Sindhi Teej 2024 Date And Time: आज रखा जा रहा है सिंधी तीज का व्रत, यहां जानें पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व
Sindhi Teej 2024 Puja Vidhi, Shub Muhurat: सिंधी तीज का व्रत सिंधी समुदाय के लोगों द्वारा बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं इसकी पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में।
Sindhi Teej 2024
Sindhi Teej 2024 Puja Vidhi, Shub Muhurat: सिंधी तीज का व्रत हर साल भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि के दिन रखा जाता है। इस साल सिंधी तीज का व्रत 22 अगस्त 2024 को रखा जाएगा। इस दिन कजरी तीज का भी व्रत रखा जाता है। सिंधी तीज का व्रत सिंधी समुदाय की महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और परिवार की सुख, समृद्धि की कामना के लिए रखती हैं। सिंधी तीज के दिन तीजड़ी माता की पूजा की जाती है, इसलिए इसे सिंधी तीजड़ी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन महिलाएं अपने हाथों में मेहंदी रचाती हैं और सोलह सिंगार करके तीजड़ी माता की पूजा करती हैं। इस दिन विवाहित स्त्रियों द्वारा निर्जला रहकर व्रत किया जाता है। आइए जानतें है इस व्रत पूजा विधि और महत्व के बारे में।
Sindhi Teej 2024 Puja Vidhi (सिंधी तीज पूजा विधि)
- सिंधी तीज के दिन महिलाएं सुबह उठकर मुसाग जड़ी बूटी से अपने दांत साफ करती हैं।
- फिर स्नान के बाद सुबह ही मिठाई, फल और रबड़ी का सेवन कर लेती हैं।
- उसके बाद सूर्योदय होते ही इस व्रत की शुरुआत बिना जल ग्रहण किये कर देती हैं।
- फिर सिंगार करके तीजड़ी माता की पूजा की जाती है और कुछ दिन पहले लगाए हुए पौधे को जल दिया जाता है।
- शाम के समय में सूर्यास्त से पहले तीजड़ी माता की कथा का पाठ करें।
- उसके बाद चंद्रमा के निकलने के बाद चंद्रमा को साबूत चावल, कच्चा दूध, चीनी और खीरा का अर्ध्य अर्पित करें।
- पूजा के बाद महिलाएं सात्विक भोजन करके अपने व्रत का पारण करती हैं।
Sindhi Teej 2024 Shubh Muhurat (सिंधी तीज 2024 शुभ मुहूर्त)
सिंधी तीज का व्रत इस साल 22 अगस्त 2024 को रखा जाएगा। इस दिन सुबह की पूजा का शुभ मुहूर्त 6 बजे से लेकर 7 बजकर 10 मिनट तक रहेगा। वहीं शाम के समय में 5 बजकर 54 मिनट से लेकर 7 बजकर 32 मिनट तक रहेगा। इस दिन चंद्रोदय रात 08 बजकर 44 मिनट पर होगा। इस समय में चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित करें।
Sindhi Teej Mahatav (सिंधी तीज महत्व)
सिंधी समुदाय के लोगों का सिंधी तीज व्रत का खास महत्व है। सिंधी तीज का व्रत सिंधी समुदाय की महिलाओं के द्वारा रखा जाता है। ये व्रत विवाहित स्त्रियां पति की लंबी आयु के लिए करती हैं। इसके साथ ही इस व्रत को करने से परिवार में भी सुख, समृद्धि आती है और महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
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जयंती झा author
बिहार के मधुबनी जिले से की रहने वाली हूं, लेकिन शिक्षा की शुरुआत उत्तर प्रदेश की गजियाबाद जिले से हु...और देखें
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