Shiv Ji Ke Mantra: सावन शिवरात्रि के दिन भोलेनाथ के इन मंत्रों और श्लोकों का करें जाप, हर दुख का हो जाएगा नाश

Sawan Shivratri 2024 Mantra And Shlok: सावन शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की विशेष कृपा पाना चाहते हैं तो इन मंत्रों और श्लोकों का जरूर करें जाप। इससे आपकी हर परेशानी का हो जाएगा अंत।

shiv mantra

Shivji Ke Mantras

Shiv Mantra And Shlok: शिव मंत्र भोलेनाथ को प्रसन्न करने का सबसे कारगर तरीका है। कहते हैं जो भक्त सच्चे मन से शिव के मंत्रों का जाप करते हैं उनसे महादेव शीघ्र ही प्रसन्न हो जाते हैं। शिव जी के मंत्रों के जाप से जीवन की हर परेशानी का अंत हो जाता है। आज सावन शिवरात्रि के शुभ अवसर पर हम आपको भगवान शिव के सबसे प्रभावशाली मंत्रों के बारे में बताने जा रहे हैं। यहां आप देखेंगे शिव बीज मंत्र, पंचाक्षर मंत्र, गायती मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र, शिव नामावली मंत्र, शिव ताडंव स्तोत्र, शिवाष्टक और शिव रुद्राय मंत्र।

Shiv Beej Mantra (शिव बीज मंत्र)

  • ॐ ह्रीं नम: शिवाय
  • ह्रौं

Shiv Panchakshar Mantra (शिव पंचाक्षर मंत्र)

ॐ नम: शिवाय।

Shiv Mahamrityunjaya Mantra (शिव महामृत्युंजय मंत्र)

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

Shiv Namavali Mantra (श‍िव नामावली मंत्र)

  • श्री शिवाय नम:।।
  • श्री शंकराय नम:।।
  • श्री महेश्वराय नम:।।
  • श्री सांबसदाशिवाय नम:।।
  • श्री रुद्राय नम:।।
  • ओम पार्वतीपतये नम:।।
  • ओम नमो नीलकण्ठाय नम:।।

Shiv Namaskar Mantra (शिव नमस्कार मंत्र)

शम्भवाय च मयोभवाय च नमः शंकराय च मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च।।
ईशानः सर्वविध्यानामीश्वरः सर्वभूतानां ब्रम्हाधिपतिमहिर्बम्हणोधपतिर्बम्हा शिवो मे अस्तु सदाशिवोम।।

Om Namah Parvati Pataye Har Har Mahadev Lyrics In Hindi (ॐ नमः पार्वती पतये हर हर महादेव)

ॐ नमः पार्वती पतये, हर-हर महादेव

Shiv Rudraya Mantra (शिव रुद्राय मंत्र)

ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः

Shiv Gayatri Mantra (शिव गायत्री मंत्र)

ओम तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात।।

Shiv Panchakshar Stotra (श्री शिव पंचाक्षर स्तोत्र)

नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय
नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मै न काराय नम: शिवाय:॥
मंदाकिनी सलिल चंदन चर्चिताय नंदीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय
मंदारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय तस्मै म काराय नम: शिवाय:॥
शिवाय गौरी वदनाब्जवृंद सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय
श्री नीलकंठाय वृषभद्धजाय तस्मै शि काराय नम: शिवाय:॥
अवन्तिकायां विहितावतारं मुक्तिप्रदानाय च सज्जनानाम्।
अकालमृत्यो: परिरक्षणार्थं वन्दे महाकालमहासुरेशम्।।

Shiv Tadav Stotram (शिव तांडव स्तोत्र)

जटाटवीग लज्जलप्रवाहपावितस्थले
गलेऽवलम्ब्यलम्बितां भुजंगतुंगमालिकाम्‌।
डमड्डमड्डमड्डम न्निनादवड्डमर्वयं
चकार चंडतांडवं तनोतु नः शिवः शिवम ॥1॥
जटा कटा हसंभ्रम भ्रमन्निलिंपनिर्झरी ।
विलोलवी चिवल्लरी विराजमानमूर्धनि ।
धगद्धगद्ध गज्ज्वलल्ललाट पट्टपावके
किशोरचंद्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं ममं ॥2॥
धरा धरेंद्र नंदिनी विलास बंधुवंधुर-
स्फुरदृगंत संतति प्रमोद मानमानसे ।
कृपाकटा क्षधारणी निरुद्धदुर्धरापदि
कवचिद्विगम्बरे मनो विनोदमेतु वस्तुनि ॥3॥
जटा भुजं गपिंगल स्फुरत्फणामणिप्रभा-
कदंबकुंकुम द्रवप्रलिप्त दिग्वधूमुखे ।
मदांध सिंधु रस्फुरत्वगुत्तरीयमेदुरे
मनो विनोदद्भुतं बिंभर्तु भूतभर्तरि ॥4॥
सहस्र लोचन प्रभृत्य शेषलेखशेखर-
प्रसून धूलिधोरणी विधूसरांघ्रिपीठभूः ।
भुजंगराज मालया निबद्धजाटजूटकः
श्रिये चिराय जायतां चकोर बंधुशेखरः ॥5॥
ललाट चत्वरज्वलद्धनंजयस्फुरिगभा-
निपीतपंचसायकं निमन्निलिंपनायम्‌ ।
सुधा मयुख लेखया विराजमानशेखरं
महा कपालि संपदे शिरोजयालमस्तू नः ॥6॥
कराल भाल पट्टिकाधगद्धगद्धगज्ज्वल-
द्धनंजया धरीकृतप्रचंडपंचसायके ।
धराधरेंद्र नंदिनी कुचाग्रचित्रपत्रक-
प्रकल्पनैकशिल्पिनि त्रिलोचने मतिर्मम ॥7॥
नवीन मेघ मंडली निरुद्धदुर्धरस्फुर-
त्कुहु निशीथिनीतमः प्रबंधबंधुकंधरः ।
निलिम्पनिर्झरि धरस्तनोतु कृत्ति सिंधुरः
कलानिधानबंधुरः श्रियं जगंद्धुरंधरः ॥8॥
प्रफुल्ल नील पंकज प्रपंचकालिमच्छटा-
विडंबि कंठकंध रारुचि प्रबंधकंधरम्‌
स्मरच्छिदं पुरच्छिंद भवच्छिदं मखच्छिदं
गजच्छिदांधकच्छिदं तमंतकच्छिदं भजे ॥9॥
अगर्वसर्वमंगला कलाकदम्बमंजरी-
रसप्रवाह माधुरी विजृंभणा मधुव्रतम्‌ ।
स्मरांतकं पुरातकं भावंतकं मखांतकं
गजांतकांधकांतकं तमंतकांतकं भजे ॥10॥
जयत्वदभ्रविभ्रम भ्रमद्भुजंगमस्फुर-
द्धगद्धगद्वि निर्गमत्कराल भाल हव्यवाट्-
धिमिद्धिमिद्धिमि नन्मृदंगतुंगमंगल-
ध्वनिक्रमप्रवर्तित प्रचण्ड ताण्डवः शिवः ॥11॥
दृषद्विचित्रतल्पयोर्भुजंग मौक्तिकमस्रजो-
र्गरिष्ठरत्नलोष्टयोः सुहृद्विपक्षपक्षयोः ।
तृणारविंदचक्षुषोः प्रजामहीमहेन्द्रयोः
समं प्रवर्तयन्मनः कदा सदाशिवं भजे ॥12॥
कदा निलिंपनिर्झरी निकुजकोटरे वसन्‌
विमुक्तदुर्मतिः सदा शिरःस्थमंजलिं वहन्‌ ।
विमुक्तलोललोचनो ललामभाललग्नकः
शिवेति मंत्रमुच्चरन्‌ कदा सुखी भवाम्यहम्‌ ॥13॥
निलिम्प नाथनागरी कदम्ब मौलमल्लिका-
निगुम्फनिर्भक्षरन्म धूष्णिकामनोहरः ।
तनोतु नो मनोमुदं विनोदिनींमहनिशं
परिश्रय परं पदं तदंगजत्विषां चयः ॥14॥
प्रचण्ड वाडवानल प्रभाशुभप्रचारणी
महाष्टसिद्धिकामिनी जनावहूत जल्पना ।
विमुक्त वाम लोचनो विवाहकालिकध्वनिः
शिवेति मन्त्रभूषगो जगज्जयाय जायताम्‌ ॥15॥
इमं हि नित्यमेव मुक्तमुक्तमोत्तम स्तवं
पठन्स्मरन्‌ ब्रुवन्नरो विशुद्धमेति संततम्‌ ।
हरे गुरौ सुभक्तिमाशु याति नांयथा गतिं
विमोहनं हि देहना तु शंकरस्य चिंतनम ॥16॥
पूजाऽवसानसमये दशवक्रत्रगीतं
यः शम्भूपूजनमिदं पठति प्रदोषे ।
तस्य स्थिरां रथगजेंद्रतुरंगयुक्तां
लक्ष्मी सदैव सुमुखीं प्रददाति शम्भुः ॥17॥

Shivashtakam Lyrics (शिवाष्टक)

प्रभुं प्राणनाथं विभुं विश्वनाथं जगन्नाथ नाथं सदानन्द भाजाम् ।
भवद्भव्य भूतेश्वरं भूतनाथं, शिवं शङ्करं शम्भु मीशानमीडे ॥ 1 ॥
गले रुण्डमालं तनौ सर्पजालं महाकाल कालं गणेशादि पालम् । जटाजूट गङ्गोत्तरङ्गै र्विशालं,
शिवं शङ्करं शम्भु मीशानमीडे ॥ 2॥
मुदामाकरं मण्डनं मण्डयन्तं महा मण्डलं भस्म भूषाधरं तम् । अनादिं ह्यपारं महा मोहमारं,
शिवं शङ्करं शम्भु मीशानमीडे ॥ 3 ॥
वटाधो निवासं महाट्टाट्टहासं महापाप नाशं सदा सुप्रकाशम् । गिरीशं गणेशं सुरेशं महेशं,
शिवं शङ्करं शम्भु मीशानमीडे ॥ 4 ॥
गिरीन्द्रात्मजा सङ्गृहीतार्धदेहं गिरौ संस्थितं सर्वदापन्न गेहम् । परब्रह्म ब्रह्मादिभिर्-वन्द्यमानं,
शिवं शङ्करं शम्भु मीशानमीडे ॥ 5 ॥
कपालं त्रिशूलं कराभ्यां दधानं पदाम्भोज नम्राय कामं ददानम् । बलीवर्धमानं सुराणां प्रधानं,
शिवं शङ्करं शम्भु मीशानमीडे ॥ 6 ॥
शरच्चन्द्र गात्रं गणानन्दपात्रं त्रिनेत्रं पवित्रं धनेशस्य मित्रम् । अपर्णा कलत्रं
सदा सच्चरित्रं, शिवं शङ्करं शम्भु मीशानमीडे ॥ 7 ॥
हरं सर्पहारं चिता भूविहारं भवं वेदसारं सदा निर्विकारं। श्मशाने वसन्तं मनोजं दहन्तं,
शिवं शङ्करं शम्भु मीशानमीडे ॥ 8 ॥
स्वयं यः प्रभाते नरश्शूल पाणे पठेत् स्तोत्ररत्नं त्विहप्राप्यरत्नम् । सुपुत्रं सुधान्यं
सुमित्रं कलत्रं विचित्रैस्समाराध्य मोक्षं प्रयाति ॥
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लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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