Shani Gochar 2025: शनि के मीन राशि में गोचर से क्यों घबरा रहे हैं ज्योतिष, क्या तृतीय विश्व युद्ध की है आहट
Shani Gochar 2025: शनि 2025 में मीन राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। जिसे लेकर तमाम भविष्यवाणियां की जा रही हैं। कई ज्योतिष विद्वानों का ऐसा मानना है कि शनि का ये गोचर तबाही लेकर आ सकता है।
Shani Gochar 2025
Shani Gochar 2025: साल 2020 से ही ऐसा देखा जा रहा है कि दुनिया के हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। चाहे कोरोना महामारी हो या फिर कई देशों के बीच छिड़ी जंग हो। किसी न किसी चीज को लेकर दुनिया भर में तनाव बना हुआ है। ज्योतिष विज्ञान की दृष्टि से देखें तो इन परेशानियों के तार शनि के 2020 में हुए राशि परिवर्तन से जुड़े है। दरअसल 24 जनवरी 2020 को शनि ने मकर राशि में प्रवेश किया था। जिसके बाद से दुनिया भर में कोरोना महामारी का कहर देखने को मिला जिसमें कई लोगों की जान चली गई। तो वहीं 2022 में जब शनि ने कुंभ में प्रवेश किया तो रशिया-यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हो गया। इसके बाद इजरायल-हमास के बीच भी जंग छिड़ गई। लेकिन अब 2025 में शनि देव मीन राशि में जा रहे हैं। लेकिन ज्योतिष शनि का ये गोचर भी अच्छा नहीं मान रहे हैं। इस बात की आशंका है कि शनि का ये गोचर दुनिया में तबाही मचा सकता है।
2025 में शनि का गोचर कैसा रहेगा?
शनि 29 मार्च 2025 को मीन राशि में प्रवेश करेंगे। ज्योतिष शास्त्र अनुसार शनि जब-जब मीन राशि में आए हैं तब-तब युद्ध के हालात देखने को मिले हैं। साल 1937 में जब शनि मीन राशि में आए थे तब द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत हुई थी। उस समय चीन ने जापान पर आक्रमण किया और फिर पूरी दुनिया में तनाव बढ़ता चला गया।
इसी तरह से जब जून 1995 में शनि मीन राशि में आए थे तब जापान में भूकंप आया था जिसमें हजारों लोगों को जान चली गई थी। अब 2025 में शनि मीन राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं जिसे लेकर ऐसा माना जा रहा है कि 2025 में भी भूकंप और युद्ध जैसी घटनाएं हो सकती हैं।
क्या सभी के लिए बुरा है शनि का मीन राशि में गोचर?
पंडित सुजीत जी महाराज अनुसार शनि जब भी राशि बदलते हैं तब दुनिया में कई परिवर्तन देखने को मिलते हैं। चाहे ये परिवर्तन सत्ता को लेकर हो या जन विद्रोह से जुड़े हों, या फिर अकाल पड़ने को लेकर...शनि के गोचर के समय दुनिया में कुछ न कुछ परिवर्तन देखने को मिलता ही मिलता है। लेकिन शनि का गोचर हमेशा बुरे बदलाव ही लाएगा ये कहना सही नहीं है। जिस राष्ट्र के अधिपतियों की कुंडली में शनि अच्छी स्थिति में होते हैं उनके लिए शनि का परिवर्तन शुभ होता है और वहीं जिनकी कुंडली में शनि कमजोर होते हैं उनके लिए ये गोचर अशुभ साबित होता है। सरल शब्दों में समझें तो किसी भी ग्रह गोचर का फल उनके राष्ट्राध्यक्ष की कुंडली के हिसाब से मिलता है। इसे इस तरह से समझ सकते हैं कि जैसे कोरोना महामारी आई जिसमें कई देशों को भयंकर नुकसान हुआ लेकिन कुछ देश ऐसे थे जिन्हें इससे कुछ खास परेशानी नहीं हुई। इसलिए शनि गोचर का प्रभाव कुंडली में शनि की स्थिति के हिसाब से पड़ता है।
शनि को मजबूत कैसे करें?
शनि को मजबूत करने के लिए हर शनिवार शनि से जुड़ी चीजों का दान जरूर करें। संभव हो तो शनि के व्रत रखें। साथ ही शनि मंदिर में सरसों के तेल का दीपक भी जरूर जलाएं। इससे शनि की कृपा प्राप्त होने लगेगी।
(डिसक्लेमर- इस लेख में दी गई जानकारी मान्यताओं पर आधारित है। timesnowhindi.com इसकी सटीकता या विश्वसनीयता की पुष्टि नहीं करता है। इसलिए किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की राय जरूर लें।)
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। अध्यात्म (Spirituality News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।
धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 सा...और देखें
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited