Sharad Purnima 2023 Puja Vidhi: शरद पूर्णिमा की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, कथा, महत्व संपूर्ण जानकारी यहां
Sharad Purnima 2023 Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Time, Mantra in Hindi: हिंदू पंचांग अनुसार इस साल शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर की सुबह 3 बजकर 47 मिनट से 29 अक्टूबर को 1 बजकर 23 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार शरद पूर्णिमा व्रत 28 अक्टूबर को रखा जाएगा। यहां जानें शरद पूर्णिमा की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त।
Sharad Purnima 2023 Puja Vidhi And Muhurat: शरद पूर्णिमा पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
Sharad Purnima 2023 Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Mantra: शरद पूर्णिमा सनातन धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। मान्यताओं अनुसार इस दिन देवी लक्ष्मी समुद्र मंथन से उत्पन्न हुई थीं। इसलिए ये खास दिन धन की देवी की कृपा पाने के लिए खास माना जाता है। ऐसी भी मान्यता है कि हर साल शरद पूर्णिमा के दिन देवी लक्ष्मी धरती पर आती हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। इस दिन चंद्रमा भी अपनी सोलह कलाओं से युक्त होता है। इस पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा (Kojagari Purnima 2023), रास पूर्णिमा (Ras Purnima 2023) और कौमुदी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। बता दें इस साल शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर, शनिवार को मनाई जाएगी। यहां जानिए शरद पूर्णिमा पूजा का शुभ मुहूर्त, विधि, मंत्र, कथा, आरती सबकुछ (Sharad Purnima Puja Vidhi)।
Sharad Purnima Vrat Katha In Hindi
Sharad Purnima 2023 Date And Muhurat (शरद पूर्णिमा 2023 तिथि व शुभ मुहूर्त)
- शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर 2023, शनिवार को मनाई जाएगी।
- शरद पूर्णिमा के दिन चन्द्रोदय शाम 05 बजकर 29 मिनट पर होगा।
- पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 28 अक्टूबर 2023 को 04:17 AM बजे होगा।
- पूर्णिमा तिथि की समाप्ति 29 अक्टूबर 2023 को 01:53 AM बजे पर होगी।
Sharad Purnima Puja Vidhi (शरद पूर्णिमा की पूजा विधि)
- शरद पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर किसी पवित्र नदी, तालाब या सरोवर में स्नान करें।
- अगर आस-पास नदी या तालाब नहीं है तो घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
- अगर व्रत रख रहे हैं तो स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें।
- इसके बाद पूजा वाली जगह को साफ़ करें और वहां अपने आराध्य देव की मूर्ति स्थापित करें।
- इसके बाद भगवान को सुंदर वस्त्र, आभूषण इत्यादि पहनाएं।
- फिर भगवान को वस्त्र, गंध, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, तांबूल, सुपारी और दक्षिणा आदि अर्पित करें।
- इसके बाद विधि विधान पूजा करें।
- फिर रात में गाय के दूध से खीर बनायें और उसमें घी और चीनी मिलाकर भोग लगाएं।
- फिर मध्य रात्रि में इस खीर को चांद की रोशनी रख दें।
- फिर दूसरे दिन इस खीर को प्रसाद के रूप में वितरित करें।
- अगर शरद पूर्णिमा पर व्रत रख रहे हैं तो कथा जरूर सुनें।
- कथा पढ़ने या सुनने से पहले एक लोटे में जल और गिलास में गेहूं, दोने में रोली व चावल रखकर कलश की वंदना करें फिर दक्षिणा चढ़ाएं।
- इस दिन माता लक्ष्मी, भगवान शिव-पार्वती और भगवान कार्तिकेय की भी पूजा होती है।
Sharad Purnima Importance In Hindi (शरद पूर्णिमा का महत्व)
सनातन धर्म में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन रात में खीर बनाई जाती है और उस खीर को चांद की रोशनी में रख दिया जाता है। फिर इसे अगले दिन सुबह-सुबह प्रसाद रूप में ग्रहण किया जाता है। ऐसा करने के पीछे मान्यता है कि जब खीर पर चंद्रमा की किरणें पड़ती हैं तो वो काफी गुणकारी हो जाती है। जिसका सेवन शरीर के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शरद पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान और व्रत करना शुभ माना जाता है।
Sharad Purnima Vrat Vidhi (शरद पूर्णिमा व्रत विधि)
इस दिन केवल जल और फल करके ही उपवास करना चाहिए। अगर उपवास नहीं रख सकते हैं तो भी सिर्फ सात्विक भोजन ही ग्रहण करें। इस दिन संभव हो तो सफेद रंग के कपड़े पहनें।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (spirituality News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
अध्यात्म और ज्योतिष की दुनिया बेहद दिलचस्प है। यहां हर समय कुछ नया सिखने और जानने को मिलता है। अगर आपकी अध्यात्म और ज्योतिष में गहरी रुचि है और आप इस ...और देखें
20 January 2025 Panchang: आज राहुकाल कितने बजे से लगेगा, क्या रहेगा अभिजीत मुहूर्त और सूर्योदय-सूर्योस्त का टाइम
दो दिन बाद बदलेगी मंगल की चाल, इन 4 राशि वालों का हो सकता है बुरा हाल, रहें सतर्क
Mauni Amavasya 2025: मौनी अमावस्या पर शाही स्नान का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा? जानिए क्या है इस तिथि का महत्व
Kumbh Mela 2025: कुंभ मेला कहां-कहां लगता है, क्यों प्रयागराज का कुंभ सबसे महत्वपूर्ण होता है?
Kumbh Mela 2025: जानिए पिछले सालों में कुंभ मेला कब-कब और कहां-कहां लगा था?
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited