Shani Grah: शनिदेव को इस देव की साधना से मिला था नवग्रह में सर्वश्रेष्ठ स्थान, ये है कथा
Shani Grah: शनिदेव को पुराणाें में बताया गया है सूर्य देव का पुत्र। शनिदेव की माता का नाम छाया था। पिता द्वारा किये गए मां के अपमान से क्रोधित होकर भगवान शिव की शनि देव ने की थी घोर तपस्या। पढ़ें कैसे मिला नवग्रहों में सर्वोच्च स्थान और इसकी पौराणिक कहानी।
- भगवान शिव की कठिन तपस्या की थी शनिदेव ने
- पृथ्वीलोक के न्यायधीश व दंडाधिकारी हैं शनिदेव
- शनि की दृष्टि से मानव− देव भी रहते हैं भयभीत
शनिदेव को कैसे मिला सर्वोच्च स्थान
पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार सूर्यदेव गर्भाधान के लिए अपनी पत्नी छाया के पास गए। लेकिन सूर्य देव के प्रचंड तेज का सामना करना हर किसी की क्षमता नहीं इसलिए छाया ने अपनी आंखें बंद कर लीं। समय आने पर शनिदेव का जन्म हुआ। छाया के आंखें बंद करने के कारण उनके पुत्र शनिदेव का शरीर बेहद काला था। सूर्य पुत्र लेकिन शरीर बिल्कुल काला देखकर सूर्य देव ने शनि को अपना पुत्र तक मानने से इंकार कर दिया। साथ ही छाया का अपमान भी किया। अपनी मां के साथ हुए इस व्यवहार से शनि देव अत्याधिक क्रोधित हो गए। इसके बाद से शनि ने अपने पिता सूर्यदेव से शत्रुता मान ली। शनि देव ने वर्षाें तक भगवान शिव की घाेर तपस्या की। महादेव ने प्रसन्न होकर शनि देव से वर मांगने के लिए कहा। शनिदेव बोले कि पिता सूर्य देव ने उनकी मां और उनका सदैव ही तिरस्कार और अपमान किया है। उनकी मां की इच्छा है कि शनिदेव सूर्यदेव से भी अधिक प्रतापी, शक्तिशाली और पूजनीय हो जाएं। भगवान शिव ने उनकी इच्छा पूर्ण करते हुए कहा कि नवग्रहों में शनिदेव सर्वश्रेष्ठ होंगे। इसके अलावा पृथ्वीलोक में उनको न्याय का देवता या न्यायाधीश माना जाएगा। वे दंडाधिकारी भी होंगे। इतना ही नहीं मानव, देव, असुर, नाग आदि सभी शनिदेव की आराधना करेंगे और उनके क्रोध से डरेंगे। शनि की साढ़े साती से लोग डरते हैं लेकिन विडंबना है कि भाैगोलिक घटनाक्रम में शनि राशि स्वामी के जीवन में कम से कम साढ़ेसाती लेकर आता ही आता है। शनिग्रह दोष के लिए नीलम धारण करना सबसे उपयुक्त माना गया है।
Totka for Peace: रुद्राक्ष की माला से करें इस मंत्र का जाप, हो जाएंगे जीवन के सारे क्लेश दूर
शनि से प्रभावित व्यक्ति की विशेषता
प्रबल शनि वाला व्यक्ति स्वार्थी होता है। उसकी आंखें सांप की तरह गोल, रंग काला या कालिमा लिये हुए, भौंहों की लकीर सीधी या भाैंहाें के बाल कम होंगे। वह आंखाें को देर से झपकता होगा। मन में भेद रखने वाला होगा।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। अपने न्यूज चैनल टाइम्स नाउ नवभारत की सोच ए...और देखें
Vasant Panchami 2025 Date: 2025 में कब मनाई जाएगी वसंत पंचमी, जानिए कब पड़ने वाली मां सरस्वती के पूजन की तिथि
7 January 2025 Panchang: पंचांग से जानिए पौष मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन क्या होगा पूजा का मुहूर्त, कब से कब तक होगा राहुकाल
Makar Sankranti 2025 Upay In Hindi: मकर संक्रांति के दिन करें ये अचूक उपाय, हर काम में मिलेगी सफलता
Makar Sankranti 2025: मकर संक्रांति 2025 में कब है, जानें मकर संक्रांति की डेट, तिथि और मुहूर्त
Putrada Ekadashi Daan 2025: पौष पुत्रदा एकादशी के दिन करें इन खास चीजों का दान, हर मनोकामना होगी पूरी
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited