Shri Rudrashtakam Mantra: चमत्कारी है श्री शिव रुद्राष्टकम स्तुति, भगवान राम ने भी किया था इसका पाठ

Shri Rudrashtakam Path Lyrics: श्रीरुद्राष्टकम् पाठ बेहद फलदायी माना जाता है। कहते हैं भगवान राम ने रावण का वध करने से पहले इस स्तुति का पाठ किया था। यहां देखिए श्री शिव रुद्राष्टकम स्तुति के लिरिक्स।

Shri Rudrashtakam Lyrics

Shri Rudrashtakam Lyrics In Hindi

Shri Rudrashtakam Lyrics: श्री शिव रुद्राष्टकम स्तुति का पाठ बेहद फलदायी माना जाता है। कहते हैं इस स्तुति को करने से शिव जी तुरंत प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों के सारे कष्ट दूर कर देते हैं। शिव रुद्राष्टकम बेहद अद्भुत स्तुति है। यदि शत्रुओं से घिरे हैं तो कुशा के आसन पर बैठकर लगातार 7 दिनों तक सुबह-शाम दोनों समय 'रुद्राष्टकम' स्तुति का पाठ करना चाहिए। इससे शत्रुओं का नाश हो जाएगा। रामायण के अनुसार भगवान श्रीराम ने रावण पर विजय पाने के लिए रूद्राष्टकम स्तुति का पाठ किया था। यहां देखिए श्री शिव रूद्राष्टकम स्तुति के लिरिक्स (Rudrashtakam Stuti Lyrics In Hindi)

भगवान शिव की असीम कृपा दिलाएगी आशुतोष शशांक शेखर

Shri Rudrashtakam Lyrics

॥ श्रीरुद्राष्टकम् ॥

नमामीशमीशान निर्वाणरूपं

विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् ।

निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं

चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम् ॥ १॥

निराकारमोंकारमूलं तुरीयं

गिरा ज्ञान गोतीतमीशं गिरीशम् ।

करालं महाकाल कालं कृपालं

गुणागार संसारपारं नतोऽहम् ॥ २॥

तुषाराद्रि संकाश गौरं गभीरं

मनोभूत कोटिप्रभा श्री शरीरम् ।

स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारु गङ्गा

लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजङ्गा ॥ ३॥

चलत्कुण्डलं भ्रू सुनेत्रं विशालं

प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम् ।

मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालं

प्रियं शंकरं सर्वनाथं भजामि ॥ ४॥

प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं

अखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशम् ।

त्रयः शूल निर्मूलनं शूलपाणिं

भजेऽहं भवानीपतिं भावगम्यम् ॥ ५॥

कलातीत कल्याण कल्पान्तकारी

सदा सज्जनानन्ददाता पुरारी ।

चिदानन्द संदोह मोहापहारी

प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी ॥ ६॥

न यावत् उमानाथ पादारविन्दं

भजन्तीह लोके परे वा नराणाम् ।

न तावत् सुखं शान्ति सन्तापनाशं

प्रसीद प्रभो सर्वभूताधिवासम् ॥ ७॥

न जानामि योगं जपं नैव पूजां

नतोऽहं सदा सर्वदा शम्भु तुभ्यम् ।

जरा जन्म दुःखौघ तातप्यमानं

प्रभो पाहि आपन्नमामीश शम्भो ॥ ८॥

रुद्राष्टकमिदं प्रोक्तं विप्रेण हरतोषये ।

ये पठन्ति नरा भक्त्या तेषां शम्भुः प्रसीदति ॥

॥ इति श्रीगोस्वामितुलसीदासकृतं श्रीरुद्राष्टकं संपूर्णम् ॥

कैसे करें श्री शिव रुद्राष्टकम स्तुति का पाठ

श्री शिव रुद्राष्टकम स्तुति का पाठ करने से पहले भगवान शिव की पूजा-अर्चना करें। उनके समक्ष घी का दीपक जलाएं। फिर उनके मंत्रों का जाप करें। इसके बाद एक साफ आसन पर बैठकर पूर्व दिशा की तरफ अपना मुख करके पूरी श्रद्धा से श्री शिव स्तुति का पाठ करें। इस पाठ को करने से हर प्रकार की बाधाएं दूर हो जाती हैं।

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