Navratri Day 8 Katha In Hindi: नवरात्रि के आठवें दिन की पूजा में जरूर पढ़नी चाहिए मां महागौरी की व्रत कथा

Navratri 8th Day Maa Mahagauri Vrat Katha In Hindi (आठवें नवरात्र की व्रत कथा): नवरात्रि के आठवें दिन मां दुर्गा के महागौरी स्वरूप की पूजा की जाती है। इस दिन को दुर्गा अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। यहां देखें नवरात्रि अष्टमी की व्रत कथा।

Navratri 8th Day Maa Mahagauri Vrat Katha In Hindi

Navratri 8th Day Maa Mahagauri Vrat Katha In Hindi (नवरात्रि के आठवें दिन की व्रत कथा): नवरात्रि का आठवां दिन मां दुर्गा के महागौरी स्वरूप को समर्पित है। मां दुर्गा का यह रूप सरल, सुलभ और मनमोहक है। माता की चार भुजाएं हैं और मां बैल की सवारी करती हैं। नवरात्रि की अष्टमी पर भक्त मां महागौरी की पूजा के बाद कन्या पूजन करते हैं। कहते हैं कन्या पूजन करने से मां महागौरी प्रसन्न हो जाती है। यहां देखें नवरात्रि की अष्टमी की व्रत कथा।

Navratri 8th Day Vrat Katha In Hindi (नवरात्रि के आठवें दिन की कथा)

नवरात्रि के आठवें दिन की व्रत कथा अनुसार देवी महागौरी 16 वर्ष की वो अविवाहित कन्या हैं जिन्होंने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए वर्षों कठोर तपस्या की थी। इस कठोर तपस्या के चलते उनकी त्वचा पर धूल जम गई जिससे उनका रंग काला पड़ गया था। इसके बाद शिव जी माता की तपस्या से प्रसन्न हुए और उन्होंने माता पार्वती से विवाह करने का वचन दिया। जिसके बाद माता को गंगा के पवित्र जल से स्नान कराया गया जिससे देवी का रंग गोरा हो गया और वे महागौरी कहलाईं।
मां महागौरी से संबंधित दूसरी कथा के अनुसार शुंभ और निशुंभ नाम के दो राक्षस पृथ्वी पर रहते थे जिन्होंने हर तरफ तबाही मचा रखी थी। जिसका अंत केवल मां दुर्गा ही कर सकती थीं। तब माता पार्वती ने अपना कौशिकी रूप धारण किया। माता के इस स्वरूप का रंग सांवला था। देवी पार्वती ने अपना गौरा रंग फिर से प्राप्त करने के लिए घोर तपस्या की। तब भगवान शिव ने उन्हें मानसरोवर में स्नान करने की सलाह दी। जिसके बाद मानसरोवर के जल में स्नान करने से देवी पार्वती को फिर से अपना रूप रंग प्राप्त हो गया।
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