Shiv Mantra: चमत्कारी हैं भगवान शिव के ये मंत्र, इनके जाप से हर मनोकामना होगी पूर्ण
सावन के पहले सोमवार में भगवान शिव के “ॐ नमः शिवाय” (Om Namah Shivay) मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र (Maha Mrityunjaya Mantra Lyrics) (“ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥”) का जाप करें। इन मंत्रों के जाप से मनुष्य जीवन के सारे दुखों का अंत हो जाता है। यहां देखिए सावन के सोमवार के मंत्र (Sawan Somvar Mantra)।
Sawan Somvar Shiv Mantra Lyrics
Shiv Mantra: महादेव की असीम कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो सावन के सोमवार व्रत (Sawan Somvar Mantra) में इनके मंत्रों का जाप जरूर करें। मंत्रों में वो शक्ति होती है जिससे किसी भी प्रकार की समस्या का अंत हो सकता है। धार्मिक मान्यताओं अनुसार शिव भगवान के मंत्रों में रंक को राजा बनाने, अज्ञानी को महाज्ञानी बनाने और एक निर्बल को सबल बनाने की शक्ति विराजमान है। भगवान शिव के मंत्रों का जाप रुद्राक्ष की माला से करना अत्यंत शुभ माना जाता है। यहां देखिए शिव जी के शक्तिशाली मंत्र।
Sawan Somvar Vrat Puja Vidhi Live Update
सर्वाधिक लोकप्रिय शिव मंत्र (Shiv Mantra Lyrics)
“ॐ नमः शिवाय” ये पंचाक्षरी शिव मंत्र है। ये मंत्र पांच अक्षरों का होने के कारण इसे पंचाक्षरी मंत्र कहते हैं। ॐ नमः शिवाय का अर्थ है भगवान शिव को नमस्कार।
महामृत्युंजय मंत्र (Maha Mrityunjaya Mantra Lyrics)
“ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥” ये मृत्यु को जीतने वाला मंत्र माना जाता है। ये मंत्र भगवान शिव की स्तुति के लिए यजुर्वेद के रुद्र अध्याय में है। हमारे ऋषि मुनियों ने महामृत्युंजय मंत्र को वेद का हृदय कहा है।
रूद्र मंत्र (Rudra Mantra)
'ॐ नमो भगवते रुद्राये' इस मंत्र का मतलब है- मैं भगवान रुद्र अर्थात भगवान शिव को नमन करता हूं। उन्हें प्रणाम करता हूं।
शिव गायत्री मंत्र (Shiv Gayatri Mantra)
‘ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात।’
इस मंत्र का अर्थ है मैं आदर्श पुरुष भगवान महादेव के चरणों में प्रणाम करता हूं। हे प्रभु! आप मुझे बुद्धि दीजिए और ज्ञान के द्वारा मेरा मार्गदर्शन कीजिए।
रूद्र गायत्री मंत्र (Rudra Gayatri Mantra Lyrics)
'ॐ सर्वेश्वराय विद्महे, शूलहस्ताय धीमहि | तन्नो रूद्र प्रचोदयात् ||' इस मंत्र का अर्थ है हे सर्वेश्वर भगवान आपके हाथ में त्रिशूल है और मेरा जीवन विभिन्न कष्टों और परेशानियों में घिरा है। आप मुझे अपनी कृपा में लेकर मेरे कष्टों को दूर कीजिए, क्योंकि मैं आपकी शरण में हूं।
शिव ध्यान मंत्र (Shiv Dhyan Mantra)
'करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं वा श्रवणनयनजं वा मानसंवापराधं ।
विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो ॥'
इसका मतलब है- हे परम दयालु भगवान महादेव, मुझे पापों के लिए क्षमा करें। मेरे हाथों, पैरों, शरीर और कार्यों के माध्यम से किए गए पापों के लिए मुझे क्षमा करें। जानबूझकर या अनजाने में मेरे कान, आंख और दिमाग के माध्यम से किए गए सभी पापों को क्षमा करें।
शिव मंत्र को जपने की विधि (Shiv Mantra Jaap Vidhi)
शिव जी के मंत्रों का जाप सोमवार के दिन शुभ माना जाता है। ध्यान रहे कि मंत्र का उच्चारण शुद्ध होना चाहिए। मंत्र जाप करने से पूर्व आसन बिछाएं और उस पर उत्तर या पूर्व की ओर मुख करके बैठ जाएं। इसके बाद भगवान शिव का ध्यान कर उनके मंत्रों का कम से कम 108 बार जाप करें। मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से करें।
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