Sheetala Ashtami (Basoda) 2024 Date: शीतला अष्टमी यानी बसौड़ा पूजा कब है, जानिए इसकी तारीख और महत्व
Sheetala Ashtami (Basoda) 2024 Date: शीतला अष्टमी यानी बसोड़ा का त्योहार होली के आठवें दिन मनाया जाता है। इस दिन बासी खाना खाने की परंपरा है। जानिए इस साल शीतला अष्टमी कब मनाई जाएगी।



Sheetala Ashtami (Basoda) 2024 Date
Sheetala Ashtami (Basoda) 2024 Date: शीतला अष्टमी हिंदू धर्म के लोगों द्वारा मनाया जाना वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। जो हर साल चैत्र कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इसे बसौड़ा के नाम से भी जाना जाता है। शीतला अष्टमी पर शीतला माता की पूजा होती है और उन्हें बासी खाने का भोग लगाया जाता है। साथ ही लोग खुद भी इस दिन बासी खाना ही खाते हैं। इस त्योहार के दिन कई घरों में चूल्हा नहीं जलाया जाता है। मुख्य रूप से ये त्योहार राजस्थान, यूपी और गुजरात में मनाया जाता है। जानिए इस साल शीतला अष्टमी बसौड़ा त्योहार कब है।
शीतला अष्टमी यानी बसौड़ा पूजा 2024 तिथि व मुहूर्त (Sheetala Ashtami Or Basoda Puja 2024 Date And Time)
- शीतला अष्टमी 2 अप्रैल 2024, मंगलवार को मनाई जाएगी।
- शीतला अष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 06:10 से शाम 06:40 तक रहेगा।
- अष्टमी तिथि का प्रारम्भ 1 अप्रैल 2024 की रात 09:09 बजे से होगा।
- अष्टमी तिथि की समाप्ति 2 अप्रैल 2024 की रात 08:08 बजे होगी।
कैसे करें माता शीतला की पूजा (Sheetala Mata Puja Vidhi)
- सुबह जल्दी उठकर पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान कर लें।
- फिर नारंगी रंग के वस्त्र धारण करें|
- इसके बाद पूजा करने के लिए दो थाली सजाएं।
- एक थाली में दही, रोटी, मठरी, पुआ, बाजरा, नमक पारे और सप्तमी के दिन बने मीठे चावल रखें तो दूसरी थाली में आटे का दीपक, रोली, वस्त्र अक्षत, सिक्का और मेहंदी रखें। साथ में थाली में एक ठंडे पानी से भरा लोटा भी रखें।
- थाली में रखा भोग माता शीतला को चढ़ा दें।
- इसके बाद नीम के पेड़ पर जल चढ़ाएं |
- दोपहर के समय शीतला माता के मंदिर में पूजा अर्चना करें और माता को जल चढ़ाएं|
- साथ में माता को रोली, हल्दी का टीका, मेहंदी लगाएं और नए वस्त्र अर्पित करें|
- फिर माता को बासी खाने का भोग लगाएं और कपूर जलाकर आरती करें|
शीतला अष्टमी बसौड़ा पूजा महत्व (Sheetala Ashtami Basoda Puja Mahatva)
शीतला अष्टमी को बसौड़ा जयंती के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन माता शीतला को बासी भोजन का भोग लगाया जाता है। मान्यता है इस दिन माता शीतला की विधि विधान पूजा करने से व्यक्ति को रोग आदि से मुक्ति मिल जाती है। कहते हैं जो महिला इस दिन व्रत रखती है उसकी संतान को लंबी आयु की प्राप्ति होती है। साथ ही परिवार के सदस्य भी रोग मुक्त रहते हैं। मान्यता है इस दिन व्रत करने से संतान को चेचक, फुंसी, खसरा, नेत्र संबंधी बीमारियां से मुक्ति मिलती है।
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