Sheetala Saptami Puja Vidhi: शीतला सप्तमी पर इस तरह से करें पूजा, यहां जानें पूरी विधि

Sheetala Saptami Puja Vidhi: हर चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की सप्तमी और अष्टमी तिथि को माता शीतला की पूजा की जाती है। ये व्रत संतान की लंबी आयु के लिए किया जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं इस व्रत की पूरी विधि के बारे में।

Sheetala Saptami Puja Vidhi

Sheetala Saptami Puja Vidhi: हिंदू धर्म में शीतला सप्तमी और शीतला अष्टमी दोनों का ही खास महत्व है। हर साल चैत्र महीने की कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को शीतला सप्तमी के रूप में मनाया जाता है। इस साल शीतला सप्तमी 1 अप्रैल को मनाई जाएगी। वहीं शीतला अष्टमी 2 अप्रैल को होगी। इस दिन का व्रत संतान की लंबी उम्र और अच्छी सेहत के लिए किया जाता है। इस दिन शीतला माता को ठंड़ी और बसाई भोजन का भोग लगाया जाता है। इस पर्व को बसौड़ा, बसियौरा और बसोरा के नाम से भी जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि शीतला माता का व्रत रखने से और विधि- विधान से पूजा करने से साधक को चैचक, खसरा जैसे रोगों से बचाव मिलता है। ऐसे में आइए जानते हैं इस व्रत की विधि के बारे में।

Sheetala Saptami Puja Vidhi (शीतला सप्तमी पूजा विधि)
  • शीतला सप्तमी के दिन सुबह स्नान आदि के बाद व्रत का संकल्प लें।
  • उसके बाद पूजा की थाली में दही, पुआ, मीठे चावल और रोटी रखें।
  • उसके साथ एक और थाली में फूल, अक्षत और बड़कुले की माला रखें।
  • उसके बाद शीतला माता की पूजा शुरू करें।
  • घर में पूजा करने के बाद शीतला माता की मंदिर में जाकर पूजा करें और सारा सामान अर्पित करें।
  • पूजा किया हुआ जल थोड़ा बचाकर घर ले आएं उसे घर के सदस्यों को आंखों पर लगाने को दें।

शीतला सप्तमी डेट और शुभ मुहूर्त (Sheetala Saptami Date And Shubh Muhurat)हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल चैत्र महीने की कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि की शुरुआत 31 मार्च की रात 9 बजकर 30 मिनट से होगी। वहीं इसका समापन 1 अप्रैल को रात 9 बजे होगा। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार शाीतला सप्तमी का व्रत 1 अप्रैल को रखा जाएगा। इस दिन शीतला सप्तमी पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह के 6 बजकर 19 मिनट से लेकर 6 बजकर 42 मिनट तक रहेगा।

शीतला सप्तमी महत्व (Sheetla Saptami Importance)सनातन धर्म में शीतला सप्तमी के व्रत का बहुत महत्व है। शीतला माता को शीतलता प्रदान करने वाली माना गया है। इनकी पूजा करने से साधक को त्वचा रोगों से मुक्ति मिलती है। शीतला सप्तमी के दिन माता शीतला को बासी खाने का भोग लगाया जाता है। इसके साथ ही उन्हें ठंड़ी चीजें चढ़ाई जाती है। इस व्रत को करने से संतान पर आने वाले सारे संकट समाप्त होते हैं और घर में सुख, समृद्धि आती है।

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