Shani Amavasya Vrat katha In Hindi: शनि अमावस्या की व्रत कथा हिंदी में यहां देखें
Shani Amavasya 2023 Katha In Hindi: शनि अमावस्या का दिन शनि देव की कृपा पाने के लिए विशेष माना जाता है। इस बार इस अमावस्या पर मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) का शुभ संयोग बन रहा है।
Shani Amavasya Katha In Hindi: शनि अमावस्या व्रत कथा हिंदी में
Shani Amavasya Vrat katha In Hindi: जब अमावस्या तिथि शनिवार को पड़ती है तो उसे शनिचरी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। माघ महीने की अमावस्या 21 जनवरी दिन शनिवार को पड़ रही है। इसलिए ये शनि अमावस्या कहलाएगी। बता दें माघ महीने की अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। जानिए इस अमावस्या की पौराणिक व्रत कथा हिंदी में यहां।संबंधित खबरें
शनि अमावस्या कथा (Shani Amavasya Vrat katha In Hindi)
सूर्य देव की दो पत्नी थी संज्ञा और छाया। संज्ञा भगवान विश्वकर्मा की पुत्री थी। जब संज्ञा का विवाह सूर्यदेव से हुआ तो वह सूर्य के तेज को सह नही पा रही थीं। इससे परेशान होकर एक दिन देवी संज्ञा ने अपने प्रतिरूप छाया को उत्पन्न किया और उसे अपनी जगह रहने के लिए कह दिया। छाया सूर्य देव की पत्नी बनकर रहने लगीं। दूसरी ओर संज्ञा खुद धरती पर अश्व रूप में आकर विचरण करने लगीं।संबंधित खबरें
एक दिन जब सूर्य देव छाया के पास संतान प्राप्ति की इच्छा से आए तो उनके तेज को देखकर छाया का रंग काला पड़ गया और वह गर्भवती हो गईं। छाया के पुत्र के रूप में भगवान शनि देव का जन्म हुआ। जिस दिन शनि देव का जन्म हुआ उस दिन शनिवार और अमावस्या तिथि थी। इसलिए शनि अमावस्या का धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व माना जाता है।संबंधित खबरें
शनिदेव के देखकर सूर्य देव क्रोधित हो गए क्योंकि शनि देव का रंग श्याम था। सूर्य देव ने संज्ञा से कहा कि यह मेरा पुत्र नहीं हो सकता है। इसके बाद सूर्य देव को यह भी भेद पता चल गया कि उनकी पत्नी संज्ञा की जगह काफी समय से छाया रह रही हैं। सूर्य देव को जैसे ही ये सत्य पता चला वैसे ही उनका क्रोध और भी अधिक बढ़ गया वे छाया और शनि देव को छोड़कर अपनी पहली पत्नी संज्ञा की तलाश में चले गए।संबंधित खबरें
शनि देव जब बड़े हुए तो उन्होंने स्वयं को सूर्य देव से भी अधिक प्रभावशाली और ताकतवर बनाने का प्रण किया और भगवान शिव की तपस्या करने लगे। शिवजी ने शनिदेव की तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें ग्रहों में न्यायाधीश और दंडाधिकारी का पद प्रदान किया। शिवजी ने यह भी वरदान दिया कि हे शनि, नवग्रहों में तुम्हारा विशेष स्थान और सम्मान होगा। तुम्हारे न्याय से तीनों लोकों में कोई भी नहीं बचेगा। तुम सभी जीवों के कर्मों को देखते हुए न्याय करोगे।संबंधित खबरें
शिवजी से वरदान पाकर शनिदेव नवग्रहों में विराजमान हो गए। शनि अमावस्या के दिन शनि की कथा का पाठ करना शुभ फलदायी होता है, जो कर्मों से उच्च पद दिलाने की प्रेरणा देता है।संबंधित खबरें
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लवीना शर्मा author
धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 सा...और देखें
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