Shaniwar Special Bhajan: शनिवार के दिन सुने शनि महाराज के ये स्पेशल भजन, यहां देखें लिरिक्स
Shaniwar Bhajan: शनिवार के दिन भगवान शनिदेव की पूजा की जाती है। इस दिन शनि महाराज की पूजा करने से साधक पर सदैव शनि महाराज की कृपा बनी रहती है। शनिवार के दिन सुबह- सुबह शनिदेव के भजन सुनने से दिन बन जाता है। यहां देखें शनिदेव के स्पेशल भजन।
Shaniwar Special Bhajan
Shaniwar Bhajan: हिंदू धर्म में शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित है। शास्त्रों में शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है। वो राजा हो या रंक हर किसी के साथ न्याय करते हैं। शनि देव को सबसे क्रूर ग्रहों में से एक माना जाता है। यदि शनि देव की कुदृष्टि जिसपर पड़ जाती है, उसको बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। शनिवार के दिन बहुत से लोग शनि महाराज के भजन सुनना पसंद होता है। ऐसे में आइए यहां सुनते हैं शनिवार के स्पेशल भजन
Shaniwar Special Bhajan (शनिवार स्पेशल भजन)आज शनिवार है शनि देवा का वार है,
शिंगणा पुर दरबार है सूर्ये पुत्र छाया नंदन करते वेडा पार है,
आज शनिवार है ...
सब देवो में शनिदेवा नया दीश कहलाते है,
जैसे कर्म करे गा इंसान वैसा फल दिलाते है,
महिमा अप्रम पार है शनि देव का वार है,
सूर्ये पुत्र छाया नंदन करते वेडा पार है,
आज शनिवार है ...
यमराज और यमुना मैया भाई बहन कहाते है,
छाया मात के पुत्र ये बेडा पार लगाते है,
करते भव से पार है शनि देव का वार है,
सूर्ये पुत्र छाया नंदन करते वेडा पार है,
आज शनिवार है ...
शनिवार को शनि मंदिर में जा जो तेल चढ़ाये गा,
काली उदंड और तिल कील से पूजन जो करवाए गा,
पाता इनका प्यार है शनिदेव का बार है,
सूर्ये पुत्र छाया नंदन करते वेडा पार है,
आज शनिवार है ...
शनि देव को लोहा और मेहसी लगदी प्यारी है,
नीलाम्बर में साज रही शनिदेव की मूरत न्यारी है,
होती जय जय कार है शनिदेव का वार है,
सूर्ये पुत्र छाया नंदन करते वेडा पार है,
जय शनिदेव भक्त हितकारी,
सुनलीजै प्रभु अर्ज हमारी,
जन के काज विलंब ना कीजो,
आन के नाथ महा सुख दीजो,
जो जड चेतन हे जग माहि,
तुम्हरी दृष्टी छुपत कोहु नाही,
दृष्टी दया कर मोही उबारो,
रवि तनय मम संकट तारो,
जोपै गुपित होउ तुम देवा,
सुख शांति भस्मी कर देवा,
जापे वर प्रद कर धर देहु,
ताहि सुखी सपन्न करेहूँ।
जयति जयति जय हे शनि देवा,
तीनो लोक हो तेरी सेवा,
तुम्हरे कोप जगत भर माया,
सूर्य पुत्र तुम माता छाया,
रूप भयानक अति भयंकर,
ध्यावे ब्रम्हा विष्णु शंकर,
विष स्वरूप अति विद्रूपा,
पूजित लोक हे नवग्रह भूपा।
जय शनि देव जयति बल सागर,
सुर समूह समर्थ भटनागर,
शाम वसन तन सोहत स्वामी,
हे छाया सूत नमो नमामी,
धर्मरक्षा को स्वामी धावो,
ब्रजगदहनु विलंब ना लागो,
गदा वज्र लैवेरही मारो,
दिन जनन को नाथ उबारो।
दिर्घ दिर्घ तर गात विशाला,
नाहीकोउ बैर बाँधनेवाला,
देवदनुज सब कहे भयकारी,
तुम बिन कोई कलेश ना तारी,
ग्रहपीड़ा हरना रविनंदन,
शनि देव तुम शत शत वंदन,
पूजा जप तप लेम अचारा,
नाही जानत हो दास तुम्हारा।
वन उपवन मघ गिरि ग्रह माही,
तुम्हरे बल हम डरपत नाही,
पाय परो करी जोर मनाउ,
ध्यान तेरा शनी देव लगाउ,
सूर्यपुत्र हे ये यम के भ्रांता,
सुख दुःख हारी भाग्य विधाता,
तासों विनय करो तोहि पाहीं,
तोरी कृपा कछु दुर्लभ नाही।
रवि तनय मोहे शांति दीजै,
विपदा मोरि सकल हरी लीजै,
हे ग्रहराज रोग चिंता हर,
छाया पुत्र कृपा होपे पर,
तुम बिन मोर ना कोहु सहाया,
शनि देव तोरी शरण में आया,
जय जय जय धुनि होत आकासा,
सुमरथ होय दुसह दुःख नासा।
चरण पकड़ तोहि नाथ मनाउ,
छोड़ शरण तोरी अब कित जाउ,
आप से बिनती करू पुकारी,
हरहु सकल दुःख विपत हमारी,
आसो प्रभु प्रभाव तिहारो,
क्षण में कटे दुःख स्वामी मारो,
जयति जयति जय शिव के प्यारे,
जयति जयति जय छाया दुलारे।
जयति जयति जय मंगल दाता,
जयति जयति जय भाग्यविधाता,
जयति जयति त्रिभुवन विख्याता,
जयति जय पाप पुण्य फल दाता।
Shani Grah Importance (शनि ग्रह महत्व)कुंडली में शनि ग्रह को की स्थिति बहुत मजबूत होती है। शनिवार के दिन शनि ग्रह को तेल चढ़ाना चाहिए। इस दिन शनि महाराज को तेल चढ़ाने से शनिदेव बहुत प्रसन्न होते हैं। शनिदेव की कृपा प्राप्त करने के लिए शनिवार के दिन पशुओं को भोजन करना चाहिए।
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TNN अध्यात्म डेस्क author
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