Shardiya Navratri 2024 Mata Ki Sawari: शारदीय नवरात्रि में क्या होगा माता का वाहन? जानिए मां की सवारी का महत्व
Shardiya Navratri 2024 Mata Ki Sawari: शारदीय नवरात्रि की शुरुआत जल्द ही होने वाली है। नवरात्रि के दौरान माता रानी धरती लोक पर आती हैं। ऐसे में आइए जानते हैं इस साल माता की सवारी क्या होगी।
Shardiya Navratri 2024 Mata Ki Sawari: हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि के पर्व का बहुत ही खास महत्व है। नवरात्रि का त्योहार साल में दो बार आता है। एक बार चैत्र में और दूसरा आश्विन महीने में आता है। आश्विन मास की नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। इस नवरात्रि का शुरुआत हर साल आश्विन महीने की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन से होता है। इस साल शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्तूबर 2024 से होगी। वहीं इसका समापन 11 अक्तूबर 2024 को होगा। नवरात्रि के दौरान माता रानी अपने भक्तों पर अपनी कृपा बरसाने के लिए धरती लोक पर आती हैं। माता रानी हर साल अलग- अलग वाहन पर सवार होकर धरती लोक पर आती हैं। माता रानी की सवारी का अपना ही विशेष महत्व होता है। ऐसे में आइए जानते हैं शारदीय नवरात्रि में माता की सवारी क्या होगी।
Shardiya Navratri 2024 Mata Ki Sawari (शारदीय नवरात्रि में माता की सवारी 2024)
शारदीय नवरात्रि में हर साल मां अलग- अलग सवारी पर सवार होकर आती हैं। मां की सवारी का अपना एक विशेष महत्व और संकेत होता है। इस साल शारदीय नवरात्रि की शुरुआत गुरुवार के दिन होगी। ऐसे में इस साल शारदीय नवरात्रि में माता की सवारी पालकी होगी। माता रानी पालकी पर सवार होकर आएंगी।
मां दुर्गा के वाहन का संकेत
इस साल माता रानी की सवारी पालकी होगी। ज्योतिषाचार्य के अनुसार जब माता रानी पालकी या डोली पर आती हैं तो ये शुभ संकेत नहीं होता है। माता रानी के पालकी पर सवार होकर आने से धरती लोक पर बहुत सारी समस्याएं आती हैं। माता रानी के पालकी पर आने से देश में आर्थिक समस्या आती है। इसके साथ अप्राकृति घटना के संकेत मिलते हैं।
माता रानी के अलग- अलग वाहन का संकेत
घोड़े पर आने का संकेत अशुभ होती है। वहीं पालकी पर जब माता रानी आती हैं तो वो भी शुभ नहीं होता है। जिस साल माता रानी नाव पर सवार होकर आती हैं तो वो शुभ होता है। इसके साथ ही माता रानी का घोड़े पर आना बहुत ही शुभ माना जाता है।
नवरात्रि में रखें इन बातों का ध्यान
शास्त्रों में नवरात्रि व्रत को लेकर खास नियम बताए गए हैं। इस समय में साधक को बहुत सारी बातों का ध्यान देना चाहिए। नवरात्रि के समय में माता रानी अखंड ज्योत जलाना चाहिए। इस ज्योत को बुझने नहीं देना चाहिए। इसके साथ ही इस समय में ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। नवरात्रि व्रत के समय में साधक को रात्रि जागरण करना चाहिए और मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। नवरात्रि में माता रानी की सच्चे मन से भक्ति करनी चाहिए।
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