Shani Pradosh Vrat Katha, Puja Vidhi: शनि प्रदोष व्रत कथा, पूजा विधि, मुहूर्त, महत्व सबकुछ यहां जानें

Shani Pradosh Vrat Katha, Puja Vidhi: प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) भगवान शिव को समर्पित माना गया है। शनि प्रदोष व्रत करने से शनि साढ़े साती (Shani Sade Sati) और शनि ढैय्या (Shani Dhaiya) से भी राहत मिल जाती है। जानें इस व्रत की पूजा विधि, मुहूर्त और महत्व।

शनि प्रदोष व्रत 2023 पूजा विधि और मुहूर्त

Shani Pradosh Vrat Katha: प्रदोष व्रत हिंदू धर्म में बेहद खास माना जाता है। इस व्रत में देवों के देव महादेव की पूजा अर्चना की जाती है। एकादशी व्रत की तरह ही प्रदोष व्रत भी हिंदी महीने में दो बार पड़ता है। एक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को तो दूसरा शुक्ल त्रयोदशी को। जब प्रदोष व्रत शनिवार के दिन पड़ता है तो उसे शनि प्रदोष के नाम से संबोधित किया जाता है। खास बात ये है कि शनि प्रदोष व्रत को करने से भगवान शिव तो प्रसन्न होते ही हैं साथ ही शनि दोष से भी राहत मिलती है।

दरअसल शनि देव भगवान शिव को अपना गुरु मानते हैं इसलिए जो कोई भी इंसान भगवान शिव की पूजा करता है उन पर शनि-देव कुदृष्टि नहीं डालते हैं। शनि त्रयोदशी यानी शनि प्रदोष व्रत का दिन शनि से संबंधित दोष दूर करने के लिए उत्तम माना गया है। इस दिन भगवान शिव की पूजा के साथ ही शनि देव की पूजा भी जरूर करें।

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