Navratri 2022 Maa Durga Aarti Lyrics: जय अम्बे गौरी, मैय्या जय श्यामा गौरी आरती
Navratri 2022 Maa Durga Aarti Lyrics in Hindi (जय अम्बे गौरी, मैय्या जय श्यामा गौरी आरती हिंदी में): धार्मिक मान्यताओं अनुसार नवरात्रि में जो व्यक्ति मां अंबे की इस आरती को गाता है उसे सुख और वैभव की प्राप्ति होती है। माता के प्रताप से व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है।
माता की आरती (Mata Aarti)
मुख्य बातें
- नवरात्रि का पावन पर्व चल रहा है
- नवरात्रि में मां अंबे के नौ स्वरूपों की पूजा होती है
- नवरात्रि पूजा के समय मां अंबे की आरती जरूर करें
Navratri 2022 Maa Durga Aarti & Mantra Lyrics in Hindi (जय अम्बे गौरी, मैय्या जय श्यामा गौरी आरती): नवरात्रि का पावन पर्व चल रहा है। मां दुर्गा की भक्ति के ये नौ दिन उनके भक्तों के लिए बेहद खास होते हैं। इन दिनों हर कोई अपने-अपने तरीके से मां दुर्गा को प्रसन्न करने के उपाय करता है। नवरात्रि के हर दिन मां अम्बे के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है जो व्यक्ति सच्चे मन से नवरात्रि में मां अम्बे की अराधना करता है उसके सारे दुख दूर हो जाते हैं। अगर आप भी नवरात्रि की पूजा कर रहे हैं तो इन दिनों पूजा के समय दुर्गा मां की ये आरती उतारना बिल्कुल भी न भूलें।
जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी ।
तुमको निशिदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिव री ॥1॥
मांग सिंदूर बिराजत टीको मृगमद को ।
उज्ज्वल से दोउ नैना चंद्रबदन नीको ॥2॥
कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजै।
रक्तपुष्प गल माला कंठन पर साजै ॥3॥
केहरि वाहन राजत खड्ग खप्परधारी ।
सुर-नर मुनिजन सेवत तिनके दुःखहारी ॥4॥
कानन कुण्डल शोभित नासाग्रे मोती ।
कोटिक चंद्र दिवाकर राजत समज्योति ॥5॥
शुम्भ निशुम्भ बिडारे महिषासुर घाती ।
धूम्र विलोचन नैना निशिदिन मदमाती ॥6॥
चौंसठ योगिनि मंगल गावैं नृत्य करत भैरू।
बाजत ताल मृदंगा अरू बाजत डमरू ॥7॥
भुजा चार अति शोभित खड्ग खप्परधारी।
मनवांछित फल पावत सेवत नर नारी ॥8॥
कंचन थाल विराजत अगर कपूर बाती ।
श्री मालकेतु में राजत कोटि रतन ज्योति ॥9॥
श्री अम्बेजी की आरती जो कोई नर गावै ।
कहत शिवानंद स्वामी सुख-सम्पत्ति पावै ॥10॥
जय अम्बे गौरी आरती के लाभ: माता अम्बे गौरी को मां दुर्गा का ही अवतार मामा जाता है। कहते हैं मां अम्बे की इस आरती को करने से व्यक्ति के सभी प्रकार के दुखों का नाश हो जाता है। साथ ही व्यक्ति को धन-धान्य का सुख भी प्राप्त होता है। ऐसा माना जाता है कि माता की इस आरती को जो व्यक्ति प्रतिदिन नियमित तौर पर करता है उसे कभी कोई पराजित नहीं कर सकता है। माता व्यक्ति को सभी प्रकार के भय से मुक्ति दिलाती हैं।
डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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लवीना शर्मा author
धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 सा...और देखें
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