Sheetala Saptami 2025 Puja Vidhi: आज है शीतला सप्तमी, यहां जानिए इसकी पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और मंत्र

Sheetala (Shitala) Saptami 2025 Puja Muhurat And Puja Vidhi: हर साल चैत्र कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को शीतला सप्तमी मनाई जाती है। इस साल ये शुभ त्योहार मार्च के महीने में मनाया जा रहा है। यहां से आप शीतला सप्तमी 2025 की तिथि, पूजा मुहूर्त और पूजा की सम्पूर्ण विधि जान सकते हैं।

Sheetala Saptami 2025 Puja Muhurat And Puja Vidhi In Hindi

Sheetala Saptami 2025 Puja Muhurat And Puja Vidhi In Hindi

Sheetala (Shitala) Saptami 2025 Puja Muhurat And Puja Vidhi: हिंदू धर्म में कई सारे तीज-त्योहार हैं। वहीं,पंचांग के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को शीतला सप्तमी का व्रत रखा जाता है। इस दिन लोग शीतला माता का व्रत रखते हैं, उनकी पूजा-अराधना करते हैं। साथ ही शीतला माता को बसौड़े का भोग अर्पित करते हैं। कहते हैं कि माता शीतला सारे कष्ट हर लेती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माता शीतला की पूजा करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है और सभी तरह के मानसिक और शारीरिक कष्ट दूर हो जाते हैं। आइये जानते हैं कि इस साल शीतला सप्तमी का व्रत कब रखा जाएगा, साथ ही शीतला सप्तमी के पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजा करने की विधि क्या है, यह भी यहां विस्तार में बताया गया है।

शीतला सप्तमी 2025 पूजा शुभ मुहूर्त-

चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि की शुरुआत, शुक्रवार 21 मार्च को रात 2:45 बजे होगा और शनिवार, 22 मार्च की सुबह 4:23 बजे तक रहेगा। इसलिए शीतला सप्तमी का व्रत 21 मार्च, शुक्रवार को ही रखा जाएगा। शीतला सप्तमी 2025 की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 6:24 से शाम 6:33 तक का है।

शीतला सप्तमी पूजा विधि-

प्रातः स्नान कर व्रत का संकल्प लें और पूजा की तैयारी करें।

पूजा स्थल पर लाल वस्त्र बिछाकर माता शीतला की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।

शीतला माता को लाल रंग के फूल अर्पित करें और उसके बाद उनके समक्ष दीपक जलाएं।

मां को श्रीफल और चने की दाल चढ़ाएं। बता दें शीतला माता को चढ़ायी जाने वाली चने की दाल को एक दिन पहले ही भिगोकर रख दिया जाता है।

इस बात का विशेष ध्यान रखें कि माता को हमेशा ठंडा भोग ही लगाया जाता है। इसलिए प्रसाद एक रात पहले ही तैयार कर लिया जाता है।

पूजा करने के बाद शीतला माता की कथा जरूर सुनें।

माता शीतला को प्रणाम कर आशीर्वाद लें।

संभव हो तो शीतला माता के मंदिर जरूर जाएं और वहां जाकर भी पूजा करें।

मंदिर से आने के बाद घर के मुख्य द्वार पर हल्दी से पांच बार अपने हाथ का छाप जरूर लगाएं।

मंदिर में शीतला माता को चढ़ाया गया जल थोड़ा घर लेकर जाए और पूरे घर में उस पानी का छींटा मारे।

शीतला माता की पूजा का मंत्र-

वन्देऽहंशीतलांदेवीं रासभस्थांदिगम्बराम्।।

मार्जनीकलशोपेतां सूर्पालंकृतमस्तकाम्।।

ऐसी मान्यता है कि जिस घर की महिलाएं शुद्ध मन से शीतला माता के व्रत को करती है, उस परिवार को शीतला देवी धन-धान्य से पूर्ण कर हर तरह की विपदाओं से दूर रखती हैं। जय माता शीतला।

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Srishti author

मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर कॉपी एडिटर कार्यरत हूं। मूल रूप से बिहार की रहने वाली हूं और साहित्य, संगीत और फिल्मों में मेरी सबसे ज्यादा दिलचस्पी...और देखें

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