Shiv Ji Ki Aarti In Hindi: ओम जय शिव ओंकारा..., यहां पढ़ें शिव जी की आरती
Shiv Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi (ॐ जय शिव ओंकारा स्वामी जय शिव ओंकारा शिव जी की आरती): भगवान शिव की पूजा में उनकी आरती की जाती है। मान्यता है कि सच्चे मन से की गई आरती से भोलेनाथ बेहद प्रसन्न होते हैं। यहां देखिए ओम जय शिव ओंकारा हिंदी में - शिव जी की आरती लिरिक्स इन हिंदी।
Shiv Chalisa Lyrics In Hindi: ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा के हिंदी लिरिक्स
Shiv Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi, Om Jai Shiv Omkara Swami Jai Shiv Omkara Aarti in Hindi: हिंदू धर्म में शिव जी को भोलेनाथ, त्रिलोकीनाथ, महादेव, नीलकंठ आदि कई नामों से जाना जाता हैं। इसलिए भोलेनाथ की पूजा का विशेष महत्व होता है। मान्यताओं के अनुसार, शिव शंकर की सच्चे मन से पूजा करने पर गृहस्थ जीवन संतुलित रहता है। लेकिन, शिव जी की पूजा आरती के बिना अधूरी मानी जाती है। दरअसल, भोलेनाथ की आरती में ही उनका पूरा बखान किया गया है। ऐसी मान्यता है कि शिव जी बहुत जल्द अपने भक्तों पर प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा बरसाते हैं। चलिए जानते हैं शिव जी की आरती लिरिक्स इन हिंदी।
शिव जी की आरती लिरिक्स, Shiv Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi
ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा |
ब्रह्मा, विष्णु सदाशिव, अर्द्धांगी धारा ||
ॐ जय शिव ओंकारा ||
एकानन चतुरानन, पंचानन राजै |
हंसासन गरुड़ासन, वृषवाहन साजै ||
ॐ जय शिव ओंकारा ||
दो भुज चार चतुर्भुज, दशभुज अति सोहे |
त्रिगुण रूप निरखते, त्रिभुवन जन मोहे॥
ॐ जय शिव ओंकारा ||
अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी |
त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा ||
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
कर के मध्य कमण्डलु चक्र त्रिशूलधारी।
सुखकारी दुखहारी, जगपालन कारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।
प्रणवाक्षर के मध्ये, यह तीनों एका ॥
ॐ जय शिव ओंकारा ||
काशी में विश्वनाथ विराजे, नन्दी ब्रह्मचारी।
नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
त्रिगुणस्वामी जी की आरती जो कोइ नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी, मनवांछित फल पावे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
शिव जी की आरती से लाभ, Shiv Ji Ki Aarti Benefits:
शिव जी की आरती करने से भोलेनाथ के साथ-साथ माता लक्ष्मी की भी कृपा बरसती है। साथ ही इसके पुण्यप्रभव से व्यक्ति को कभी भी आर्थिक संकट का सामना नहीं करना पड़ता है। सावन, शिवरात्रि या सोमवार का दिन शिव शंकर की आराधना के लिए सबसे खास माना जाता है।
शिव जी की आरती का दिन और समय (Shiv Ji Ki Aarti Ka Time)
हिंदू धर्म महादेव की पूजा के लिए सोमवार का दिन सबसे शुभ माना जाता है। इसके अलावा प्रदोष व्रत, महाशिवरात्रि और सावन का महीना भोलेनाथ को समर्पित है। इन अवसर के अलावा भी आप चाहे तो रोज सुबह-शाम शंकर भगवान कीआरती कर सकते हैं। लेकिन रोज संभव नहीं है तो कम से कम प्रति सोमवार के दिन शिव जी की आरती जरुर करें।
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