Shaniwar Upay: आषाढ़ मास के पहले शनिवार को इन मंत्रों का करें जाप, काल भी नहीं कर पाएगा बाल बांका
Shaniwar Ke Upay, Shani Dev Ke Mantra: शनिवार का दिन न्याय के देव शनि देव को समर्पित होता है। हिंदू धर्म में मान्यता है कि शनिवार के दिन शनि देव के मंत्रों का जाप करने से सुख, समृद्धि और शांति आती है।
Shaniwar Ke Upay, Shani Dev Ke Mantra
Shaniwar Ke Upay, Shani Dev Ke Mantra: आषाढ़ का महीना 5 जून से शुरू हो चुका है और आज यानी 10 जून को आषाढ़ महीने का पहला शनिवार है। शनिवार महाराज शनिदेव को समर्पित दिन है। इस दिन पूरे विधि विधान से उनकी पूजा की जाती है। शनिदेव और कर्मफल दाता है, न्याय के देवता हैं। उनकी पूजा से जीवन में सुख आता है और कष्ट दूर होते हैं। शनिदेव अगर आपसे खुश हैं तो काल भी आपका बाल बांका नहीं कर पाएगा। इसलिए आषाढ़ मास के पहले शनिवार पर कुछ उपाय करने होंगे। हम आपको आज शनिदेव के मंत्रों के बारे में बता रहे हैं जिनका जाप करके आप शनिदेव को खुश कर सकते हैं।संबंधित खबरें
शनिवार को करें इन मंत्रों का जाप Shani Dev ke Mantra
महामृत्युंजय मंत्रसंबंधित खबरें
भगवान शिव का महामृत्युंजय मंत्र अकाल मृत्यु को टालने की शक्ति रखता है। जिस व्यक्ति की कुण्डली में अकाल मृत्य योग हो, उसे महामृत्युंजय जाप कराना चाहिए। इस मंत्र का रोजाना जाप करने से मृत्यु कभी भी आसपास नहीं भटक सकती।संबंधित खबरें
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।संबंधित खबरें
उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥संबंधित खबरें
गायत्री मंत्र
शिव गायत्री मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को सुख, समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही मानसिक शांति और संतोष की प्राप्ति होती है।संबंधित खबरें
ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।संबंधित खबरें
ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः।संबंधित खबरें
वैदिक मंत्र
यदि किसी व्यक्ति पर शनि की महादशा है तो इस मंत्र के जाप से इस महादिशा से मुक्ति मिल सकती है। इसे साथ ही व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिल जाएगी। इस मंत्र का भी जाप 108 बार करना है।संबंधित खबरें
ऊँ शन्नोदेवीर-भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः।संबंधित खबरें
महामंत्र
ये शनिदेव को प्रसन्न करने का महामंत्र है। इस मंत्र से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और मनोवांछित फल देते हैं। इस मंत्र को हर रोज स्नान करने के बाद 108 बार रुद्राक्ष की माला के साथ जाप करना चाहिए।संबंधित खबरें
ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।संबंधित खबरें
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥संबंधित खबरें
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