Shattila Ekadashi Vrat Katha: षटत‍िला एकादशी की व्रत कथा, हिंदी में लिखित कथा से जानें इसका महत्‍व

Shattila Ekadashi Vrat Katha (षटत‍िला एकादशी व्रत कथा): एकादशी का व्रत अत्यंत ही पवित्र माना जाता है। षटत‍िला एकादशी जो कि पंचांग अनुसार 25 जनवरी को शनिवार के दिन पड़ेगी, और भी फलदायी मानी जाती है अगर इसकी कथा को पढ़ा, सुना या कहा जाए। ऐसे में आप यहां पर पावन षटत‍िला एकादशी व्रत कथा पढ़ सकते हैं। देखें षटत‍िला एकादशी व्रत की कथा हिंदी में लिख‍ित।

Shattila Ekadashi Vrat Katha (षटत‍िला एकादशी व्रत कथा)

Shattila Ekadashi Vrat (षटत‍िला एकादशी व्रत): सनातन हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत विशेष स्थान रखता है। पूरे वर्ष में कुल चौबीस एकादशियां होती हैं। जब अधिकमास या मलमास होता है तब इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है। महा पुराणों में से एक पद्म पुराण में षटत‍िला एकादशी का महत्वपूर्ण बताया गया है ज‍िसमें इस व्रत के विधि विधान का भी उल्लेख किया गया है। ऐसा कहा जाता है क‍ि इस व्रत को विधि-पूर्वक करने से व्यक्ति जन्म-मरण और पाप-पुण्य के बंधनों से सदा के लिए मुक्त हो जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस व्रत में छह प्रकार से तिल का उपयोग किया जाता है। इस व्रत की कथा का वर्णन महाभारत काल से आता है जब अर्जुन ने भगवान श्रीकृष्ण से षटत‍िला एकादशी की मान्यता और महत्ता को जानने की इच्छा प्रकट की। यहां पढ़ें षटत‍िला एकादशी व्रत कथा हिंदी में लिखित।

Shattila Ekadashi Vrat Katha (षटत‍िला एकादशी व्रत कथा)

पवित्र षटत‍िला एकादशी की संपूर्ण कथा इस प्रकार से है, जिसे आप यहां पढ़ सकते हैं –

भगवान श्रीकृष्ण के मुख से एकादशियों का माहात्म्य सुनकर श्रद्धापूर्वक उन्हें प्रणाम करते हुए अर्जुन ने कहा- "हे केशव! आपके मुख से एकादशियों की कथाएं सुनकर मुझे परम आनंद की प्राप्ति हो रही है। हे मधुसूदन! कृपा कर मुझे अन्य एकादशियों का माहात्म्य भी सुनाएं।" श्रीकृष्ण ने कहा - "हे अर्जुन! अब मैं माघ मास के कृष्ण पक्ष की षटतिला एकादशी व्रत की कथा सुनाता हूं -

End Of Feed