Shiv Mantra In Sanskrit: 'ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय' सावन सोमवार पूजा में इन श्लोक और मंत्रों का जरूर करें जाप
Shiv Mantra And Shlok: सावन में भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो उनके मंत्रों का जाप अवश्य करें। यहां आप जानेंगे शिव जी के बीज मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र, शिव गायत्री मंत्र और भी कई शक्तिशाली मंत्र और श्लोक।
Shiv Mantra In Sanskrit
Shiv Shlok And Mantra (शिव मंत्र): सावन के महीने में भगवान शिव के मंत्रों का जाप करना बेहद शुभ माना जाता है। कहते हैं इससे भोलेनाथ जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। वैसे तो शिव जी के अनेकों मंत्र हैं लेकिन सभी मैं सबसे सरल मंत्र हैं 'ॐ नमः शिवाय'। कहते हैं इस मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करने से हर मुराद पूरी हो जाती है। सावन में शिव के बीज मंत्र का जाप अत्यंत ही फलदायी माना जाता है। चलिए अब हम आपको बताते हैं शिव जी के सबसे शक्तिशाली मंत्रों के बारे में।
शिव मंत्र इन संस्कृत (Shiv Mantra In Sanskrit)
- ॐ नमः शिवाय
- ॐ पार्वतीपतये नमः
- ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय
- ॐ नमो नीलकण्ठाय
- ॐ नमो भगवते दक्षिणामूर्त्तये मह्यं मेधा प्रयच्छ स्वाहा
शिव गायत्री मंत्र (Shiv Gayatri Mantra)
‘ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात्।’शिव महामृत्युंजय मंत्र (Maha Mrityunjaya Mantra)
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
शिव मंत्र स्तुति (Shiv Mantra Stuti)
द: स्वप्नदु: शकुन दुर्गतिदौर्मनस्य, दुर्भिक्षदुर्व्यसन दुस्सहदुर्यशांसि।
उत्पाततापविषभीतिमसद्रहार्ति, व्याधीश्चनाशयतुमे जगतातमीश:।।
शिव ध्यान मंत्र (Shiv Dhyan Mantra)
करारचंद्रम वैका कायाजम कर्मगम वी
श्रवणनजम वा मनामम वैद परामहम
विहितम विहताम वीए सर मेट मेटाट
क्षासव जे जे करुणाबधे श्री महादेव शंभो
शिव रुद्र मंत्र (Shiv Rudraay Mantra)
ऊं नमो भगवते रुद्राय
शिव पञ्चाक्षर स्तोत्रम् (Shiv Panchakshar Stotra)
नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै नकाराय नम:शिवाय॥1॥
मंदाकिनीसलिलचन्दनचर्चिताय नन्दीश्वरप्रमथनाथ महेश्वराय।
मण्दारपुष्पबहुपुष्पसुपूजिताय तस्मै मकाराय नम:शिवाय॥2॥
शिवाय गौरीवदनाब्जवृन्दसूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय।
श्रीनीलकण्ठाय बृषध्वजाय तस्मै शिकाराय नम:शिवाय॥3॥
वसिष्ठकुम्भोद्भवगौतमार्यमुनीन्द्रदेवार्चितशेखराय।
चन्द्रार्कवैश्वानरलोचनाय तस्मै वकाराय नम:शिवाय॥4॥
यक्षस्वरूपाय जटाधराय पिनाकहस्ताय सनातनाय।
दिव्याय देवाय दिगम्बराय तस्मै यकाराय नम:शिवाय॥5॥
पञ्चाक्षरिमदं पुण्यं य: पठेच्छिवसन्निधौ।
शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते॥6॥
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लवीना शर्मा author
धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें
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