Shukra Pradosh Vrat Katha: शुक्रवार प्रदोष व्रत में पढ़ें ये पौराणिक कथा, हर कष्ट से मिल जाएगी मुक्ति
Shukrawar Pradosh Vrat Katha (शुक्रवार प्रदोष व्रत कथा 2024): जब प्रदोष व्रत शुक्रवार के दिन आता है तो उसे शुक्र प्रदोष व्रत के नाम से पुकारा जाता है। आज 19 जुलाई को आषाढ़ शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत है। यहां आप जानेंगे शुक्र प्रदोष व्रत की पावन कथा।
Shukra Pradosh Vrat Katha
Shukra Pradosh Vrat Katha In Hindi: शुक्रवार प्रदोष व्रत की कथा अनुसार एक नगर में 3 दोस्त रहा करते थे। एक दोस्त का नाम राजकुमार, दूसरे का ब्राह्मण कुमार और तीसरा का नाम धनिक पुत्र था। इन तीनों में से राजकुमार और ब्राह्मण कुमार दोनों की शादी हो चुकी थी और वे अपनी अपने खुशहाल वैवाहिक जीवन का आनंद ले रहे थे। कुछ समय बाद उनके दोस्त धनिक पुत्र की भी शादी हो गई लेकिन उसका अभी गौना बाकी था। इसलिए उसकी पत्नी अभी मायके में रहती थी। एक दिन तीनों दोस्त साथ बैठकर वार्तालाप कर रहे थे। जिस पर ब्राह्मण कुमार ने स्त्रियों की तारीफ करते हुए कहा कि नारी हीन घर भूतों का डेरा होता है।
इन तीन राशियों पर चल रही है शनि साढ़े साती
धनिक पुत्र ने की ये बात धनिक पुत्र को दिल पर लग गई और उसने जल्द ही अपनी पत्नी को घर लाने का निर्णय लिया। धनिक पुत्र को उसके माता-पिता ने खूब समझाया कि इस समय शुक्र डूबे हैं तो बहू को लाना सही नहीं है। लेकिन धनिक पुत्र ने अपने मां-बाप की एक नहीं सुनी और वह अपनी पत्नी को लेने उसके मायके चला गया। जहां लड़की के घर वालों ने भी धनिक पुत्र को खूब समझाया लेकिन वह फिर भी अपनी पत्नी को जबरदस्ती विदा करा लाया।
विदाई के बाद दोनों पति-पत्नी शहर से निकले ही रहे थे कि अचानक से उनकी बैलगाड़ी का पहिया निकल गया और जिससे बैल की टांग टूट गई। इस दौरान दोनों पति-पत्नी को भी खूब चोट लगी लेकिन फिर भी वे चलते रहे। इसके कुछ देर बाद उन लोगों को डाकूओं ने पकड़ लिया। डाकूओं ने उनका सारा धन लूट लिया। जैसे ही दोनों घर पहुंचे तो धनिक पुत्र को सांप ने कांट लिया। जिसके बाद उसके पिता ने वैद्य को बुलाया तो वैद्य ने बताया कि 3 से 4 दिन में इसकी मृत्यु हो जाएगी। इस बच पाना असंभव है।
जब धनिक पुत्र के मित्र ब्राह्मण कुमार को अपने दोस्त की सूचना मिली तो वह उसके घर पहुंचा और उसने दोस्त के माता-पिता को शुक्र प्रदोष व्रत करने के लिए कहा। साथ ही उसने कहा कि इसे इसकी पत्नी सहित ससुराल भेज दें। धनिक ने ब्राह्मण कुमार की बात मानकर दोनों को ससुराल पहुंचा दिया। कुछ समय बाद धनिक पुत्र ठीक हो गया। ये शुक्र प्रदोष का ही माहात्म्य था जिससे उसे फिर से जीवनदान मिल गया।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (spirituality News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें
19 January 2025 Panchang (19 जनवरी 2025 आज का पंचांग): कल इतने बजे रहेगा राहुकाल, पंचांग के जानें दिशा शूल, शुभ मुहूर्त, तिथि और रविवार के उपाय
Havan Ahuti Mantra 108: हवन आहुति मंत्र 108 और हवन करने की विधि यहां देखें, जिससे पंडित जी न मिलें तो आप खुद भी कर सकते हैं हवन
Kaal Sarp Dosh Upay: मौनी अमावस्या पर कर लें ये 3 खास उपाय, कालसर्प दोष से मिलेगी मुक्ति तो घर में आएगी सुख और समृद्धि
18 January 2025 Panchang (18 जनवरी 2025 आज का पंचांग): पंचांग से जानिए शनिवार को कब है पूजा का शुभ मुहूर्त, कब से कब तक रहेगा राहुकाल
Moon Rise Time, 17 January 2025: पंचांग से जानिए सकट चौथ का चांद कितने बजे दिखाई देगा
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited