इनका तुलसी जी के साथ विवाह का आयोजन किया जाता है। हिंदू धर्म में तुलसी विवाह का विशेष महत्व माना जाता है। तुलसी विवाह के समय भगवान शालिग्राम की इस आरती को करना बिल्कुल भी न भूलें।

श्री शालिग्राम जी की आरती (Shaligram Ji Ki Aarti)

शालिग्राम सुनो विनती मेरी ।

यह वरदान दयाकर पाऊं ।।

प्रात: समय उठी मंजन करके ।

प्रेम सहित सनान कराऊँ ।।

चन्दन धुप दीप तुलसीदल ।

वरन -बरन के पुष्प चढ़ाऊँ ।।

तुम्हरे सामने नृत्य करूँ नित ।

प्रभु घंटा शंख मृदंग बजाऊं ।।

चरण धोय चरणामृत लेकर ।

कुटुंब सहित बैकुण्ठ सिधारूं ।।

जो कुछ रुखा सूखा घर में ।

भोग लगाकर भोजन पाऊं ।।

मन वचन कर्म से पाप किये ।

जो परिक्रमा के साथ बहाऊँ ।।

ऐसी कृपा करो मुझ पर ।

जम के द्वार जाने न पाऊं ।।

माधोदास की बिनती एहि है ।

हरी दासन का दास कहाऊं ।।

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