Shardiya Navratri 2022: कैसे हुआ था भैरवनाथ का जन्म जिनके बिना अधूरी है मां दुर्गा की पूजा? पढ़ें ये कथा

Bhairav Baba: भैरवनाथ के दर्शन के बगैर मां दुर्गा की उपासना अधूरी समझी जाती है। इसी वजह से अष्टमी और नवमी पर कन्या पूजन के समय भैरव के रूप में एक बालक को बैठाया जाता है। क्या आप जानते हैं कि काल भैरव का जन्म कब और कैसे हुआ था। आइए आपको ये पौराणिक कथा विस्तार से बताते हैं।

कैसे हुआ था भैरव का जन्म जिनके बिना अधूरी है देवी की पूजा?

मुख्य बातें
  • भैरवनाथ के बिना अधूरी मानी जाती है मां दुर्गा की पूजा
  • कौन है भैरवनाथ और कैसे हुआ था इनकी जन्म?
  • भैरव के अवतरण में क्या है महादेव की भूमिका

Bhairav Baba: भैरवनाथ के दर्शन के बगैर मां दुर्गा की उपासना अधूरी समझी जाती है। इसी वजह से अष्टमी और नवमी पर कन्या पूजन के समय भैरव के रूप में एक बालक को बैठाया जाता है। क्या आप जानते हैं कि काल भैरव का जन्म कब और कैसे हुआ था। आइए आपको ये पौराणिक कथा विस्तार से बताते हैं।

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Shardiya Navratri Bhairavnath Birth Story:

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शारदीय नवरात्रि में जगह-जगह देवी के पंडाल सजे हैं। आदी शक्ति के मंदिरों में भक्तों की लंबी कतारें लगी हैं। मां दुर्गा का आशीर्वाद लेने के बाद कई लोग भैरव बाबा के दर्शन को भी जा रहे हैं। जम्मू स्थित माता वैष्णो देवी के दर्शन भी उस वक्त तक पूरे नहीं माने जाते हैं, जब तक श्रद्धालु भैरवनाथ के दर्शन न कर लें। नवरात्रि में अष्टमी या नवमी पर कन्या पूजन के समय भी छोटी-छोटी कन्याओं के साथ भैरव के रूप में एक बालक को बैठाया जाता है। आइए जानते हैं कि मां दुर्गा के बाद भैरव की पूजा क्यों की जाती है और भैरव का जन्म कैसे हुआ था।

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