Shiv Aarti: ओम जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा, ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा...
Shiv Ji Ki Aarti, Om Jai Shiv Omkara: शिवजी की आरती- ओम जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा। ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा॥ ॐ जय शिव...भगवान शिव की पूजा में इस आरती को करना अनिवार्य माना गया है। यहां देखें शिव आरती के लिरिक्स।
Shiv Aarti: शिवजी की आरती, ॐ जय शिव ओंकारा
Shiv Aarti Lyrics: भगवान शिव की आरती ओम जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा। ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा...इस आरती का हिंदू धर्म में खास महत्व माना जाता है। शिव जी की पूजा बिना इस आरती के अधूरी मानी जाती है। कहते हैं जो व्यक्ति सच्चे मन से महादेव की पूजा-अर्चना करके इस आरती का गान करता है उसे पूजा का फल शीघ्र ही प्राप्त हो जाता है। अगर हर दिन इस आरती को कर पाना संभव न हो तो सोमवार के दिन तो जरूर ही इस आरती को करना चाहिए। जानिए शिव आरती के लिरिक्स हिंदी में।
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शिव जी की आरती लिरिक्स (Shiv Ji Ki Aarti Lyrics)
जय शिव ओंकारा प्रभु हर शिव ओंकारा
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव ब्रह्मा विष्णु सदाशिव
अर्धांगी धारा ओम जय शिव ओंकारा
ओम जय शिव ओंकारा प्रभु हर शिव ओंकारा
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव ब्रह्मा विष्णु सदाशिव
अर्धांगी धारा ओम जय शिव ओंकारा
एकानन चतुरानन पंचांनन राजे स्वामी पंचांनन राजे
हंसानन गरुड़ासन हंसानन गरुड़ासन
वृषवाहन साजे ओम जय शिव ओंकारा
दो भुज चारु चतुर्भूज दश भुज ते सोहें स्वामी दश भुज ते सोहें
तीनों रूप निरखता तीनों रूप निरखता
त्रिभुवन जन मोहें ओम जय शिव ओंकारा
अक्षमाला बनमाला मुंडमालाधारी स्वामी मुंडमालाधारी
त्रिपुरारी धनसाली चंदन मृदमग चंदा
करमालाधारी ओम जय शिव ओंकारा
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघाम्बर अंगें स्वामी बाघाम्बर अंगें
सनकादिक ब्रह्मादिक ब्रह्मादिक सनकादिक
भूतादिक संगें ओम जय शिव ओंकारा
करम श्रेष्ठ कमड़ंलू चक्र त्रिशूल धरता स्वामी चक्र त्रिशूल धरता
जगकर्ता जगहर्ता जगकर्ता जगहर्ता
जगपालनकर्ता ओम जय शिव ओंकारा
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका स्वामी जानत अविवेका
प्रणवाक्षर के मध्यत प्रणवाक्षर के मध्य
ये तीनों एका ओम जय शिव ओंकारा
त्रिगुण स्वामीजी की आरती जो कोई नर गावें स्वामी जो कोई जन गावें
कहत शिवानंद स्वामी कहत शिवानंद स्वामी
मनवांछित फल पावें ओम जय शिव ओंकारा
ओम जय शिव ओंकारा प्रभू जय शिव ओंकारा
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव ब्रह्मा विष्णु सदाशिव
अर्धांगी धारा ओम जय शिव ओंकारा
ओम जय शिव ओंकारा प्रभू हर शिव ओंकारा
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव ब्रह्मा विष्णु सदाशिव
अर्धांगी धारा ओम जय शिव ओंकारा
शिव जी की आरती कैसे करें
सबसे पहले महादेव की पूजा-अर्चना करें। उनके विशेष मंत्रों का जाप करें। शिव चालीसा पढ़ें। महादेव को उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाएं। अगर सोमवार व्रत रखा है तो उसकी कथा पढ़ें। इसके बाद पूजा का अंत भोलेनाथ की आरती के साथ करें।
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